बुलंदशहर की घटना पर अलीगढ़ में अलर्ट, अफसर हैं चौकन्ना
बुलंदशहर में हुए बवाल के बाद अलीगढ़ में अलर्ट जारी कर दिया गया है। सीओ बरला के साथ बड़ी संख्या में पुलिस व पीएसी को बुलंदशहर भेजा गया है।
By Mukesh ChaturvediEdited By: Updated: Tue, 04 Dec 2018 01:58 PM (IST)
अलीगढ़ (जेएनएन)। बुलंदशहर में हुए बवाल के बाद अलीगढ़ में अलर्ट जारी कर दिया गया है। सीओ बरला के साथ बड़ी संख्या में पुलिस व पीएसी को बुलंदशहर भेजा गया है। आरएएफ को भी भेजने की तैयारी है।
छोटी घटनाओं पर पैनी नजर एसपी क्राइम आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि शहर में एसपी सिटी अतुल श्रीवास्तव व देहात में एसपी देहात मणिलाल पाटीदार के निर्देशन में सभी सीओ व थानेदार अपने क्षेत्रों में गश्त कर रहे हैं। शहर के संवेदनशील स्थानों पर भी पुलिस तैनात है। सादा कपड़ों में भी पुलिस तैनात की गई है। गड़बड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। हर घटना पर पैनी नजर रखी जा रही है।
रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर पुलिस तैनातरेलवे स्टेशन व बस स्टैंडों पर भी सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं। बुलंदशहर में चल रहे मुस्लिम महासभा के आयोजन इज्तिमा के समापन पर सोमवार को लौटने वाली भीड़ को देखते हुए रेलवे स्टेशन पर जीआरपी, आरपीएफ व स्थानीय पुलिस को अलर्ट किया गया है।
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई एसपी क्राइम ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिये किसी प्रकार की अफवाह फैलाने, आपत्तिजनक मैसेज भेजने वालों पर सख्ती की जाएगी। ऐसे लोगों की निगरानी के लिए पुलिस मीडिया सेल व सर्विलांस टीम को सक्रिय किया गया है। उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने व सांप्रदायिक सौहाद्र्र बनाए रखने की अपील की है।
अलीगढ़ में भी पुलिस पर हो चुके हैैं हमले
बुलंदशहर की तरह अलीगढ़ में भी पुलिस पर हमले की कई घटनाएं हो चुकी हैैं, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई। पुलिस प्रशासन गोकशी पर सख्ती की बात करे, लेकिन चोरी छिपे गोकश हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। कहीं धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले वीडियो वायरल किए जा रहे हैैं तो कहीं छोटी घटना को बड़ा रूप देने की कोशिशें हो रही हैैं। अकराबाद में गोकशी के मामले में उग्र हुई भीड़ ने पुलिस को दौड़ा दिया था। जवां में पुलिस के कई वाहनों को आग लगा दी गई थी। खैर में इंस्पेक्टर से मारपीट की गई थी। पुलिस रिकार्ड के अनुसार पांच साल में गोवध अधिनियम में 37 मुकदमे दर्ज हुए और पुलिस पर हमले के 28 मामले सामने आए। 119 गोकशों को गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेज चुकी है। उनके खिलाफ गैंगस्टर व एनएसए की कार्रवाई हो चुकी है।अलीगढ़ में ये हुईं प्रमुख घटनाएं
- 09 जुलाई 2015 को टप्पल के नरवारी गांव में गोकशी को लेकर ग्रामीणों ने थाना घेरा।
- 15 अप्रैल 2016 को अकराबाद में गोकशी पर गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस को मारपीट कर दौड़ाया।
-14 सितंबर 2015 को जवां के कश्तली पला गांव में 21 गायों को काटने पर बवाल हुआ। ग्रामीणों ने पथराव कर पुलिस को दौड़ाया। कई वाहन फूंक दिए। लापरवाही पर इंस्पेक्टर रामदरश यादव समेत आठ पुलिस कर्मी निलंबित हुए।
