Aligarh Muslim University; आतंकियों का ठिकाना बना अलीगढ़; एटीएस की चार माह में तीसरी कार्रवाई, 46 वर्ष पहले हुई थी यहां सिमी की स्थापना
चार माह के अंदर यह तीसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले दो आतंकी पकड़े गए थे जिनमें फैजान नाम का छात्र था। फैजान पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब चार माह बाद एक और छात्र की गिरफ्तारी को उसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। दूसरा आतंकी भी एएमयू का पूर्व छात्र है। स्थानीय एजेंसियां पड़ताल में जुट गई हैं कि दोनों किन लोगों के संपर्क में थे।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। दीपावली से पहले यूपी एटीएस की कार्रवाई ने एक बार फिर एएमयू को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। ये पहला मामला नहीं है, जब एएमयू छात्र यहां पनाह लेकर आतंकी देशविरोधी गतिविधियों में शामिल रहा हो।
फैजान अंसारी के कमरे की ली थी तलाशी
चार माह पहले 16 जुलाई को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की टीम अलीगढ़ आई थी। टीम ने यहां रह रहे झारखंड के फैजान अंसारी के कमरे की तलाशी ली थी। दो दिन बाद उसकी गिरफ्तारी दिखाई गई। जांच में पता चला था कि फैजान करीब तीन वर्ष पहले से ही आतंकी गतिविधियों में संलिप्त हो गया था। यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने से पहले ही वह देश में बड़े हमले की साजिश रच रहा था।
इसके बाद 14 सितंबर को एनआइए के आने की चर्चाएं होती रहीं। लेकिन, कोई टीम नहीं आई। दो अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया। इनमें झारखंड निवासी अरशद वारसी शामिल था, जो 12 साल तक अलीगढ़ में रहा था।
- वर्ष 2004 से 2016 तक उसने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पढ़ाई की थी।
- इसके साथी मोहम्मद शाहनवाज ने मार्च 2021 में अलीगढ़ में रहने वाली बसंती से शादी की थी।
- इसके बाद से स्थानीय स्तर पर खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गईं।
अब रविवार को एटीएस ने अलग-अलग इलाकों से अब्दुल्ला अर्सलान और माज बिन तारिक को गिरफ्तार किया है। तारिक बीकाम का छात्र है, जबकि अब्दुल्ला पेट्रो केमिकल से बीटेक कर चुका है। अब स्थानीय एजेंसियां दोनों आतंकियों के बारे में जानकारी जुटाने में लग गई हैं।
तो क्या एक और युवक हुआ गिरफ्तार
अब्दुल्ला अर्सलान गली नंबर छह, निकट क्रिबिया मस्जिद, आलमबाग भमौला का रहने वाला है और माज बिन तारिक चौथी मंजिल, अल इब्राहिम अपार्टमेंट, मंजूरगढ़ी निवासी है। रविवार को एटीएस ने दोनों की भमौला व मंजूरगढ़ी से गिरफ्तारी की है। इसी बीच जानकारी मिली है कि एटीएस बदरबाग निवासी एक और युवक को गिरफ्तार करके ले गई है। लेकिन, उससे अभी पूछताछ की जा रही है।
दूसरे युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए तैयार था फैजान
सुरक्षा एजेंसियों की पड़ताल में पता चला था कि फैजान दूसरे युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए तैयार था। 23 जनवरी 2020 को झारखंड के लोहरदगा में हुए सांप्रदायिक हिंसा के बाद आतंकी संगठनों के लिए युवाओं को भड़काना आसान हो गया था। तभी फैजान प्रभाव में आ गया। डेढ़-दो वर्ष से आइएसआइएस के साथ मिलकर काम कर रहा था। आइएसआइएस एजेंट के रूप में प्रशिक्षित हो चुका था।
मन्नान के आतंकी कनेक्शन ने दहलाया था
छह वर्ष पहले एएमयू छात्र मन्नान वानी का आतंकी कनेक्शन सामने आने के बाद सबके होश उड़ गए थे। उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा के लोलब गांव का निवासी मन्नान वानी एएमयू से पीएचडी कर रहा था। मन्नान उस वक्त सुर्खियों में आया था, जब उसने कश्मीर में मारे गए आतंकी बुरहान वानी के समर्थन में कैंपस में पोस्टर बांटे थे।
दो जनवरी 2018 को हबीब हाल के कमरा नंबर 237 में रहने वाला मन्नान लापता हो गया था। सात जनवरी को इंटरनेट मीडिया पर उसकी एके-47 लिए तस्वीर सामने आई। अक्टूबर 2018 में जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मन्नान मारा गया था।
