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UP News: अवैध वसूली के बंटवारे के विवाद में आपस में भिड़ी खाकी, गेट बंदकर दारोगा ने चौकी प्रभारी को लात-घूसों से पीटा

Agra News In Hindi हफ्ता न देने पर दारोगा ने चौकी प्रभारी को लात-घूसों से पीटा। दारोगा का कहना है कि वह चौकी प्रभारी से बहुत पहले से विभाग में नौकरी कर रहे हैं। इसलिए वह सीनियर हैं। उनसे हर बात पूछी जानी चाहिए। इसको लेकर ही विवाद हुआ था। डीसीपी सिटी का कहना है कि दारोगा को निलंबित कर दिया गया है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 13 Jan 2024 07:37 AM (IST)
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हफ्ता न देने पर दारोगा ने चौकी प्रभारी को लात-घूसों से पीटा
जागरण संवाददाता, आगरा। लोहामंडी की आलम गंज पुलिस चौकी पर अवैध वसूली के बंटवारे के विवाद में चौकी प्रभारी और चौकी पर तैनात दारोगा आमने-सामने आ गए। हफ्ता (अवैध वसूली से हिस्सा) न देने पर दारोगा ने गेट बंदकर चौकी प्रभारी को लात-घूसों से पीटा।

छूटने पर चौकी प्रभारी ने कुछ लोगों को फोन कर मदद मांगी। मगर, अधिकारियों के पहुंचने के बाद दारोगा ने चुप्पी साध ली। अब अधिकारी मामले को वरिष्ठता का विवाद बता रहे हैं। मारपीट करने वाले दारोगा को निलंबित कर दिया गया। मामले की जांच एसीपी लोहामंडी कर रहे हैं।

सिपाही से दारोगा बने रमेश चंद्र माथुर

आलमगंज पुलिस चौकी पर वर्ष 2019 बैच के दारोगा संजय कुमार चौकी प्रभारी हैं। एक माह पहले यहां सिपाही से दारोगा बने रमेश चंद्र माथुर की तैनाती हुई है। दोनों के बीच शुक्रवार रात 9.45 बजे विवाद हो गया। चौकी प्रभारी संजय कुमार ने कुछ परिचितों को फोन कर बताया कि उनको रमेश चंद्र माथुर ने लात-घूसों से पीटा है। रमेश चंद्र उनसे कह रहे थे कि अगर चौकी चलानी है तो हफ्ता तो देना ही पड़ेगा।

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पुलिस को तो एडवांस में हफ्ता मिलता है। चौकी प्रभारी ने बताया कि विरोध करने पर दारोगा ने इतना मारा कि उनका पैर टूट गया। जानकारी पर डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी को मौके पर भेजकर गोपनीय रिपोर्ट मांगी। इसमें दारोगा रमेश चंद्र माथुर द्वारा मारपीट किए जाने की पुष्टि हो गई।

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एसीपी लोहामंडी के मौके पर पहुंचने के बाद चौकी प्रभारी और दारोगा को वहां से हटा दिया गया। दोनों मीडिया के सामने नहीं आए। एसीपी लोहामंडी का कहना है कि दारोगा और चौकी प्रभारी के बीच वरिष्ठता को लेकर विवाद हुआ था।

अफसरों के डर से साधी चुप्पी

चर्चा है कि घटना के बाद चौकी प्रभारी खुलकर बता रहे थे कि दारोगा हफ्ता मांग रहा था। मगर, अधिकारियों के पहुंचने के बाद उन्होंने काल रिसीव नहीं की। चौकी पर ताला लगा दिया गया। थाने पर भी दारोगा और चौकी प्रभारी दिखाई नहीं दिए। 

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