फतेहाबाद: मूर्ति विसर्जन देखने गए 3 बालक यमुना में डूबे, एक की मौत; चारपाई पर बैठ आराम फरमाते रहे पुलिसकर्मी
दुर्गा नवमी पर देवी मूर्ति का विसर्जन देखने गए तीन बालक यमुना नदी में डूब गए। एक की मृत्यु हो गई जबकि ग्रामीणों ने दो को बचा लिया। हादसे के बाद गुस्साए स्वजनों ने फतेहाबाद - फिरोजाबाद मार्ग पर शव रखकर आधा घंटे तक जाम लगाया । उनका आरोप है कि पुलिसकर्मियों की लापरवाही से यह हादसा हुआ है ।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। दुर्गा नवमी पर देवी मूर्ति का विसर्जन देखने गए तीन बालक यमुना नदी में डूब गए। एक की मृत्यु हो गई जबकि ग्रामीणों ने दो को बचा लिया। हादसे के बाद गुस्साए स्वजन ने फतेहाबाद-फिरोजाबाद मार्ग पर शव रखकर आधा घंटे जाम लगाया। उन्होंने यमुना नदी के घाट पर तैनात पुलिसकर्मियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। कहा, यदि पुलिसकर्मी सतर्क होते तो बच्चे की जान बचाई जा सकती थी। क्षेत्रीय विधायक छोटेलाल वर्मा और एसीपी अमरदीप लाल के समझाने पर जाम खुलवाया जा सका।
शंकरपुर घाट पर शनिवार को देवी मूर्तियों का विसर्जन हो रहा था। धारापुरा गांव के योगेश का 12 वर्षीय बेटा दीपक, 10 वर्षीय आनंद और पड़ोस के प्रमोद का 12 वर्षीय बेटा शिवम उर्फ गोलू दोपहर दो बजे यमुना नदी के शंकरपुर घाट पर देवी मूर्तियों का विसर्जन देखने गए थे। क्षेत्रीय ग्रामीणों ने बताया कि अचानक पैर फिसलने से दीपक यमुना नदी में डूब गया। पास खड़े योगेश और शिवम भी उसे बचाने के लिए कूद गए।
उन्हें भी डूबते देख मौके पर मौजूद लोगों ने योगेश और शिवम को तो बचा लिया लेकिन शिवम का पता नहीं चला। सूचना पर बड़ी संख्या में स्वजन और ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। करीब 20 मिनट खोजबीन के बाद दीपक मिल गया। स्वजन उसे निजी अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। हादसे के बाद गुस्साए स्वजन शव लेकर धारापुरा गांव पहुंचे और फतेहाबाद-फिरोजाबाद मार्ग पर जाम लगाकर हंगामा शुरू कर दिया। विधायक और एसीपी ने समझाकर जाम खुलवाया।
चारपाई पर बैठ आराम फरमाते रहे पुलिसकर्मी
दीपक के स्वजन ने विधायक को बताया कि मूर्ति विसर्जन के लिए शंकरपुर घाट पर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी थी। वे 200 मीटर दूर भोलेनाथ मंदिर पर चारपाई पर बैठकर आराम फरमा रहे थे। उनकी लापरवाही की वजह से घटना हुई है। अगर पुलिसकर्मी घाट पर मौजूद होते तो बच्चे नहीं डूबते। उन्होंने पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।
प्रतिबंध के बावजूद यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन
नदी में मूर्ति विसर्जन पर पाबंदी के आदेश नहीं मानने पर हादसा हुआ। यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन पर रोक के कारण प्रशासन ने पास ही गड्ढा खोदवाया था। लोगों को वहीं मूर्ति विसर्जन के लिए कहा जा रहा था। बावजूद इसके भीड़ गड्ढों में मूर्ति विसर्जन न कर यमुना नदी में कर रही थी। मौके पर मौजूद चंद पुलिसकर्मियों ने उन्हें हिदायत देने के बजाय रामभरोसे छोड़ दिया।इनकी थी तैनाती
- तीन चौकी प्रभारी, दो उपनिरीक्षक और एक सिपाही।