गुंडों ने सिपाही को मारी गोली, पुलिस टीम को दौड़ाया तो डर के मारे थाने जा पहुंचे इंस्पेक्टर
खनन माफिया के गुंडों ने पुलिस टीम पर हमला किया और सिपाही अजय कुमार को गोली मार दी। इसके बाद उन्होंने ट्रैक्टर से पुलिस की जीप में टक्कर मार दी और पुलिसकर्मियों को दौड़ाया। सिपाही को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए छह टीमें लगाई हैं और चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
जागरण संवाददाता, आगरा। राजस्थान के खनन माफिया के गुर्गों ने पुलिस टीम पर हमला बोलकर चुनौती दी। कीचड़ में फंसे बालू से भरे ट्रैक्टर-ट्राली को जब्त करने पहुंचे सिपाही अजय कुमार के सिर में तमंचे से गोली मार दी। इसके बाद ट्राली को वहीं छोड़कर फायरिंग करते हुए ट्रैक्टर लेकर भाग निकले।
आधे घंटे बाद खेरागढ़ के हॉस्पिटल से रेफर किए गए सिपाही को लेकर आगरा आ रही थाने की जीप पर फिर से हमला हुआ। जीप में ट्रैक्टर से टक्कर मारकर पुलिस टीम को दौड़ाया। पुलिसकर्मी उनका पीछा करने की हिम्मत नहीं जुटा सके।
निजी कार से सिपाही को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। देर शाम ऑपरेशन के बाद सिपाही की हालत खतरे से बाहर है। हमलावरों की गिरफ्तारी को पुलिस की छह टीम लगाई गई हैं। मुकदमा दर्ज कर घटना में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
सिपाही के आगे बढ़ते ही चलाई गोली
शनिवार सुबह खेरागढ़ पुलिस को सूचना मिली कि खनन की गई बालू ट्रैक्टर-ट्रालियों से लाई जा रही है। कीचड़ में ट्रैक्टर ट्राली फंसा है। सुबह 7.50 बजे सब इंस्पेक्टर वरदानी लाल, चालक अमित कुमार, सिपाही अजय कुमार और हेड मोहर्रिर मनीष ट्रैक्टर-ट्राली जब्त करने पहुंचे।
जीप से उतरकर पुलिसकर्मी ट्रैक्टर की ओर आगे बढ़े। तभी ट्रैक्टर की सीट से खड़े होकर खनन माफिया के गुर्गे ने तमंचे से सीधी गोली चला दी जो कांस्टेबल अजय कुमार की कनपटी में लग गई।
कीचड़ में फंसे ट्रैक्टर-ट्राली के अलावा मौके पर दो ट्रैक्टर-ट्राली लेकर खनन माफिया के गुर्गे और खड़े थे। उनके हाथों में तमंचे और डंडे थे। सिपाही को गोली मारने के बाद वे गली में फायरिंग करते हुए भाग निकले।
घायल अजय को साथी पुलिसकर्मी कस्बा के राघव हॉस्पिटल में ले गए। यहां से रेफर किए जाने के बाद इंस्पेक्टर देवकरन सिंह जीप से घायल सिपाही को आगरा के लिए ले जा रहे थे। रास्ते में खनन माफिया के गुर्गों ने ट्रैक्टर से पुलिस की जीप में पीछे से टक्कर मार दी, जिससे जीप क्षतिग्रस्त हो गई।
इंस्पेक्टर व अन्य पुलिसकर्मी इतने डर गए कि खनन माफिया का पीछा करने की बजाय वहां से भागकर थाने पहुंच गए। घायल सिपाही को पुलिसकर्मी प्राइवेट कार से उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल लेकर पहुंचे।
पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड़ ने बताया कि बदमाशों को चिह्नित किया गया है। छह टीमें उनकी गिरफ्तारी को दबिश दे रही हैं। नामजद मुकदमा दर्ज होगा। पुलिस खनन माफिया के नेटवर्क को ध्वस्त करेगी।
देर रात हुआ मुकदमा, चार गिरफ्तार
डीसीपी पश्चिमी सोनम कुमार ने बताया कि पुलिस ने अपनी ओर से 8 से 10 अज्ञात हमलावरों के खिलाफ जानलेवा हमला, फायरिंग व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। घटना में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके कब्जे से दो ट्रैक्टर-ट्राली मिले हैं। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
सिपाही को ट्रैक्टर से कुचल चुके हैं खनन माफिया
खेरागढ़ और सैंया क्षेत्र में राजस्थान की ओर से बालू का अवैध खनन और परिवहन करने वाले माफिया के गुर्गे पूर्व में कई बड़ी घटना कर चुके हैं। पांच जून 2019 को खनन माफिया के गुर्गों ने बुरहरा गांव में पुलिस टीम पर आमने-सामने की फायरिंग की थी।
इसके बाद आठ नवंबर 2020 में गुर्गों ने सैंया थाने में तैनात सिपाही सोनू चौधरी को ट्रैक्टर से कुचल दिया था। मंडल में पुलिस पर हमले की कई घटनाएं हो चुकी है। 2017 में फिरोजाबाद के नारखी क्षेत्र में खनन माफिया ने सिपाही रवि रावत को ट्रैक्टर से कुचल दिया था। मथुरा और मैनपुरी में भी इस तरह घटनाएं हो चुकी हैं।