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Bahubali: बाहुबलियों का बुलबुला फूटा: अमरमणि, हरिशंकर तिवारी के बेटे नहीं बचा सके 'विरासत का किला'

Bahubali Candidate Seat Up Election Result 2022 उत्तर प्रदेश में भाजपा शासनकाल में बुलडोजर बाहुबलियों पर चलता रहा तो मतदान में भी जनता ने मतदान कर बाहुबलियों का किला ध्वस्त कर दिया। नई विधानसभा के गठन में कई ऐसे चेहरे होंगे जो अब नजर नहीं आएंगे।

By Abhishek SaxenaEdited By: Updated: Thu, 10 Mar 2022 06:43 PM (IST)
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UP Election 2022 Result: बाहुबिलयों को जनता ने नकार दिया है।
आगरा, जागरण टीम। सुशासन और अपराध मुक्त प्रदेश का दावा करने वाली भाजपा उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इतिहास रच रही है। योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर शब्द एक तरफ जहां पूरे चुनाव में भाषणों में सुनने के लिए मिला। वहीं दूसरी तरफ बाहुबलियों पर ये जमकर गरजा। ऐसे में जनता का मूड किस तरफ जा रहा है ये बस कुछ ही मिनट में स्पष्ट होने वाला है। कुछ प्रमुख बाहुबली अंतिम चरणों में चल रही गिनती में मात खा रहे हैं तो कुछ पछाड़ खा चुके हैं। पढ़िए यूपी के बाहुबलियों पर एक खास रिपोर्ट....

आरती तिवारी

गोसाईंगंज विधानसभा क्षेत्र से अभय सिंह सपा प्रत्याशी हैं, तो भाजपा ने इंद्रप्रताप तिवारी खब्बू की पत्नी आरती तिवारी को पार्टी प्रत्याशी बनाया है। इंद्रप्रताप तिवारी इन दिनों जेल में हैं, लेकिन गोसाईंगंज सीट से अपनी पत्नी आरती तिवारी की जीत सुनिश्चित कराने के लिए उन्होंने पूरी प्रतिष्ठा लगा दी है। वर्ष 2012 में बदले परिसीमन के बाद गोसाईंगंज विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। वजूद में आने के बाद इस सीट पर हर दल भाग्य आजमाता रहा, लेकिन अभय सिंह और खब्बू के लिए यह सीट मूंछ का सवाल बनी रही। इस बार के विधानसभा चुनाव में भी गोसाईंगंज सीट जिले की हाट सीट बनी हुई है।

जनता ने नकारा

जरायम की दुनिया से सियासत पर चार बार से कब्जा जमाने वाले विधायक विजय मिश्र का किला आखिरकार 18वें विधानसभा चुनाव में ढह गया। विधानसभा सीट ज्ञानपुर से वह पांचवी बार सदन तक नहीं पहुंच सके। भाजपा सहयोगी दल निषाद पार्टी और सपा के बीच सीधी टक्कर में जनता ने उन्हें ऐसे नकारा कि वह तीसरे स्थान पर पहुंच गए। इस सीट पर इस बार फिर से निषाद पार्टी का कब्जा हो गया। विजय मिश्र भी 2017 का चुनाव निषाद पार्टी से लड़कर जीते थे।

मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास ने जीता चुनाव

मऊ सदर सीट मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने जीत हासिल की है। यहां से उन्होंने अशोक सिंह को 38 हजार से अधिक मतों से हराया है। इस सीट से बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भीमराजभर तीसरे नंबर आए हैं। मुख्तार अंसारी का बेटा दूसरी बार चुनाव लड़ा था। पहली बार वे घोसी सीट से चुनाव हार गए थे।

चिल्लूपार से साख पर है बुजुर्ग बाहुबली की साख

उत्तर प्रदेश की सियासत में बाहुबलियों की साख दांव पर लगी है। पूर्वांचल में बाहुबली के बेटे विनय शंकर तिवारी चिल्लूपार सीट पर है। 37 वर्ष से ये सीट ब्राह्मणाें के कब्जे में रही है। भारतीय जनता पार्टी के राजेश त्रिपाठी ने इस सीट से बढ़त बना रखी है। बसपा के राजेंद्र सिंह पहलवान यहां तीसरे नंबर हैं।

अमनमणि त्रिपाठी के बिगड़ गए समीकरण

नौतनवा विधानसभा सीट पर 2017 में निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर विधायक चुने गए अमनमणि ने इस बार बसपा का दामन थाम लिया था। लेकिन इस चुनाव में उनका समीकरण गड़बड़ हो गया। जनता ने उन्हें तीसरे पायदान पर पहुंचा दिया।

राजेश त्रिपाठी

भाजपा ने चिल्लूपार से राजेश त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतारा था। वह पहले ही राउंड से बढ़त बनाने में कामयाब रहे। इस सीट से हरिशंकर 22 वर्षों तक विधायक रहे। पिछले तीन चुनावों (2007-2017) से बसपा को जीत मिल रही थी। यह पहला मौका है, जब भाजपा प्रत्याशी को जीत मिली है।

राजेश ने पहले पिता, अब बेटे को हराया

चिल्लूपार से चुनाव जीतने वाले राजेश त्रिपाठी ने पूर्वांचल के जाने माने शख्स हरिशंकर तिवारी को दो बार (2007 और 2012) चुनाव हराया था। अब हरिशंकर के बेटे विनय शंकर तिवारी को चुनाव हरा दिया है। विनय को हराकर राजेश ने 2017 में अपनी हार का बदला लिया। पिछला चुनाव वह विनय शंकर से हारे थे। 

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