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अच्‍छी है ये खबर, ताज के शहर में घट रही बेरोजगारों की जमात

सरकारी संस्था एनएसएसओ के पीरिओडिक लेबर फोर्स सर्वे से स्थिति हुई उजागर। देश के 45 शहरों में 34वें स्थान पर है ताजनगरी पहले पर इलाहाबाद दूसरे पर मेरठ।

By Tanu GuptaEdited By: Updated: Mon, 03 Jun 2019 02:48 PM (IST)
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अच्‍छी है ये खबर, ताज के शहर में घट रही बेरोजगारों की जमात

आगरा, संजीव जैन। आगरा में संचार सुविधाओं के विकास ने आधुनिक जीवन का ढर्रा बदल दिया है। शहर की बढ़ती जनसंख्या का नियोजन एक चुनौती बनता जा रहा है। दुनिया भर में अपने सौंदर्य के लिए जाने वाले ताजमहल के लिए मशहूर व स्मार्ट सिटी में चयनित होने के बाद भी आगरा में भले ही विकास प्रोजेक्ट पर कछुवा चाल से काम हो रहा हो, लेकिन बेरोजगारी यहां लगातार घट रही है। 10 लाख से अधिक आबादी वाले देश के 45 शहरों में आगरा 34वें स्थान पर है। इलाहबाद पहले, मेरठ दूसरे और पुणे तीसरे स्थान पर है। सबसे कम बेरोजगार महाराष्ट्र के वसई- विरार, गुजरात के राजकोट, हरियाणा के फरीदाबाद में हैं।

यह जानकारी सरकारी संस्था एनएसएसओ के पीरिओडिक लेबर फोर्स सर्वे में सामने आई है। यह सर्वे जुलाई, 2017 से जून, 2018 के बीच हुआ था। 31 मई को रिपोर्ट जारी की गयी है। सर्वे में 10 लाख से अधिक आबादी वाले 45 शहरों में बेरोजगारी दर की सूची दी गयी है। सर्वाधिक 8.9 फीसद बेरोजगारी दर इलाहबाद में है जबकि 8.5 फीसद बेरोजगारी दर के साथ मेरठ दूसरे नंबर पर और 7.5 फीसद बेरोजगारी दर के साथ पुणे तीसरे नंबर पर है। महाराष्ट्र का पिंपरी-चिंचवाड शहर चौथे, राजस्थान का कोटा पांचवे, उप्र का कानपुर सातवें, गाजियाबाद आठवें, धनबाद और लखनऊ नवें और पटना दसवें स्थान पर है। उप्र के सिर्फ दो शहर वाराणसी और आगरा ही ऐसे हैं जहां बेरोजगारी दर अपेक्षाकृत कम है। आगरा में बेरोजगारी दर 2.1 फीसद और वाराणसी में 3.6 फीसद है। एनसीआर में सबसे कम बेरोजगारी दर फरीदाबाद में 3.3 फीसद, दिल्ली में 3.9 फीसद और गाजियाबाद में 6.3 फीसद है।

अगर, पुरुष और महिला बेरोजगारी दर की बात करें तो 12.9 फीसद पुरुष बेरोजगारी दर के साथ मेरठ पूरे देश में अव्वल है, जबकि राजस्थान का कोटा इस मामले में 11.7 फीसद पुरुष बेरोजगारी दर के साथ दूसरे नंबर पर और 11.3 फीसद पुरुष बेरोजगारी दर के साथ इलाहबाद तीसरे नंबर पर है। हालांकि इन शहरों में महिला बेरोजगारी दर अपेक्षाकृत कम है।

तेजी से बढ़ते हुए शहरों में शुमार है आगरा

ग्लोबल रिसर्च यानि ऑक्सफोर्ड इकोनोमिक्स रिपोर्ट के अनुसार अगले 15 वर्षों में दुनिया के तीव्र विकास वाले 20 शहरों में 17 शहर भारत के होने वाले हैं। उनमें सबसे ऊपर सूरत का स्थान है। उसके बाद आगरा, बेंगलुरू, हैदराबाद और नागपुर हैं। इन शहरों के बाद तिरुपुर, राजकोट, तिरुचिरापल्ली, चेन्नई और विजयवाड़ा का नंबर है।

लगातार बढ़ रहा शहरीकरण

देश की आजादी के बाद आगरा की आबादी नौ गुणा बढ़ी है, जबकि बेरोजगारी आठ गुणा बढ़ी है। वर्ष 2001 की तुलना में आगरा में जनसंख्या वृद्धि दर 19.2 फीसद है और बेरोजगारी 18.11 फीसद बढ़ा है। कुल जनसंख्या में मुख्य कर्मकारों का फीसद 15.4 है। उनमें भी परिवारिक उद्योग पर आधारित फीसद मात्र तीन है। अन्य कृषक या कृषि श्रमिक है। पंजीकृत कार्यरत कारखानों में प्रति एक लाख जनसंख्या पर लगे व्यक्तियों की संख्या 452 है। जबकि वाणिज्यिक प्रतिष्ठान पर यह संख्या मात्र 1343 है। पर्यटन हब होने के कारण यहां से बेरोजगारों का पलायन नहीं हो रहा है। इटावा, एटा व मैनपुरी जैसे जिलों से जरूर बढ़ी संख्या में बेरोजगार यहां आ रहे हैं। 10863 वर्ग किमी में बसे आगरा की वर्ष 2001 में जनसंख्या 36,21,702 थी, जो वर्ष 2011 में बढकर 4418797 हो गई। जनसंख्या में आगरा का देश मेें 41वां व उप्र में 11वां स्थान है, जबकि शहरीकरण के स्तर में प्रदेश में 13वां स्थान है। उप्र में नगरीय जनसंख्या वृद्धि 28.75 फीसद हुई है, पर आगरा में 40.06 फीसद वृद्धि हुई है। जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण भौतिक विस्तार, आव्रजन तथा नगरीय सीमाओं में वृद्धि के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में सार्वजनिक सुविधाओं का अभाव है। महानगरों में जनसंख्या बढऩे के कारण यातायात, सीवरेज, पेयजल आदि की समस्या बढ़ रही है।

इस तरह बढ़ा आकार (11 साल में)

आबादी: 19.2 फीसद

वाहन: 182 फीसद

भवन: 153 फीसद

सड़क सुविधा: 12 फीसद (मथुरा रोड, एमजी रोड, यमुना एक्सप्रेस-वे आदि का चौड़ीकरण)

रिपोर्ट का सार

-32 हजार बेरोजगार: निजी कंपनियों के बलबूते आगरा में प्रति व्यक्ति आय बढ़ रही है। जिला सेवायोजन अधिकारी उज्ज्वल कुमार के अनुसार जिले में 32 हजार बेरोजगार पंजीकृत हैं जो तीन साल पहले 53 हजार थे। अभी पंजीकृत बेरोजगारों की जांच हो रही है। उम्मीद है कि उनमें से भी अधिकांश प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं।

- आगरा की प्रति व्यक्ति आय 104321 रुपये है जो एक वर्ष पहले 93213 रुपये थी। चमड़ा कारोबारी, पर्यटन उद्योग आदि कंपनियों का हर साल करोड़ों का टर्नओवर होने से आगरा की प्रति व्यक्ति आय में इजाफा हो रहा है।

- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जनपद में 376 समूहों का गठन हुआ। एक समूह में दस से बीस महिलाएं हैं।

- आगरा में खेतीहर मजदूरों की संख्या जरूर बढ़ी है। 

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