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अलीगढ़ एयरपोर्ट विस्तारीकरण में अब अधिग्रहण से ली जाएगी 59 हेक्टेयर भूमि, सर्किल सेट से चार गुना मिलेगा मुआवजा

धनीपुर एयरपोर्ट विस्तारीकरण में प्रशासन अब अधिग्रहण के माध्यम से भूमि लेगी। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। किसानों से सर्किल रेट के चार गुना मुआवजे से ही यह अधिग्रहण होगा। पिछले दिनों प्रशासनिक अधिकारियों ने इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। जेवर एयरपोर्ट की तर्ज पर प्रक्रिया अपनाई गई है। शासन से प्रस्ताव पास होने के बाद अधिग्रहण शुरू होगा।

By Surjeet Singh Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 08 Aug 2024 12:34 PM (IST)
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अलीगढ़ एयरपोर्ट विस्तारीकरण में अब अधिग्रहण से ली जाएगी 59 हेक्टेयर भूमि
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। धनीपुर एयरपोर्ट विस्तारीकरण में शामिल शेष भूमि को अब प्रशासन अधिग्रहण के माध्यम से लेगा। इसके लिए स्थानीय स्तर से प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इसमें ज्यादातर भूमि के मामले अलग-अलग न्यायालयों में विचारीधीन हैं। प्लाट की भूमि के मामले भी इसी प्रस्ताव में शामिल हैं।

सर्किल रेट के चार गुना मुआवजे पर इस 59 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा। शेष 31 हेक्टेयर सरकारी भूमि को पुनर्गहण के माध्यम से शामिल किया जाएगा। केंद्र सरकार जेवर में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट विकसित कर रही है। इसके सबसे निकट अलीगढ़ है।

भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए यहां के डेढ़ सौ हेक्टेयर क्षेत्र में बने धनीपुर एयरपोर्ट का भी विस्तारीकरण हो रहा है। इसके लिए आसपास के पनैठी, अलहदादपुर, इकरी, खानगढ़ी और निजामतपुर बोरना क्षेत्र की 275 हेक्टेयर भूमि खरीदी जा रही है। इसमें 31 हेक्टेयर भूमि सरकारी व 244 हेक्टेयर निजी है। छोटे-बड़े करीब एक हजार किसानों से इसकी खरीद होनी है। इस पर 738 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

एक साल पहले हुई थी भूमि खरीद की शुरूआत

प्रशासन ने एक वर्ष पहले इस परियोजना के लिए भूमि खरीद की शुरुआत की थी। पहले चरण में सर्किल रेट के चार गुना मुआवजे पर सहमति से सीधे राज्यपाल के नाम बैनामा कराने का निर्णय हुआ। अब तक इससे 185 हेक्टेयर भूमि की खरीद हो चुकी है। यह भूमि अविवादित है। शेष निजी 59 हेक्टेयर भूमि को और लिया जाना है। इसमें ज्यादातर विवादित है। कुछ भूमि के मामले तो न्यायालयों में भी विचाराधीन हैं।

15 हेक्टेयर में एक हजार के करीब ऐसे प्लाट हैं, जिन्होंने बैनामे तो करा लिए हैं, मगर मालिकों के नाम खतौनी में दर्ज नहीं हैं। कुछ लोग कृषि भूमि का भी आवासीय दर से मुआवजा मांग रहे हैं। जिला प्रशासन ने शेष भूमि लेने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को अपनाने का निर्णय लिया है।

किसानों से सर्किल रेट के चार गुना मुआवजे से ही यह अधिग्रहण होगा। पिछले दिनों प्रशासनिक अधिकारियों ने इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। जेवर एयरपोर्ट की तर्ज पर प्रक्रिया अपनाई गई है। एडीएम वित्त व राजस्व मीनू राणा ने इसे पूरा करने के लिए गोतमबुद्ध नगर का दौरा भी किया था।

जिलाधिकारी विशाख जी ने बताया-

एयरपोर्ट विस्तारीकरण में अब तक आपसी सहमति से बैनामे कराए जा रहे थे। अब शेष के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। स्थानीय स्तर से इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है।

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