Arms License: अजब-गजब फरमान से सभी हैरान, शस्त्र लाइसेंस लेना है तो आगरा मानसिक अस्पताल में काटने होंगे 15 दिन
Etah News एटा जिले में सभी हैरान है कि अब शस्त्र लाइसेंस की रिपोर्ट मानसिक अस्पताल में 15 दिन रहने के बाद लगेगी। अलीगढ़ मंडल में इस फरमान के बाद खलबली मची है। आगरा के मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय में लाइसेंस आवेदक को भेजा जाएगा।
एटा, जागरण टीम। शस्त्र लाइसेंस पाने के लिए अब आपको मानसिक अस्पताल में भी रहना होगा। 15 दिन अस्पताल में रहेंगे, तब मानसिक चिकित्सक फिट या अनफिट की रिपोर्ट देकर फाइल आगे बढ़ाएंगे। इस अजीब और नई व्यवस्था को लेकर शस्त्र लाइसेंस आवेदकों में खलबली मची है। यहां का स्वास्थ्य विभाग इस नई व्यवस्था को लेकर असमंजस में है। आवेदकों से तनातनी हो रही है।
नया नियम 2018 में हुआ था लागू
वर्ष 2018 में यह नियम लागू किया गया कि शस्त्र लाइसेंस पाने के लिए मानसिक चिकित्सक की रिपोर्ट आवश्यक है। इसके बाद चूंकि एटा में कोई मानसिक चिकित्सक नहीं है, इसलिए शस्त्र लाइसेंस के आवेदन अलीगढ़ भेजे जाते थे। वहां से रिपोर्ट लगने के बाद वापस एटा आते थे। अब पिछले तीन दिन से ऐसा हो रहा है कि अलीगढ़ से आवेदन नहीं आ रहे।
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वहां के मानसिक चिकित्सक डा. अमित कुमार ने एटा के एसीएमओ एवं प्रभारी सीएमओ डा. राम मोहन तिवारी को फोन पर बताया कि आवेदन अलीगढ़ न भेजें, क्योंकि अब यह नियम लागू हो गया है कि शस्त्र लाइसेंस के आवेदक 15 दिन तक मानसिक अस्पताल में भर्ती रहेंगे, उनकी मानसिक स्थिति मानसिक चिकित्सक परखेंगे। इसके बाद आवेदन पर रिपोर्ट लगाई जाएगी कि आवेदक फिट है या अनफिट। यहां शस्त्र लाइसेंस के प्रतिदिन स्वास्थ्य विभाग के पास 5 से 10 के बीच आवेदन पहुंचते हैं। तीन दिन से यह आवेदन एकत्रित हो रहे हैं।
अभी लिखित में नहीं मिला आदेश
प्रभारी सीएमओ ने बताया कि हमारे पास ऐसा कोई लिखित में आदेश नहीं है जिसमें यह कहा गया हो कि आवेदन आगरा भेजने हैं और आवेदक को मानसिक अस्पताल में भर्ती रहना होगा, लेकिन अलीगढ़ के मानसिक चिकित्सक ने यही बताया है कि अब आवेदन अलीगढ़ में नहीं लिए जाएंगे और मानसिक अस्पताल आवेदक को जाना होगा। हम शासन के नियमों के बारे में पता कर रहे हैं।
व्यवहारिक नहीं आदेश
वरिष्ठ अधिवक्ता अतीकुल रहमान एडवोकेट का कहना है कि आवेदक को मानसिक अस्पताल में भर्ती रहने का नियम व्यवहारिक नहीं हो सकता क्योंकि जो मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति है वह क्यों मानसिक अस्पताल में रहना चाहेगा। अगर ऐसा कोई नियम बना है तो इस पर तत्काल विचार करना चाहिए। यह ठीक है कि शस्त्र लाइसेंस पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही दिया जाए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि लोगों को मानसिक अस्पताल में रखा जाए।