Cyber Crime: साइबर ठगों ने AMU की रिटायर्ड प्रोफेसर को बनाया शिकार, डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 75 लाख रुपये
एएमयू से सेवानिवृत्त 81 वर्षीय महिला प्रोफेसर को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट करके 75 लाख रुपये की चपत लगाई है। मनी लॉन्ड्रिंग के केस में मदद करने के नाम पर गिरफ्तारी का डर दिखाकर ठगी की गई। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और 13 लाख रुपये होल्ड करा दिए हैं। डिजिटल अरेस्ट स्कैम और इससे बचने के लिए पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने को कहा है।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। साइबर ठगों ने एएमयू से सेवानिवृत्त 81 वर्षीय महिला प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट करके 75 लाख रुपये ठगी लिए। मनी लांड्रिंग के केस में आरोपित की मदद करने की बात कहकर गिरफ्तारी का भय दिखाया। 10 दिन तक संपर्क में रहे।
पहले दिन दो घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा। फिर कई बार वीडियो कॉल करके डराया। हर दो घंटे में वाट्सएप पर कुशलता की रिपोर्ट लेते रहे। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। पुलिस ने 13 लाख रुपये होल्ड करा दिए हैं।
पति के देहांत के बाद अकेली रहती हैं
सर सैयद नगर की महिला ने मुकदमे में कहा है कि उनके पति का देहांत हो चुका है। वह फ्लैट में अकेली रहती हैं। 28 सितंबर को उनको अनजान नंबर से काल आया। कहा गया कि आपके फोन से गलत एक्टिविटी हो रही हैं। नंबर बंद कर रहे हैं। फिर मुंबई पुलिस के नाम से वाट्सएप कॉल आई। कहा कि आपके आधार पर कई बैंक खाते खुले हैं। आपके विरुद्ध मुकदमा भी पंजीकृत है। वाट्सएप पर मुकदमे की प्रति भेजी। कहा कि मनी लांड्रिंग में नरेश गोयल नाम के व्यक्ति गिरफ्तार हैं।
पैसे ही जांच होनी है
आपने खाता खुलवाने व रुपये के लेनदेन में उसकी मदद की है। आपके पैसे की जांच होनी है। हर बात गोपनीय रखनी है, अन्यथा ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट में आपको व जिसे आप बात बताओगे, उसे भी छह महीने की जेल हो जाएगी। इन बातों को गोपनीय रखने की शपथ भी वाट्सएप पर ले ली। धमकी दी कि उनके कहे अनुसार नहीं किया तो जान भी चली जाएगी। 29 सितंबर को सुरक्षित होने की रिपोर्ट भेजी। 30 सितंबर को वाट्सएप पर ईडी का पत्र भेजा, जिसमें लिखा था कि आपके सारे फंड सुप्रीम कोर्ट को ट्रांसफर किए जाएंगे। बाद में लौटाए जाएंगे।
महिला के रुपये कराए ट्रांसफर
उसी दिन महिला ने 37 लाख रुपये स्थानांतरित कर दिए। एक अक्टूबर को 25 लाख रुपये, तीन अक्टूबर को पांच लाख, सात अक्टूबर को आठ लाख रुपये भेजे। इस बीच कंगन को गिरवी रखवाकर दो लाख का ऋण भी करवाया। इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। रकम अलग-अलग 21 खातों में ट्रांसफर हुई है। 13 लाख रुपये होल्ड करा दिए हैं।
यह है डिजिटल अरेस्ट
किसी भी व्यक्ति को फोन पर डराया जाता है कि वह मनी लांड्रिंग या अन्य किसी में फंस गए हैं। आरोपित खुद को पुलिसकर्मी बताते हैं और उस केस से जुड़े फर्जी कागजात भेजकर दहशत पैदा कर देते हैं। ये भरोसा दिला देते हैं कि जो भी बताया जा रहा है, वह सब सच है। साथ ही धमकी देते हैं कि किसी से कोई बात साझा की तो जेल हो सकती है। लेकिन, कानून की भाषा में डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई शब्द नहीं है। इसके लिए लोग किसी भी अनजान काल पर तुरंत भरोसा न करें। वाट्सएप पर टू-स्टेप वेरिफिकेशन को चालू कर लें, ताकि अनजान व्यक्ति आपको काल न कर सके।