Move to Jagran APP

UP News: 400 KG का ताला बनाने वाले शिल्पी सत्यप्रकाश नहीं रहे, श्रीराम मंदिर को भेंट करने के लिए बनाया था खास लॉक

Ayodhya Ram Mandir सत्यप्रकाश शर्मा चाहते थे कि जब यह ताला अयोध्या में लगने के लिए जाए तब उसका नया स्वरूप देखने को मिले। इस ताले को नया लुक देने के लिए स्टील का फ्रेम सहित कई बदलाव करने थे। आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस बुजुर्ग दंपत्ती ने अयोध्या में ताला स्थापित करने के लिए प्लाट बेचने के तक की बात कही थी।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Wed, 13 Dec 2023 09:10 AM (IST)
Hero Image
पीएम के जन्म दिन पर पीतल का ताला भेंट करते सत्यप्रकाश शर्मा। सत्यप्रकश शर्मा l फाइल फोटो सौ. स्वजन
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। अयोध्या के श्रीराम मंदिर परिसर में रखने के लिए सबसे बड़ा चार सौ किलो का ताला बनाने वाले सत्यप्रकाश शर्मा नहीं रहे। बीमारी के चलते मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। विशाल ताले को वह राम मंदिर को भेंट करना चाहते थे। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख चुके थे।

दिल्ली में सितंबर में लगी प्रदर्शनी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ताला देखा था और प्रशंसा की थी। 25 दिसंबर को ताला लेकर अयोध्या जाना था मगर, उनका सपना अब अधूरा रह गया। इसे पूरा करने की बात उनके बेटे महेश शर्मा ने कही है।

68 वर्ष के थे सत्यप्रकाश

ताले के लिए खास पहचान रखने वाले जयगंज के सत्य प्रकाश शर्मा 68 वर्ष के थे। ताला निर्माण के कुशल कारीगर थे। उन्होंने अपनी पत्नी रुकमणी शर्मा के साथ मिलकर अब तक का सबसे बड़ा ताला वर्ष 2021 में बनाया शुरू किया। एक साल में इसे तैयार कर लिया।

ये भी पढ़ेंः Bhajan Lal Sharma: राजस्थान के नए सीएम भजन लाल शर्मा का यूपी से है बेहद गहरा रिश्ता, भाई ने बताई सादगी भरे जीवन की बातें

आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी इस बुजुर्ग दंपती ने इस ताले पर करीब तीन लाख रुपये की खर्च किए। दंपती के हुनर की तारीफ तो सभी ने की। मगर, आर्थिक रूप से मदद के लिए कोई आगे नहीं आया था। उनका पहला सपना था कि अलीगढ़ में अबतक का सबसे बड़ा ताला बनाने का नया रिकार्ड उनके नाम रहे।

ये भी पढ़ेंः Weather Update: आगरा में तेजी से बदलेगा मौसम, दो दिन बादल छाने का अनुमान, कोहरा और धुंध बढ़ाएगी ठंड

दूसरा सपना था कि इस ताले को अयोध्या के राममंदिर के आसपास किसी चौक पर स्थापित किया जाए। ताकि दुनियाभर से आने वाले सनातनी प्रेमियों को अलीगढ़ के हुनर का प्रदर्शन देखने को मिले। इस ताले को उद्योग विभाग ने कई प्रदर्शनियों में रखा था।

विरासत में मिली कला 

सत्यप्रकाश शर्मा 40 साल से ताला निर्माण से जुड़े हुए हैं। उन्हें अपने पिता भोजराज शर्मा से ताला निर्माण की कला विरासत में मिली। पहले भी कई बड़े ताले बना चुके हैं। इनका 300 किलो का ताला खूब चर्चा में रहा था। इस रिकार्ड को उन्होंने अब 400 किलो का ताला बनाकर तोड़ा है।

चार फीट लंबी हैं चाबी

  • चार सौ किलो के लोहे के इस ताला की लंबाई 10 फीट है।
  • चौड़ाई छह फीट है।
  • छह इंच मोटाई है।
  • 30 किलो ग्राम वजन की चार फीट लंबी चाबी है।
  • इसके लिए दो चाबी तैयार की गई हैं।
  • चार फीट का ताले का कड़ा है।
अलीगढ़ की प्रदर्शनी में भी वह इसे प्रदर्शित कर चुके हैं। ताला निर्माण पर दो लाख रुपये रुपए खर्च हुए हैं। सत्यप्रकाश शर्मा का कहना था कि मंदिर अद्भुत बन रहा है। वहां की हर चीज अद्भुत होनी चाहिए। इसलिए अलीगढ़ का अदभुद ताला मंदिर के लिए भेंट किया जाएगा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।