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फतेहाबाद: मूर्ति विसर्जन देखने गए 3 बालक यमुना में डूबे, एक की मौत; चारपाई पर बैठ आराम फरमाते रहे पुलिसकर्मी

दुर्गा नवमी पर देवी मूर्ति का विसर्जन देखने गए तीन बालक यमुना नदी में डूब गए। एक की मृत्यु हो गई जबकि ग्रामीणों ने दो को बचा लिया। हादसे के बाद गुस्साए स्वजनों ने फतेहाबाद - फिरोजाबाद मार्ग पर शव रखकर आधा घंटे तक जाम लगाया । उनका आरोप है कि पुलिसकर्मियों की लापरवाही से यह हादसा हुआ है ।

By Munna SharmaEdited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 12 Oct 2024 09:07 PM (IST)
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मूर्ति विसर्जन देखने गए तीन बालक यमुना नदी में डूबे - प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। दुर्गा नवमी पर देवी मूर्ति का विसर्जन देखने गए तीन बालक यमुना नदी में डूब गए। एक की मृत्यु हो गई जबकि ग्रामीणों ने दो को बचा लिया। हादसे के बाद गुस्साए स्वजन ने फतेहाबाद-फिरोजाबाद मार्ग पर शव रखकर आधा घंटे जाम लगाया। उन्होंने यमुना नदी के घाट पर तैनात पुलिसकर्मियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। कहा, यदि पुलिसकर्मी सतर्क होते तो बच्चे की जान बचाई जा सकती थी। क्षेत्रीय विधायक छोटेलाल वर्मा और एसीपी अमरदीप लाल के समझाने पर जाम खुलवाया जा सका।

शंकरपुर घाट पर शनिवार को देवी मूर्तियों का विसर्जन हो रहा था। धारापुरा गांव के योगेश का 12 वर्षीय बेटा दीपक, 10 वर्षीय आनंद और पड़ोस के प्रमोद का 12 वर्षीय बेटा शिवम उर्फ गोलू दोपहर दो बजे यमुना नदी के शंकरपुर घाट पर देवी मूर्तियों का विसर्जन देखने गए थे। क्षेत्रीय ग्रामीणों ने बताया कि अचानक पैर फिसलने से दीपक यमुना नदी में डूब गया। पास खड़े योगेश और शिवम भी उसे बचाने के लिए कूद गए।

उन्हें भी डूबते देख मौके पर मौजूद लोगों ने योगेश और शिवम को तो बचा लिया लेकिन शिवम का पता नहीं चला। सूचना पर बड़ी संख्या में स्वजन और ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। करीब 20 मिनट खोजबीन के बाद दीपक मिल गया। स्वजन उसे निजी अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। हादसे के बाद गुस्साए स्वजन शव लेकर धारापुरा गांव पहुंचे और फतेहाबाद-फिरोजाबाद मार्ग पर जाम लगाकर हंगामा शुरू कर दिया। विधायक और एसीपी ने समझाकर जाम खुलवाया।

चारपाई पर बैठ आराम फरमाते रहे पुलिसकर्मी

दीपक के स्वजन ने विधायक को बताया कि मूर्ति विसर्जन के लिए शंकरपुर घाट पर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी थी। वे 200 मीटर दूर भोलेनाथ मंदिर पर चारपाई पर बैठकर आराम फरमा रहे थे। उनकी लापरवाही की वजह से घटना हुई है। अगर पुलिसकर्मी घाट पर मौजूद होते तो बच्चे नहीं डूबते। उन्होंने पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।

प्रतिबंध के बावजूद यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन

नदी में मूर्ति विसर्जन पर पाबंदी के आदेश नहीं मानने पर हादसा हुआ। यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन पर रोक के कारण प्रशासन ने पास ही गड्ढा खोदवाया था। लोगों को वहीं मूर्ति विसर्जन के लिए कहा जा रहा था। बावजूद इसके भीड़ गड्ढों में मूर्ति विसर्जन न कर यमुना नदी में कर रही थी। मौके पर मौजूद चंद पुलिसकर्मियों ने उन्हें हिदायत देने के बजाय रामभरोसे छोड़ दिया।

इनकी थी तैनाती

  • तीन चौकी प्रभारी, दो उपनिरीक्षक और एक सिपाही।

खारी नदी में डूबी किशोरी को बचाने डूबे दो युवक, सुराग नहीं

फतेहपुर सीकरी: मूर्ति विसर्जन के दौरान खारी नदी में डूबी किशोरी को बचाने के प्रयास में दो युवक डूब गए। दोनों का सुराग नहीं लगा है। उंदेरा, फतेहपुर सीकरी के ग्रामीण शनिवार शाम 3:30 बजे ट्रैक्टर-ट्राली में माता की मूर्ति लेकर विसर्जन के लिए पहुंचे थे।

अबीर-गुलाल उड़ाते हुए नृत्य किया जा रहा था। किनारे खड़ी 16 वर्षीय सरस्वती पुत्री मुंशी ठेकेदार अचानक फिसलकर नदी में डूब गई। यह देख हरिश्चंद्र प्रधान के 22 वर्षीय बेटे अनिल उसे बचाने के लिए कूद पड़े। उन्होंने सरस्वती को तो बाहर निकाल दिया लेकिन खुद गहरे पानी में डूब गए। पड़ोस के 19 वर्षीय सौरभ पुत्र श्यामबाबू उन्हें बचाने के लिए कूदे लेकिन बाहर नहीं निकल सके।

ग्रामीणों ने काफी देर तक खोजबीन की लेकिन अनिल और सौरभ का पता नहीं चला। हादसे के बाद बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने आक्रोश जताया। विधायक चौधरी बाबूलाल से कहा, दोनों को बचाने के लिए गोताखोर नहीं बुलाए गए। घटना के काफी देर बाद पुलिस व प्रशासन के अधिकारी पहुंचे। वहीं अनिल मजदूर हैं। उनके एक बेटा और एक बेटी है। सौरभ भी मजदूरी करते हैं।

दो घंटे बाद मैं पहुंचा, एसडीएम-एसीपी नहीं आ सकते थे: विधायक

हादसे के दो घंटे बाद करीब छह बजे मौके पर पहुंचे क्षेत्रीय विधायक चौधरी बाबूलाल पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के नहीं पहुंचने पर नाराज हो गए। उन्होंने डीएम और पुलिस आयुक्त को फोन कर शिकायत की। 6:30 बजे एसीपी से विधायक की नोकझोंक भी हो गई। विधायक ने कहा, दो घंटे बाद मैं पहुंचा हूं। इतने समय में भी एसडीएम और एसीपी नहीं पहुंच सकते थे।

पीएसी गोताखोर क्यों नहीं बुलाए गए। यह पुलिस और प्रशासन की बड़ी लापरवाही है। विधायक ने ब्लाक प्रमुख गुड्डू चाहर, राजेंद्र सिंह प्रधान, बंटी सिसोदिया आदि के साथ लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। वहीं जिस वक्त हादसा हुआ, एसडीएम राजेश कुमार पालिका क्षत्र में निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रहे थे जबकि एसीपी शेषमणि उपाध्याय किशोरी से दुष्कर्म की घटना की जानकारी ले रहे थे।

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