UP Govt 2022 रोचक है बेबीरानी मौर्य का राजनीतिक सफर, गृहस्थी से निकलकर माननीय बनीं
UP Yogi Adityanath Cabinet 2.0 उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य को आगरा में भाजपा ने टिकट दिया था। सिटिंग एमएलए का टिकट काटकर उन्हें मैदान में उतारा गया था और उन्होंने बड़ी जीत हासिल की। भाजपाइयों में खुशी की लहर है।
By Abhishek SaxenaEdited By: Updated: Fri, 25 Mar 2022 04:30 PM (IST)
आगरा, जागरण टीम। योगी सरकार में आगरा की विधायक बेबी रानी मौर्य को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। शुक्रवार को उन्होंने लखनऊ में शपथ ग्रहण की। भाजपा ने आगरा की पहली महिला मेयर के पद पर काबिज रह चुकीं बेबी रानी मौर्य पर इस बार भरोसा जताया था। बेबी रानी मौर्य का राजनीति सफर बहुत की रोचक रहा है। किसी महिला का गृहस्थी से निकलकर माननीय पद पर पहुंचना आसान नहीं होता। आइये जानते हैं बेबी रानी मौर्य के आम से खास बनने की कहानी।
घरेलू महिला से राजनीति तक का सफरवर्ष 1995 में बेबीरानी मौर्य का भाजपा के साथ राजनीतिक सफर शुरू हुआ था, इससे पहले वे घरेलू महिला थीं। पार्टी में आते ही उन्हें मेयर पद के लिए मैदान में उतारा गया था। वे आगरा की पहली महिला मेयर बनी थीं। इसके बाद भी राजनीतिक सक्रिय रहीं।
वर्ष 2007 में उन्हें भाजपा ने एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था। इसके पहले और बाद वे लंबे समय तक विभिन्न पदों पर रहीं। वर्ष 1997 में बेबीरानी मौर्य को भाजपा के राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा की कोषाध्यक्ष बनाया गया था। वर्ष 2002 में राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाया गया था। 2018 में उन्हें बाल अधिकार सरंक्षण आयोग का सदस्य बनाया गया था। वे उस समय विदेश में थीं। जब तक पदभार ग्रहण करती तब तक राज्यपाल के लिए उनकी घोषणा हो गई थी।
बेबीरानी मौर्य के पति प्रदीप कुमार पंजाब नेशनल बैंक में डायरेक्टर पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वे राजनीति में सक्रिय नहीं है, लेकिन उनका सहयोग करते हैं। मूलरूप से आगरा की निवासी बेबीरानी मौर्य का मायका बेलनगंज में हैं और उनकी ससुराल करियप्पा रोड पर है। आगरा ग्रामीण सीट पर भाजपा प्रत्याशी पूर्व राज्यपाल व पूर्व मेयर बेबी रानी मौर्य ने बसपा प्रत्याशी (हाथी चुनाव चिन्ह) किरन प्रभा केसरी को 76 हजार से अधिक मतों से हराया।
बेबीरानी मौर्य का राजनीतिक सफर- वर्ष 1995 में बेबीरानी मौर्य का घरेलू महिला से भाजपा के साथ राजनीतिक सफर शुरू हुआ था।- आगरा की पहली महिला मेयर बनी थीं।- वर्ष 1997 में भाजपा राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा की कोषाध्यक्ष बनाया गया।- वर्ष 2002 में राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य बनी।- वर्ष 2007 में उन्हें भाजपा ने एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था।
- वर्ष 2018 में उन्हें बाल अधिकार संरक्षण आयोग का सदस्य बनाया गया था।- वर्ष 2018 में उत्तराखंड की राज्यपाल बनाया गया।- वर्ष 2021 भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।