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World No Tobacco Day 2022: तंबाकू खाने से पहले जान लें इससे होने वाले ये 12 नुकसान

World No Tobacco Day 2022 पहले आप खाते हैं फिर आपकी जिंदगी खा जाती है तंबाकू। तंबाकू का या धूम्रपान का धुंआ मानव शरीर की जिस भी कोशिका के संपर्क में आता है उसे हानि पहुंचाता है जो आगे चलकर गंभीर बीमारियां पैदा हो जाती है।

By Tanu GuptaEdited By: Updated: Tue, 31 May 2022 05:17 PM (IST)
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World No Tobacco Day 2022: तंबाकू का सेवन शरीर में समस्याओं के अलावा कुछ देता ही नहीं
आगरा, जागरण संवाददाता। तंबाकू के सेवन से कई तरह की बीमारियों का खतरा मंडरता है। तंबाकू (बीडी, सिगरेट, खैनी, गुटखा आदि) का लगातार सेवन लगभग शरीर के हर अंग को नुकसान पहुंचाता है साथ ही स्वास्थ्य सबंधी परेशानियों का जोखिम भी बढ़ाता है। कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ संदीप अग्रवाल के अनुसार तंबाकू का सेवन शरीर में समस्याओं के अलावा कुछ देता ही नहीं है। तंबाकू का या धूम्रपान का धुंआ मानव शरीर की जिस भी कोशिका के संपर्क में आता है उसे हानि पहुंचाता है जो आगे चलकर गंभीर बीमारियां पैदा हो जाती है।

तंबाकू से होने वाले रोग

1- मुंह, गला, फेफड़े, कंठ खाद्य नली, मूत्राशय, गुर्दा, पैनक्रियाज, सेरेविक्स कैंसर

2- तम्बाकू सेवन से ब्रोंकाइटिस व इम्फीसिया जैसी सांस में तकलीफ की समस्याएं होती हैं।

3- हृदय व रक्त संबंधी रोग तेजी से बढ़ते हैं। तम्बाकू के शौकीनों की जान अधिकतर हृदयाघात से जाती है।

4- पुरुषों में नपुंसकता, महिलाओं में जनन क्षमता में कमी व अन्य प्रजनन समस्याएं होती हैं।

5- सांस में बदबू, मुंह-आंखों के आसपास झुर्रियां

6- धूम्रपान करने वालों के आसपास रहने वालों में बढ़ जाती रोग की आशंका

7- घर में धूम्रपान से बच्चों को निमोनिया, श्वांस रोग, अस्थमा, फेफड़े की गति धीमी जैसे रोग।

8- हर सिगरेट के साथ 14 मिनट उम्र घट जाती है।

9- फेफड़े कैंसर की आशंका 20-25 गुना ज्यादा।

10- दिल का दौरा पडऩे का खतरा 2 से तीन गुना अधिक।

11- अचानक मौत होने का खतरा 3 गुना अधिक।

12- सामान्य व्यक्ति की तुलना में वह व्यक्ति 30 से 60 गुना अधिक बीमार रहता है।

महिलाओं के कोख में मर जाता है भ्रूण

तंबाकू सेवन करने वाली महिलाओं में गर्भपात की दर सामान्य महिलाओं से तकरीबन 15 फीसदी अधिक होती है। तम्बाकू सेवन के कारण महिलाओं में फेफड़ों का कैंसर, दिल का दौरा, सांस की बीमारी, प्रजनन सम्बन्धी विकार, निमोनिया, माहवारी से जुड़ी समस्याएं ज्यादा होती है। महिलाओं में इन तमाम जोखिमों के अलावा प्रीमेच्योर मेनोपोज, स्पॉन्टेनियस एबॉर्शन, सर्विकल कैंसर का जोखिम होता है। 

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