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आगरा में घातक साबित हो रहा बदलता मौसम, मरीजों की उखड़ रही सांस, बढ़ी आक्सीजन की डिमांड, रखें सेहत का ख्याल

Agra Weather Changed News In Hindi एसएन में भर्ती 35 प्रतिशत मरीजों को आक्सीजन की पड़ रही जरूरत मौसम में लगातार बदलाव से बढ़ी समस्या। पिछले छह महीने में आक्सीजन की खपत 20 प्रतिशत तक बढ़ गई है। इमरजेंसी में 20 किलो लीटर की क्षमता का लिक्विड आक्सीजन प्लांट और एक प्लांट की क्षमता 10 किलो लीटर बढ़ाई जा रही है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sun, 27 Aug 2023 09:42 AM (IST)
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Agra News: घातक साबित हो रहा मौसम का बदलाव, मरीजों की उखड़ रही सांस, 20 फीसदी बढ़ी आक्सीजन की खपत
आगरा, जागरण संवाददाता। मौसम 10 से 15 दिन में बदल रहा है, मौसम का यह बदलाव घातक होने लगा है। मरीजों की सांस उखड़ रही है। दुर्घटना में घायलों से ज्यादा अस्थमा अटैक, टीबी, गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के साथ ही बुखार के मरीजों को आक्सीजन सपोर्ट दी जा रही है। इससे पिछले छह महीने में एसएन में आक्सीजन की खपत 20 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

तेज धूप निकलने के बाद हो रही बारिश

फरवरी मार्च से हर 10 से 15 दिन में मौसम बदल रहा है। तेज धूप निकलने के बाद वर्षा हो रही है। इसके बाद धूप निकल रही है। मौसम के इस बदलाव से वायरल संक्रमण और एलर्जी की समस्या बढ़ गई है। इससे अस्थमा, टीबी के मरीजों के साथ ही वायरल से संक्रमित होने पर सांस उखड़ रही है। एसएन इमरजेंसी और वार्ड में गंभीर हालत में मरीज भर्ती हो रहे हैं। इन मरीजों को आक्सीजन सपोर्ट दी जा रही है। इमरजेंसी में 24 घंटे में 90 से 110 मरीज भर्ती हो रहे हैं, इसमें से 55 प्रतिशत मरीजों को आक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है। वहीं, ओपीडी से वार्ड में रेफर किए जा रहे 30 प्रतिशत मरीजों को 12 घंटे से तीन दिन तक आक्सीजन सपोर्ट पर रखा जा रहा है।

कोरोना केस खत्म होने के बाद हुयी थी खपत कम

प्राचार्य डा. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि कोरोना के केस खत्म होने के बाद आक्सीजन की खपत कम हो गई थी। 750 से अधिक मरीज भर्ती रहते हैं। इसमें से 35 प्रतिशत मरीजों को आक्सीजन देने की जरूरत पड़ रही है। 30 किलो लीटर क्षमता के आक्सीजन प्लांट के साथ ही आक्सीजन सिलेंडर भी खरीदे जा रहे हैं। 

गले से लेकर फेंफड़ों तक संक्रमण

  • एसएन के क्षय एवं वक्ष रोग विभाग के अध्यक्ष डा. जीवी सिंह ने बताया कि मौसम में बदलाव से एलर्जन बढ़ने के साथ ही वायरल संक्रमण भी फैल रहा है।
  • अस्थमा और टीबी के मरीजों को वायरस संक्रमण से बुखार आने पर सांस की नलिकाओं में सूजन आ रही है।
  • इसे ठीक होने में 10 से 15 दिन लग रहे हैं।
  • सांस लेने में परेशानी होने पर आक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है।

बच्चों में भी बढ़ी समस्या

एसएन के बाल रोग विभाग के अध्यक्ष डा. नीरज यादव ने बताया कि बच्चों में वायरल निमोनिया, वायरल संक्रमण से कफ और खांसी की समस्या बढ़ी है। गंभीर हालत में भर्ती हो रहे बच्चों को आक्सीजन सपोर्ट और वेंटीलेटर सपोर्ट देनी पड़ रही है। 

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