- 08 फरवरी 2018 को खैर के सोफा सुजानपुर में गो अवशेष मिलने पर ग्रामीणों हंगामा कर तत्कालीन इंस्पेक्टर से मारपीट कर वर्दी फाड़ी। एएसपी पर हो चुका हमला
पिछले दस माह में एएसपी नीरज कुमार जादौंन से गोकशों का छह बार आमना-सामना हो चुका है। गोकशों ने एएसपी की सरकारी गाड़ी को रौंदने का प्रयास किया और फायङ्क्षरग भी की। पुलिस दो वारदातों का पर्दाफाश कर सकी है।सपाइयों ने सरकार से मांगा इस्तीफा
बुलंदशहर घटना की सपाइयों ने निंदा की है और योगी सरकार से इस्तीफा मांगा है। सपा नेता प्रशांत वाल्मीकि ने आरोप लगाया है कि पांच प्रदेशों में हार को देखते हुए भाजपा दंगा कराना चाहती है। सपा महिला सभा की महानगर अध्यक्ष रुबीना खानम ने कहा है कि आज योगी राज में पुलिसकर्मी तक सुरक्षित नहीं हैैं तो आम जनता की क्या सुरक्षा होगी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।बुलंदशहर की तरह अलीगढ़ में भी पुलिस पर हमले की कई घटनाएं हो चुकी हैैं, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई। पुलिस प्रशासन गोकशी पर सख्ती की बात करे, लेकिन चोरी छिपे गोकश हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। कहीं धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले वीडियो वायरल किए जा रहे हैैं तो कहीं छोटी घटना को बड़ा रूप देने की कोशिशें हो रही हैैं। अकराबाद में गोकशी के मामले में उग्र हुई भीड़ ने पुलिस को दौड़ा दिया था। जवां में पुलिस के कई वाहनों को आग लगा दी गई थी। खैर में इंस्पेक्टर से मारपीट की गई थी। पुलिस रिकार्ड के अनुसार पांच साल में गोवध अधिनियम में 37 मुकदमे दर्ज हुए और पुलिस पर हमले के 28 मामले सामने आए। 119 गोकशों को गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेज चुकी है। उनके खिलाफ गैंगस्टर व एनएसए की कार्रवाई हो चुकी है।अलीगढ़ में ये हुईं प्रमुख घटनाएं
- 09 जुलाई 2015 को टप्पल के नरवारी गांव में गोकशी को लेकर ग्रामीणों ने थाना घेरा।
- 15 अप्रैल 2016 को अकराबाद में गोकशी पर गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस को मारपीट कर दौड़ाया।
-14 सितंबर 2015 को जवां के कश्तली पला गांव में 21 गायों को काटने पर बवाल हुआ। ग्रामीणों ने पथराव कर पुलिस को दौड़ाया। कई वाहन फूंक दिए। लापरवाही पर इंस्पेक्टर रामदरश यादव समेत आठ पुलिस कर्मी निलंबित हुए।
- 08 फरवरी 2018 को खैर के सोफा सुजानपुर में गो अवशेष मिलने पर ग्रामीणों हंगामा कर तत्कालीन इंस्पेक्टर से मारपीट कर वर्दी फाड़ी। एएसपी पर हो चुका हमला
पिछले दस माह में एएसपी नीरज कुमार जादौंन से गोकशों का छह बार आमना-सामना हो चुका है। गोकशों ने एएसपी की सरकारी गाड़ी को रौंदने का प्रयास किया और फायङ्क्षरग भी की। पुलिस दो वारदातों का पर्दाफाश कर सकी है।सपाइयों ने सरकार से मांगा इस्तीफा
बुलंदशहर घटना की सपाइयों ने निंदा की है और योगी सरकार से इस्तीफा मांगा है। सपा नेता प्रशांत वाल्मीकि ने आरोप लगाया है कि पांच प्रदेशों में हार को देखते हुए भाजपा दंगा कराना चाहती है। सपा महिला सभा की महानगर अध्यक्ष रुबीना खानम ने कहा है कि आज योगी राज में पुलिसकर्मी तक सुरक्षित नहीं हैैं तो आम जनता की क्या सुरक्षा होगी।