Agra Police की वर्दी में रिवाल्वर संग रील बनाने वाली प्रियंका मिश्रा को फिर मिली नौकरी, दो दिन में बर्खास्त
जांच रिपोर्ट को मुख्यालय न भेजकर लिपिक ने अधिकारी को किया भ्रमित। पुलिस कमिश्नर ने किया बाबू को निलंबित। 2021 में वीडियो रहा था चर्चा में। पुलिस में 2020 में भर्ती हुई थी प्रियंका मिश्रा। आगरा में मिली थी तैनाती। प्रियंका मिश्रा को तत्कालीन एसएसपी मुनिराजजी ने वीडियो चर्चा में आने के बाद किया था लाइन हाजिर जिसके बाद इस्तीफा दे दिया था।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sat, 21 Oct 2023 07:50 AM (IST)
जागरण संवाददाता, आगरा। दो वर्ष पूर्व वर्दी में सरकारी रिवाल्वर के साथ वीडियो बनाकर चर्चा में आई महिला आरक्षी प्रियंका मिश्रा को बाबू ने नियमों से खिलवाड़ कर दोबारा नौकरी दिला दी थी। 18 अक्टूबर को नौकरी मिलने के 48 घंटे बाद ही धोखाधड़ी का खुलासा हो गया और उसकी नौकरी दोबारा चली गई।
उसका इस्तीफा मंजूर होने के बाद दोबारा नौकरी पर रखने के आवेदन पर जांच के बाद बिना पुलिस मुख्यालय सूचना दिए दोबारा नौकरी में नियोजित करने का आदेश जारी करने वाले लिपिक जितेंद्र को निलंबित कर मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
2020 में यूपी पुलिस में आरक्षी के पद पर तैनात हुई थी
कानपुर की रहने वाली प्रियंका मिश्रा 2020 में यूपी पुलिस में आरक्षी के पद पर तैनात हुई थी। ट्रेनिंग के बाद उन्हें आगरा के मदन मोहन गेट थाने पर तैनाती मिली थी। महिला आरक्षी प्रियंका मिश्रा द्वारा अगस्त 2021 माह में वर्दी पहनकर नौकरी के समय में थाने के एक दारोगा की रिवाल्वर हाथों में लेकर फिल्मी संवाद पर एक वीडियो बनाकर इंटरनेट पर प्रसारित किया गया था।Read Also: Mathura News: चंद्र ग्रहण से पहले गूंजेगी शरद उत्सव की झंकार, गिरिराजजी 27 को चखेंगे खीर, मुरली के साथ दर्शन
लाइन हाजिर के बाद दिया था इस्तीफा
वीडियो चर्चा में आने के बाद तत्कालीन एसएसपी मुनिराज जी के द्वारा लाइन हाजिर के आदेश के बाद विभागीय जांच के आदेश दिए थे। इंटरनेट पर जबरदस्त ट्रोल होने के बाद उनके फालोअर काफी संख्या में बढ़ गए थे। निजी जीवन पर टिप्पणियों से आहत होकर उन्होंने सितंबर माह में नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। एसएसपी ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया था।शादी के बाद प्रियंका ने आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए जीवन यापन में कठिनाई की बात लिखकर पुनः नौकरी दिए जाने का आवेदन किया था। नियमानुसार एसीपी को जांच दी गई थी। कार्यालय से संयुक्त निदेशक अभियोजन से भी विधिक राय ली गई थी।Read Also: मां और नवजात बेटी को कुएं में धकेला, तीन दिन की बच्ची की मौत; ससुरालवाले फरार- पीड़िता ने लगाए गंभीर आरोप
इस्तीफे के बाद सेवा में लिए जाने संबंधित रिपोर्ट और अन्य कागजातों को नियमानुसार पुलिस मुख्यालय लखनऊ भेजा जाना था और वहां से स्वीकृति के बाद आदेश पारित किया जाना था।
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