ये हौसलों की उड़ान है; अभाव में नहीं रुके कदम, अपने दम पर पाई सफलता, स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़कर फर्स्ट क्लास हुए पास
UP Board Result बालिका वधु बनने जा रही दो बहनों ने इंटर की परीक्षा में सफलता पाई। देवरी रोड निवासी चार भाई बहनों में शामिल दोनों के माता-पिता की बीमारी से मृत्यु हो गई। रिश्तेदार बड़ी बहनों को बालिका वधु बनाना चाहते थे राजस्थान में बेचना चाहते थे। उन्हें मुक्त कराकर पढ़ाई लिखाई शुरू कराई। दोनों बहनों ने परीक्षा पास की।
जागरण संवाददाता, आगरा। अभावों में कदम तो रुक सकते हैं, लेकिन हौसले नहीं टूटते। वह खुली आंखों से बड़े सपने देखते हैं, बल्कि उन्हें पाने के लिए जमकर मेहनत भी करते हैं। इन सपनों को जब निडर हौसलों के पंख लगते हैं, तो वह कुछ भी कर गुजरते हैं और अपनी कहानी खुद लिखते हैं। शनिवार को यूपी बोर्ड परीक्षा परिणाम में ऐसे ही कई गुदड़ी के लाल ने सफलता की कहानी लिखी।
झुग्गी व मलिन बस्ती की हो रही पूछ
पंचकुईया झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले और घरों में नीबू-मिर्च बांधकर लोगों की नजर उतारने का काम करने वाले यह बच्चे समाज की मुख्यधारा से दूर थे। भीख मांगते थे। लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस के संपर्क में आने पर उनका जीवन बदल गया। न सिर्फ सरकारी स्कूलों में प्रवेश मिला, बल्कि बोर्ड परीक्षा में सफलता भी पाई।
झुग्गी में बिजली, पानी और सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं था, तो सड़क को घर बनाकर स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़कर परीक्षा की तैयारी की। इनमें से शेरअली खान ने इंटर में 66 प्रतिशत और करीना, निर्जला और कामिनी ने हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की। शेर अली सैनिक बनकर देश सेवा करना चाहता है। जबकि करीना चिकित्सक, निर्जला पुलिस अधिकारी और कामिनी शिक्षक बनना चाहती है।
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इन्हें भी मिली सफलता
वहीं वजीरपुरा निवासी सानिया के पिता अबुल-उल्लाह दरगाह पर फूल बेचते हैं। आर्थिक तंगी के कारण सानिया को पढ़ाई छोड़ने पड़ रही थी, तब उन्हें सहारा मिला और सेंट जोंस इंटर कालेज में दोबारा इंटर में प्रवेश। उन्होंने हार नहीं मानी और प्रथम श्रेणी से परीक्षा पास की। सानिया अधिवक्ता बनना चाहती हैं।वहीं Read Also: UP Politics: अलीगढ़ में बसपा प्रत्याशी की कार पर चढ़े भाजपाई, पार्टी का झंडा निकालकर नारे लगाए, चालक को भी पीटा
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