UP News: यूपी की टॉप-10 वीआईपी सीटों का हाल; राहुल-हेमा मालिनी और डिंपल से लेकर रविकिशन से लेकर निरहुआ तक का रिजल्ट
UP Political News लोकसभा चुनाव अब संपन्न हो गया। यूपी की कई सीटों पर पूरे देश की नजरें टिकी थीं। फिर चाहे वो पीएम मोदी की वाराणसी की सीट हो या फिर रायबरेली से राहुल गांधी की। इस बार कन्नौज से भी अखिलेश यादव ने खुद कमान संभाली थी। अमेठी में स्मृति इरानी और मथुरा में हेमामालिनी पर सभी की नजरें थीं।
अभिषेक सक्सेना, डिजिटल डेस्क, आगरा। लोकसभा चुनाव में यूपी पर सभी की नजरें टिकी थीं। यूपी में इस बार कई सीटों पर वीआईपी प्रत्याशी थे। इस रिपोर्ट के जरिए पढ़िए क्या रहा उनकी सीटों का हाल...
गोरखपुर लोकसभा सीट
गोरखपुर लोकसभा सीट के लिए पिछली बार 11 लाख 84 हजार 635 वोटों की गिनती हुई थी जिसमें रवि किशन को सात लाख 17 हजार 122 यानी 60.54 प्रतिशत वोट मिले। इस बार के चुनाव में 11 लाख 54 हजार 413 मतों की गिनती हुई। इसमें रवि किशन को पांच लाख 85 हजार 834 यानी 50.75 प्रतिशत ही वोट मिले जो पिछले बार की तुलना में 9.79 प्रतिशत कम है।
मथुरा लोकसभा सीट
फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी ने लगातार तीसरी बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में मथुरा लोकसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की। उन्हें 5,10,064 मत मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश धनगर को 2,16,657 मत प्राप्त हुए। हेमा ने 2,93,407 मतों से जीत दर्ज की। जबकि वर्ष 2019 में उन्होंने 2,93,471 मतों से विजयश्री पाई थी।
मैनपुरी लोकसभा सीट
मैनपुरी लोकसभा सीट पर सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को जीत मिली है। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी जयवीर सिंह को 2.21 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से पराजित किया। मतों की गिनती पूरी होने के बाद अधिकारियों ने उनको प्रमाण पत्र प्रदान किया। 1996 से ये सीट भाजपा नहीं जीत सकी है। लगातार सपा का कब्जा यहां बरकरार है।
वाराणसी लोकसभा सीट
लोकसभा चुनाव 2024 के देश की सबसे हॉट सीटों में से एक वाराणसी सीट (Varanasi Seat) का परिणाम आ चुका है। इस बार नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को यहां से तीसरी बार भारी वोटों से जीत मिली हैं। यहां पीएम मोदी को डेढ़ लाख से अधिक वोटों से विजयश्री मिली है। वे तीसरी बार यहां से जीते हैं।
कन्नौज लोकसभा सीट
देश में हाट सीट में शामिल कन्नौज लोकसभा सीट से सपा मुखिया अखिलेश यादव ने जीत दर्ज की। भाजपा से मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक को उन्होंने 170076 मतों से पराजित कर दिया। पहले चरण से ही सपा ने बढ़त बनाई। अंतिम चरण तक यह सिलसिला बना रहा। 2019 में बसपा से गठबंधन कर अखिलेश यादव की पत्नी को मोदी लहर में भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने पराजित किया था। इस सीट सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने 1999 में चुनाव जीता था। इसके बाद 2000 से 2009 तक लगातार तीन बार अखिलेश यादव सांसद निर्वाचित हुए।
सुल्तानपुर लोकसभा सीट
सुलतानपुर लोकसभा चुनाव में सपा ने भाजपा को 43 हजार 174 मतों से पटखनी देकर जीत दर्ज की। पार्टी के उम्मीदवार पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद को चार लाख 44 हजार 330 मत मिले। जबकि भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी को चार लाख 11 हजार 56 वोट हासिल हुए। बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार उदराज वर्मा एक लाख 63 हजार 25 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।
अमेठी लोकसभा सीट
संसदीय क्षेत्र अमेठी के चुप्पी साधे मतदाताओं ने कांग्रेस प्रत्याशी को भारी जनादेश देकर इतिहास रचने का काम किया है। कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा ने एक लाख 67 हजार 196 मतों से भाजपा प्रत्याशी स्मृति इरानी को परास्त की जीत दर्ज की है। नवनिर्वाचित सांसद को बधाई देने के लिए केंद्रीय कांग्रेस कार्यालय में लोगों का तांता लगा रहा है।
रायबरेली लोकसभा सीट
रायबरेली के राहुल। कांग्रेस के इस स्लोगन पर रायबरेली की जनता ने भी मुहर लगा दी। मंगलवार को आए नतीजों में राहुल गांधी ने अपने प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी दिनेश सिंह को करारी शिकस्त देते हुए शानदार जीत दर्ज की। राहुल गांधी ने करीब चार लाख वोटों से जीत दर्ज की। राहुल को करीब सात लाख वोट मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी रहे दिनेश प्रताप सिंह को तीन लाख वोट ही मिले।
आजमगढ़ लोकसभा सीट
देश में भले ही 18वीं लाेकसभा के लिए हुए चुनाव में एनडीए व आइएनडीआइ गठबंधन में सीटों को लेकर घमासान रही, लेकिन जिले की दोनों संसदीय सीट सीट 68-लालगंज सुरक्षित और 69-आजमगढ़ सदर संसदीय सीट सपा के खाते में गई। सपा प्रत्याशी व पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने 2022 के उप चुनाव में मिली हार का बदला लेते हुए भाजपा प्रत्याशी व भोजपुरी सिने स्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को एक लाख 61 हजार 35 मतों से शिकस्त दी। धर्मेंद्र यादव को कुल पांच लाख आठ हजार 239 वोट मिले, जबकि प्रतिद्वद्वी दिनेश लाल यादव को तीन लाख 47 हजार 204 वोट मिले।
लखनऊ लाेकसभा सीट
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लगातार तीसरी बार लखनऊ लोकसभा सीट पर कमल खिलाने में सफल रहे। राजनाथ सिंह ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रविदास मेहरोत्रा को करीब 96 हजार मतों से हराकर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व अटल बिहारी वाजपेई की राजनीतिक विरासत को सुरक्षित रखा। 1991 में अटल के सांसद बनने के बाद से लगातार इस सीट पर कमल ही खिल रहा है।
राजनाथ सिंह को 519884 वोट मिले जबकि रविदास को 423730 मत हासिल हुए। 2019 का चुनाव राजनाथ ने करीब साढ़े तीन लाख मतों के अंतर से जीता था और इस बार राजनाथ के समर्थक पांच लाख के अंतर से चुनाव जीतने का दावा कर रहे थे।