Agra News: शादी के कई वर्षाें बाद बदला पति का मन, पत्नी की बचत पर बुरी नजर, 'रकम दो या फिर तलाक'
पति द्वारा दिए जाने वाले जेब खर्च से बीसी डालकर जोड़ी थी रकम। पति का कहना था कि उसने पत्नी को यह रकम बीसी डालने के लिए दी थी। अब उसे जरूरत है तो पत्नी मना कर रही है। साथ ही वह उसक और मां का सम्मान नहीं करती है। बात-बात पर परेशान करती है। पहली काउंसलिंग में नहीं बनी बात तो दी अगली तारीख
जागरण संवाददाता, आगरा। कहावत है बूंद-बूंद से सागर बनता है। शादी के बाद एक पत्नी ने भी इस कहावत को सही साबित किया।पति द्वारा जेब खर्च के लिए दी जाने वाली रकम को पत्नी ने पाई-पाई करके जोड़ा। पत्नी ने इस रकम से बीसी डालना शुरू किया।
कई वर्ष से जोड़ी जा रही रकम साढ़े तीन लाख हो गई। इतनी बड़ी रकम जमा होने पर पति का मन बदल गया। पति पूरी रकम को अपने खाते में जमा कराने के लिए पत्नी पर दबाव बनाने लगा। इंकार करने पर मामला पुलिस तक पहुंच गया।
दंपती की शादी को कई वर्ष हाे चुके थे
परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलर के सामने दंपती का विवाद आया। पति का कहना था कि वह पत्नी को अपने साथ नहीं रखेगा। वह उसकी और मां दोनों की नहीं सुनती है। जबकि पत्नी का कहना था कि वह पति के साथ ससुराल में ही रहना चाहती है। दंपती की शादी को कई वर्ष हाे चुके थे। दोनों के बीच विवाद का कारण जानने के लिए काउंसलिंग की गई। इसमें पता चला कि रार का मुख्य कारण पत्नी द्वारा जोड़े गए साढ़े तीन लाख रुपये है।
पति दवाओं का काम करता है। वह पत्नी को हर महीने उसके खर्च के लिए रुपये देता था। इसे पत्नी खर्चा न करके जमा कर रही थी। पूंजी को एकमुश्त करने के लिए उसने बीसी डालना शुरू कर दिया। कई वर्ष में पत्नी ने साढ़े तीन लाख रुपये जोड़ लिए। अपनी जमा पूंजी के बारे में पत्नी ने पति को नहीं बताया था। पत्नी का काउंसलर से कहना था यह रकम उसने आड़े वक्त के लिए बचाकर रखी है।
पति को धनराशि का पता चला तो उस पर पूरी रकम देने का दबाव बनाने लगा। पत्नी ने मना कर दिया कि यह रकम उसे जेब खर्च में मिली थी। इससे नाराज होकर पति धमकी देने लगा कि रकम दो या तलाक लो।
काउंसलर ने पति-पत्नी की बात सुनने के बाद दोनों को समझाने का प्रयास किया। दोनों अपनी जिद पर अड़े थे। इस पर काउंसलर ने पति-पत्नी को अगली तारीख दी है, इससे कि उनके बीच की गलतफहमी को दूर करके सुलह कराई जा सके।