UP Chunav 2022: लंबे समय तक शांत रहकर भी कमाल कर गए चौधरी बाबूलाल, पढ़ें टिकट मिलने की पूरी कहानी
UP Chunav 2022 चौधरी बाबूलाल वर्ष 1990 में पनवारी कांड के हीरो बने थे। पनवारी कांड की गूंज देश में एवं विदेशों तक भी पहुंची। पनवारी कांड से चौधरी बाबूलाल की लोकप्रियता बढ़ती चली गई। 2017 के चुनावों में कट गया था बाबूलाल का टिकट।
आगरा, जागरण संवाददाता। फतेहपुर सीकरी विधानसभा क्षेत्र से घोषित किए गए चौधरी बाबूलाल चौधरी ने फतेहपुर सीकरी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव जीतकर परचम फहराया था। प्रदेश में गठबंधन की सरकारों में दो बार राज्य मंत्री भी बने।
चौधरी बाबूलाल वर्ष 2007 में फतेहपुर सीकरी की विधानसभा सीटें पराजित होने के बाद भाजपा पार्टी संगठन में लगे रहे केंद्रीय नेतृत्व ने वर्ष 2014 लोकसभा के चुनाव में फतेहपुर सीकरी लोकसभा से चौधरी बाबूलाल को प्रत्याशी बनाया गया। मोदी लहर में लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे। गांव पनवारी निवासी चौधरी बाबूलाल अछनेरा के ब्लाक प्रमुख रहे। चौधरी बाबूलाल वर्ष 1990 में पनवारी कांड के हीरो बने थे। पनवारी कांड की गूंज देश में एवं विदेशों तक भी पहुंची। पनवारी कांड से चौधरी बाबूलाल की लोकप्रियता बढ़ती चली गई। वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव में टिकट कटने पर चौधरी बाबूलाल द्वारा नाराजगी जाहिर करने पर शीर्ष नेतृत्व ने भविष्य में कुछ करने का भरोसा दिया था। उस पर अब अमल हुआ है।
चार दिन पहले ही भाजपा में आये हैं डा. धर्मपाल
चार दिन पहले आगरा की एत्मादपुर विधानसभा सीट पर सपा की ओर से मजबूत प्रत्याशी माने जा रहे धर्मपाल सिंह अपने समर्थकों के साथ दिल्ली में भाजपा कार्यालय पहुंचे और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में सपा छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। डा. धर्मपाल एत्मादपुर विधानसभा में बसपा की टिकट पर 2012 में विधायक का चुनाव जीते थे। इसके बाद वो 2017 में बसपा की टिकट पर दोबारा चुनाव लड़े, लेकिन रामप्रताप सिंह चौहान ने उन्हें हरा दिया था। इसके बाद पिछले साल डा. धर्मपाल ने सपा का दामन थाम लिया था।