Hathras Accident: सैमरा में एक साथ उठे 14 जनाजे, कंधा देने उमड़े 14 गांव; जनरथ और लोडर की भिड़ंत में हुई थी 17 की मौत
रोडवेज की जनरथ बस और मैक्स की टक्कर से 17 की मौत हो चुकी है। मरने वालों में महिलाएं बच्चे और पुरुष शामिल हैं। खंदौली के सैमरा गांव में शव पहुंचे तो कोहराम मच गया। जनसमूह इतना था कि घर से एक किलोमीटर दूर कब्रिस्तान तक लोगों के बिना चले ही जनाजे कंधों पर होते हुए पहुंचे। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे और सभी शव को दफनाया गया।
जागरण संवाददाता, आगरा। सैमरा में शनिवार दोपहर एक साथ 14 जनाजे उठे तो गांव में कोहराम मच गया। मरने वालों के परिवारों के रूदन से गांव की गलियां दहल उठीं। जनाजों को कंधा देने के लिए उमड़े दूर-दराज के 14 से अधिक गांव के सैकड़ों लोगों की आंख भी छलक उठीं।
हादसे में मरने वाले 17 लोगों में दो को आंवलखेड़ा और एक काे रामगढ़, फिरोजाबाद में दफन किया गया।ग्रामीणों द्वारा बवाल की आशंका पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारी और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। केंद्रीय पंचायती राज राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल समेत अन्य राजनीतिक दलों के लोग ने सैमरा पहुंचकर परिवारों को सांत्वना दी।
जनरथ बस की मैक्स में टक्कर से 17 लोगों की मृत्यु हो गई थी
हाथरस के मीतई क्षेत्र में शुक्रवार शाम को रोडवेज की जनरथ बस की मैक्स में टक्कर से 17 लोगों की मृत्यु हो गई थी। सैमरा के बेदरिया की बेटी असगरिया की सास अंगूरी देवी की मृत्यु हो गई थी, उनके चालीसवां में शामिल होकर लौट रहे थे। मरने वालों में मुन्ने खां, मुस्कान, मनीष उर्फ भोला, खुश्बू, अल्फेज, हामिद उनकी पत्नी तबस्सुम और दोनों बच्चों सूफियान, सोएब के अलावा इरशाद, छोटे के शुक्रवार रात तीन बजे तक सैमरा पहुंच गए थे। नजमा पत्नी आबिद और उनकी दो वर्ष बेटी अप्पी के शव आंवलखेड़ा और मुनीर के शव को उनके स्वजन रामगढ़, फिरोजाबाद ले गए।
कफन सिलने के लिए गांव में बुलाया दर्जी
कफन सिलने के लिए दर्जी को गांव में ही बुला लिया गया था। पांच भाइयों के परिवार के 14 लोगों की म़ृत्यु की जानकारी होने पर बड़ी संख्या रिश्तेदार और परिचित पहुंचे थे। आसपास के गांव नगला जालिम, गढ़ी रामी, लहलर, राम नगर, नगला बीधा, नगला बास, नगला जोगी, बमानी, वमान, खंदौली समेत 14 से अधिक गांव के सैकड़ों लोग वहां पहुंचे। राजनीतिक दलों के पदाधिकारी भी बड़ी संख्या में पहुंचे।
गांव के कब्रिस्तान में किया दफन
एक साथ 14 शवों को कंधा देने के लिए जैसे ही उठाया गया, उनके परिवारों की महिलाओं का करुण क्रंदन सुन पूरा गांव रोने लगा। तबस्सुम की कब्र उनके दोनों बच्चों के पास बनाई गई थी। दोपहर दो बजे सभी शवों को गांव सैमरा के कब्रिस्तान में दफन किया गया।
गांव में तैनात रही पुलिस
सैमरा में जुटे सैकड़ों लोगों के आक्रोशित होने पर बवाल की आशंका थी। जिसे देखते हुए गांव में एसीपी एत्मादपुर पीयूषकांत राय, तहसीलदार एत्मादपुर के साथ कई थानों का पुलिस बल मौजूद रहा। इस दौरान सादे कपड़ों में भी पुलिस तैनात रही। जिससे कि भीड़ को उकसाने वालों पर नजर रखी जा सके।