World Awareness Day: बात सेहत की; कोरोना वायरस से बच्चों में इंसुलिन बनना बंद, प्रदूषण से मधुमेह की चपेट में युवा
Awareness campaign on World Diabetes Day 2023 भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2019 से 2023 के बीच (7.7 करोड़ से 10 करोड़ हो गए मधुमेह रोगी) देश में 36 प्रतिशत मधुमेह रोगी बढ़े हैं। मोटापा बदली जीवनशैली शारीरिक परिश्रम न करने परिवार में किसी अन्य के मधुमेह से पीड़ित होने पर बीमारी बढ़ रही है।
By Ajay DubeyEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Tue, 14 Nov 2023 01:10 PM (IST)
जागरण संवाददाता, आगरा। मधुमेह की बीमारी बच्चों से लेकर युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। कोविड 19 वायरस से संक्रमित बच्चों में टाइप वन डायबिटीज इंसुलिन बनना बंद होना मिल रही है। वहीं, प्रदूषण और अत्यधिक तनाव से युवा मधुमेह की चपेट में आ रहे हैं। मंगलवार को विश्व मधुमेह दिवस पर डाक्टरों द्वारा लोगों को बीमारी से बचाव के लिए जागरूक किया गया।
सामने आ रही हैं ये परेशानियां
आगरा डायबिटिक फोरम के वैज्ञानिक सचिव डा. अतुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि प्रदूषण, प्लास्टिक में खाद्य पदार्थ, फसलों में रसायन का अत्यधिक इस्तेमाल से खाने, सांस लेने से शरीर में एंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल्स (ईडीसी) पहुंच रहे हैं। इनसे शरीर में एंडोक्राइन डिसरप्टर्स बन रहे हैं। ये इंसुलिन स्राव कम कर देते हैं और बीटा सेल्स ठीक से काम नहीं करते हैं। इससे युवाओं 12 वर्ष से अधिक में मधुमेह की समस्या बढ़ रही है।
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कोविड 19 वायरस से बच्चों में इंसुलिन पर असर
एसएन के टाइप वन डायबिटीज क्लीनिक के प्रभारी डा. प्रभात अग्रवाल ने बताया कि कोविड 19 वायरस से बच्चों में इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं पर प्रतिकूल असर पड़ा है। बच्चों में इंसुलिन नहीं बन रही है। इससे टाइप वन डायबिटीज इंसुलिन न बनना के मरीज बढ़े हैं। इन्हें इंसुलिन लेना पड़ता है। क्लीनिक में 28 बच्चे पंजीकृत हैं। इन्हें निश्शुल्क इंसुलिन दी जा रही है।
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गर्भावस्था में मधुमेह घातक, आंख, गुर्दे और दिल पर असर
गर्भावस्था में मधुमेह की समस्या बढ़ रही है। 10 प्रतिशत गर्भवती में शुगर का स्तर बढ़ा मिल रहा है लेकिन ये जांच नहीं कराती हैं। इससे मां और गर्भस्थ शिशु के लिए मधुमेह घातक हो रहा है। वहीं, मधुमेह रोगी दवाएं नहीं ले रहे हैं। इससे आंखों की रोशनी जा रही है, गुर्दे खराब हो रहे हैं और हार्ट अटैक के मामले भी बढ़ने लगे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।स्ट्रेस हार्मोन और बैठे रहने से शुगर का स्तर अनियंत्रित
सुबह और रात में मोबाइल का अधिक इस्तेमाल करने से मधुमेह रोगी टहलने नहीं जा रहे हैं। इसके साथ ही मोबाइल अधिक इसतेमाल करने से नींद पूरी नहीं हो रही है, इससे स्ट्रेस हार्मोन तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन का समूह का स्तर बढ़ रहा है और शुगर का स्तर अनियंत्रित हो रहा है।आगरा में मधुमेह रोगी
- 4.16 लाख - टाइप टू डायबिटीज
- 10 हजार- टाइप वन डायबिटीज
- 3.80 लाख- प्री डायबिटिक