46 वर्ष पहले हुई थी सिमी की स्थापना
वर्ष 1975 में आपातकाल के दौरान तमाम छात्र संगठनों पर भी पाबंदी लगी थी। आपातकाल हटा तो छात्रों को लामबंद करने के इरादे से 25 अप्रैल 1977 को अलीगढ़ में स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) की स्थापना की थी। यह संगठन एक दशक बाद ही रास्ता भटक गया।
80 के दशक में ही तमाम कार्यकर्ता उग्रवाद की ओर बढ़ चुके थे। इनकी राष्ट्रविरोधी हरकतें तब सामने आईं, जब अयोध्या में विवादित ढांचे का विध्वंस हुआ। तब सिमी नेताओं ने तिरंगे तक को सलाम करने से इन्कार कर दिया था। कई राज्यों में बम धमाकों में संलिप्तता की पुष्टि के बाद प्रतिबंध लगा दिया गया। तभी से शहर के शमशाद मार्केट में खुला संगठन का दफ्तर सील है।
एक रात रुका था अबु बशर
अहमदाबाद में सीरियल बम धमाके में सजा पाने वालों में शामिल अबु बशर यहां आया था और एक रात रुका था। मुख्य साजिशकर्ता सफदर नागौरी के भी अलीगढ़ से गहरे संपर्क रहे हैं। अबु बशर के दूसरे साथी आजमगढ़ के संजरपुर के मो. सैफ को लेकर भी अलीगढ़ आने की जानकारी मिली थी। शोर मचा था कि बाटला हाउस कांड के बाद वह किसी पुलिस अधिकारी के रिश्तेदार के घर में ठहरा था।
पहले भी सुर्खियों में रहा है एएमयू
- वर्ष 1992 में कश्मीर से आए शाल के गट्ठर में एके-56 रायफल पकड़ी गई थी। ये शाल सिविल लाइन क्षेत्र के एक दुकानदार ने कश्मीर के श्रीनगर के सराय शाही निवासी जावेद यूसुफ से मंगाई थीं। इसमें सात लोग जेल गए थे।
- 1998 में कश्मीरी आतंकी के एएमयू में छिपे होने जानकारी पर आइबी इंस्पेक्टर राजन शर्मा हबीब हाल के पास गए थे। आरोप है कि कुछ लोग उन्हें हाल के अंदर खींच ले गए। विरोध करने पर राजन शर्मा को यातनाएं दी गई थीं। पीठ पर अल्लाह गोद दिया गया। पुलिस ने राजन शर्मा को मुक्त कराया था। बाद में उनकी मृत्यु हो गई।
- वर्ष 2001-2002 में हबीब हाल में मुबीन नाम के छात्र को आतंकवादी संगठन से जुड़े होने के शक के आधार पर उठाया था। इसे लेकर काफी विरोध हुआ। छात्रों ने कई दिनों तक आंदोलन भी किया। बाद में सबूतों के अभाव में उसे बरी कर दिया गया।
- सितंबर 2016 में जम्मू कश्मीर के उड़ी में सेना की छावनी पर आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों पर एएमयू छात्र मुदासिर यूसुफ लोन ने अभद्र टिप्पणी की थी। इससे इंतजामिया ने निष्कासित कर दिया।
- फरवरी 2013 में संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के बाद में एएमयू छात्रों ने शहीद का दर्जा दिया है। अफजल की फांसी के बाद छात्रों ने मौलाना आजाद लाइब्रेरी के पास नमाज-ए-जनाजा (गायबाना) पढ़ी और अफजल को शहीद का दर्जा दिया। फांसी दिए जाने के विरोध में एएमयू में छात्रों ने प्रोटेस्ट मार्च भी निकाला था।
- सात जनवरी 2018 को एएमयू के हबीब हाल में रहने वाले मन्नान की तस्वीर इंटरनेट मीडिया पर एके-47 के साथ सामने आई थी। अक्टूबर 2018 में मन्नान मारा गया था।
- छह दिसंबर 2020 को केला नगर से दिल्ली पुलिस ने अब्दुल्ला दानिश को गिरफ्तार किया था। अब्दुल्ला प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी का सर्वेसर्वा था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल 19 वर्ष से इसकी तलाश कर रही थी। इसने वर्ष 2008 में अहमदाबाद में हुए बम धमाके के आरोपित को अलीगढ़ में अपने घर में पनाह दी थी।
- 16 जुलाई 2023 को एएमयू छात्र फैजान के कमरे की तलाशी लेने आई थी एनआइए।
एटीएस द्वारा वैधानिक कार्रवाई की गई है। स्थानीय स्तर पर सतर्क दृष्टि रखी जा रही है। सभी अभिसूचना इकाई को सतर्क रहने के आदेश दिए गए हैं। - कलानिधि नैथानी, एसएसपी
मीडिया के जरिये गिरफ्तारी की सूचना मिली है। जिन युवकों को एएमयू का छात्र बताया जा रहा है। उनके बारे में तस्दीक कराई जा रही है। मंगलवार को इसकी जानकारी खंगाली जाएगी।प्रो. एम वसीम अली, प्राक्टर, एएमयू