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Aligarh News: ठिठुरते हुए आए मरीज जिला अस्पताल, बिना इलाज के ही लौटे; डॉक्टरों की कमी के चलते मरीज परेशान

दैनिक जागरण की पड़ताल में बुधवार को ऐसे कई मरीज सामने आए जो सर्दी में ठिठुरते हुए अस्पताल आए और बिना उपचार के लौट गए। एक ही सर्जन हैं जिसके कारण आपरेशन लटके हुए हैं। ओपीडी भी बाधित है जिसके कारण मरीज परेशान हो रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Anil PandeyUpdated: Thu, 12 Jan 2023 01:08 PM (IST)
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अलीगढ़़ जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं के कारण परेशान होते मरीज और स्वजन। जागरण
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : जयगंज की मधु शर्मा (23) को पेट के दायीं ओर निचले हिस्से में दर्द रहता है। निजी चिकित्सक की सलाह पर बुधवार दोपहर करीब 12 बजे आपरेशन के लिए जिला अस्पताल आईं। सर्जन 11 बजे उठ गए। वे बिना परामर्श, जांच व दवा के लौट गईं। अकराबाद के श्योराज सिंह भी परेशान दिखे। बोले, हृदय रोगी हूं। कई दिन से सांस लेने में परेशानी है। हृदय या सांस रोग के डाक्टर ही नहीं हैं। निजी चिकित्सक को दिखाकर लौट जाऊंगा। दैनिक जागरण की पड़ताल में बुधवार को ऐसे कई मरीज सामने आए जो सर्दी में ठिठुरते हुए अस्पताल आए और बिना उपचार के लौट गए।

बीमारियां बढ़ने से परेशानी

ठंड में सर्दी, खांसी, जुकाम, सांस लेने में परेशानी, उच्च रक्तचाप, पेट, त्वचा, हृदय संबंधी परेशानियां बढ़ जाती हैं। जिला अस्पताल में सबसे अधिक मरीज इन्हीं बीमारियों के पहुंचते हैं, मगर एक फिजिशियन के सहारे ही सामान्य ओपीडी चलाई जा रही है, जिनके कक्ष के सामने सुबह से ही मरीजों की कतार लग जाती है। नए-पुराने 1100 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं।

दीनदयाल के स्टाफ के भरोसे उपचार

जिला अस्पताल में दो कार्डियोलाजिस्ट, दो फिजिशियन व एक चेस्ट फिजिशियन का पद स्वीकृत है। इसके सापेक्ष मात्र एक फिजिशियन हैं, वे भी दीनदयाल अस्पताल के बुजुर्ग क्लीनिक से हटाकर तैनात किए गए हैं, जहां ताला लटक गया है। दो हड्डी रोग विशेषज्ञ के पद रिक्त हैं। सर्दी में हड्डी व नस संबंधी परेशानियां भी बढ़ जाती हैं। एडी हेल्थ ने दीनदयाल अस्पताल से दो हड्डी रोग विशेषज्ञों को नियुक्त कर दिया है, मगर दोपहर करीब 12 बजे ओपीडी में प्रशिक्षु चिकित्सक बैठे दिखे। फिजियोथेरेपिस्ट का स्थानांतरण होने के बाद से उनके विभाग में भी ताला लटका मिला। दो सर्जन होने चाहिए, वर्तमान में एक ही है। इससे ओपीडी व आपरेशन का ही कार्य प्रभावित है।

जिला अस्पताल का फिजियोथेरेपी विभाग, जिसे फिजियोथेरेपिस्ट का स्थानांतरण होने के बाद स्थायी रूप से बंद कर दिया दया है। इंदिरा नगर से आईं मरीज बताती हैं कि सड़क हादसे में सोमवार को सिर, हाथ, पैर में चोट आई। दोपहर करीब 12 बजे परिवार के लोग सर्जन के पास लाए। पांच-छह मरीज और थे। दो बजते ही सर्जन उठ गए, सभी को बिना उपचार लौटना पड़ा। आज फिर आई हूं। 11 बजे हैं और सर्जन उठ गए।

किशनपुर से आईं प्रवेश देवी ने बताया कि मुझे यूट्रेस में समस्या है। सर्जन से आपरेशन कराना है। दो दिन से जिला अस्पताल में आ रही हूं, सर्जन नहीं मिल पा रहे हैं। सर्दी का मौसम है, बीमारी से ग्रस्त मरीज कितनी जल्दी अस्पताल पहुंचे। सर्जन की कमी हैं तो सरकार समाधान करे, तभी मरीजों को सुविधा मिलेगी।

वहीं जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. ईश्वरदेवी बत्रा ने कहा कि चार माह पूर्व हृदय, हड्डी रोग, फिजिशियन समेत कई विशेषज्ञों के स्थानांतरण हो गए। तब से समस्या है। एक ही सर्जन हैं, जिन्हें ओपीडी भी करना है व आपरेशन भी। फिजियोथेरेपिस्ट मृतकाश्रित कोटे से थे। पद स्वीकृत न होने से नियुक्त नहीं हो पाई। उच्चाधिकारियों को निरंतर लिख रहे हैं।

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