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Agra: बंधन बैंक में निष्क्रिय और फर्जी खातों में करोड़ों रुपये के लेनदेन पकड़ा, पूर्व मैनेजर सहित चार गिरफ्तार

Agra News दो वर्ष में हुआ 10 करोड़ का लेनदेन। पूर्व शाखा प्रबंधक समेत चार को जेल भेजा। चिलर प्लांट मालिक की शिकायत पर ताजगंज पुलिस ने जांच में पकड़ा खेल। पुलिस मोबाइल नंबरों से अधिक जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Mon, 27 Feb 2023 07:42 AM (IST)
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Agra News: बंधन बैंक में निष्क्रिय और फर्जी खातों से करोड़ों रुपये के लेनदेन पर्दाफाश, चार गिरफ्तार
आगरा, जागरण संवाददाता। बंधन बैंक में निष्क्रिय और फर्जी खातों में करोड़ों रुपये के लेनदेन का मामला पुलिस ने पकड़ा है। मामले में बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक, पूर्व सेल्स एक्जीक्यूटिव समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इन सभी को रविवार को जेल भेजा गया। खातों का प्रयाेग काले धन को सफेद करने के लिए हुआ या इसके पीछे अन्य राज है, पुलिस इसकी छानबीन कर रही है। उसने बैंक के एक दर्जन से अधिक खाते चिन्हित किए हैं। जिनसे दो वर्ष के दौरान 10 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है।

निष्क्रिय है खाता फिर भी लेनदेन

पुलिस आयुक्त डा. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि बंधन बैंक की संजय प्लेस और फतेहाबाद रोड पर शाखा हैं। मुख्य आरोपित प्रशांत पाल सिंह वर्ष 2019 से 2022 के दौरान दोनों शाखा में तैनात रहा है। बल्केश्वर निवासी चिलर प्लांट मालिक हरेंद्र ने पुलिस से शिकायत की। पुलिस को बताया कि बंधन बैक में उनका खाता है। इस खाते से वह लेनदेन नहीं करते हैं। काफी समय से निष्क्रिय है। हरेंद्र ने पिछले दिनों खाते को चेक किया ताे पता चला कि उससे 1.60 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है।

खाते में बाहर के खातों से रकम भेजी

उनके खाते में बाहर के खातों से रकम भेजी गई है। जिसे बाद में निकाल लिया गया। पुलिस ने जांच शुरू की। पता चला कि समीर अहमद नाम के खाता धारक के साथ भी इसी तरह की घटना हुई है।उनके खाते से 1.90 लाख रुपये का लेनदेन किया गया था। गिरोह के सदस्य जिबरान के खाते में 90 लाख रुपये का लेनदेन किया गया था।

चारों आरोपित भेजे जेल

पुलिस ने विस्तृत जांच शुरु की। इसमें पता चला कि बैंक के निष्क्रिय खातों खेल चल रहा है। इनमें आई धनराशि को कुछ देर बाद निकाल लिया जाता है। पुलिस के अनुसार गिरोह में एक दर्जन से अधिक लोग शामिल होने का अनुमान है। पुलिस ने शाखा प्रबंधक प्रशांंत पाल से पूछताछ की। उसका कहना था कि कोई जानकारी नहीं है। उसे अकारण फंसाया जा रहा है। पुलिस काे आशंका है कि प्रशांत को भी इस लेनदेन में कमीशन मिलता होगा। पुलिस के अनुसार चारों आरोपितों को रविवार को जेल भेज दिया गया।

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ये हुए गिरफ्तार

पूर्व शाखा प्रबंधक प्रशांत पाल निवासी मधुबन कालोनी खेरिया मोड़ शाहगंज, पूर्व सेल्स एक्जीक्यूटिव मोहम्मद फैज निवासी लोहामंडी, जिबरान निवासी शहीद नगर सदर और जाकिर निवासी हेरीटेज अपार्टमेंट ताजगंज। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित प्रपत्र तैयार करना, आपराधिक षड़यंत्र समेत अन्य धाराओं में अभियोग दर्ज किया गया है। पुलिस की प्रारंभिक छानबीन में सामने आया है कि अधिकांश खाते समुदाय विशेष के युवकों के नाम से खोले गए थे। पुलिस ने कई एेसे खाते चिन्हित किए जो लंबे समय से काफी समय से निष्क्रिय थे।

पुलिस के निशाने पर एक दर्जन से अधिक खाते

प्रभारी निरीक्षक ताजगंज बहादुर सिंह ने बताया पुलिस ने जांच की थी। एक दर्जन से अधिक खातों को चिन्हित किया गया है। इनमें 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन हुआ है। इसमें कुछ खाते निष्क्रिय ग्राहकों के हैं। जबकि कई नए खाते फर्जी पहचान पत्र पर खोले गए हैं। इनमें जिनके प्रपत्र लगे हैं,उनसे संपर्क किया। पता चला कि बैंक में ऋृण के लिए आवेदन किया था,वह नहीं मिला। इन खातों में मैसेज के लिए मोबाइल नंबर भी दूसरे दिए गए हैं।कई खातों की चेक बुक भी जारी कराई गई थी। चेक बुक डाक के माध्यम से खाता धारक के घर जाती है।

मुंबई-दिल्ली, कोलकाता भेजी जाती थी रकम, बड़े कारोबारी पर शक

पुलिस की छानबीन में पता चला कि फर्जी, निष्क्रिय खातों से धनराशि मुंबई, दिल्ली, कोलकाता आदि जगहों पर भेजी जाती थी। इस धनराशि को 24 से 48 घंटे में निकाल लिया जाता था। जिस नाम से खाता होता,वही व्यक्ति रुपये निकालने आता था। पुलिस इस लेनदेन के पीछे दो कारण मान रही है। पहला कारोबारियों का काला धन सफेद किया जा रहा है, दूसरा कोई गहरी साजिश। पुलिस ने प्रारंभिक छानबीन में एक बड़े कारोबारी को अपना निशाने पर लिया है। कारोबारी का राजनीति से भी रिश्ता रहा है। वह खातों में रकम भेजने वालों की जांच कर रही है। खातों में मैसेज के लिए दिए गए मोबाइल नंबरों के आधार पर उनका पता लगा रही है।  

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