एएमयू में मास कम्युनिकेशन की मास्टर कोर्स की प्रवेश परीक्षा पर इतिहास विभाग के एक शिक्षक की पोस्ट ने प्रवेश परीक्षाओं की शुचिता और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। इसी पोस्ट का इसी विभाग के दूसरे शिक्षक ने समर्थन देते हुए गंभीर टिप्पणी की है। यहां तक कहा कि सड़ांध गहरी है और इसकी गंध अब इतनी अधिक है कि यह वास्तव में दम घोंटने वाली हो गई है।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। एएमयू में मास कम्युनिकेशन की मास्टर कोर्स की प्रवेश परीक्षा पर इतिहास विभाग के एक शिक्षक की पोस्ट ने प्रवेश परीक्षाओं की शुचिता और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। इसी पोस्ट का इसी विभाग के दूसरे शिक्षक ने समर्थन देते हुए गंभीर टिप्पणी की है। यहां तक कहा कि सड़ांध गहरी है और इसकी गंध अब इतनी अधिक है कि यह वास्तव में दम घोंटने वाली हो गई है।
इन तमाम आरोपों को एएमयू प्रशासन ने खारिज कर दिया है। कहा कि परीक्षा में पकड़ी गई इलेक्ट्रोनिक डिवाइस की जांच कराई जाएगी। सभी तरह के आरोप निराधार हैं। एएमयू के इतिहास विभाग के प्रो. मोहम्मद सज्जाद ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट में लिखा है कि सेंटर भौतिकी विभाग में मास कम्युनिकेशन में मास्टर कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा चल रही थी।
प्रतियोगी प्रवेश परीक्षा शुरू होने के लगभग 30 मिनट के भीतर दो उम्मीदवारों को सेल-फोन और अन्य उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रानिक गैजेट्स के माध्यम से अनुचित साधनों में लिप्त पकड़ा गया। 40 छात्रों की क्षमता वाले परीक्षा हाल (कक्ष) में केवल अंतिम पांच उम्मीदवार थे। एक मौलाना जैसा दिखने वाला प्राक्टोरियल शिक्षक केंद्र पर पहुंच गया था, जिसकी भूमिका जाहिर तौर पर दोनों अभ्यर्थियों की सुरक्षा करने में अधिक थी। दोनों उम्मीदवारों ने एक गिरोह से जुड़े होने का दिखावा किया।
एक डिप्टी प्राक्टर ने परीक्षा केंद्र पर पहुंचने से इन्कार कर दिया। कथित तौर पर मौलाना-प्रकार का प्राक्टोरियल शिक्षक संभवतः संदिग्ध भूमिका निभा रहा था। अतीत में एएमयू प्रशासन के एक हिस्से ने उन्हें स्थानीय पुलिस से बचाया था। परीक्षा केंद्र के अधीक्षक को गिरोह के सरगना की ओर से फोन पर धमकी मिल रही है। यह वही केंद्र है जहां परीक्षा हाल से पुरानी चुंगी ले जाकर एक उत्तर-पुस्तिका का मूल्यांकन किया गया था और मार्कशीट दी गई।
अभी कुछ दिन पहले ही एक बीएससी औद्योगिक रसायन विज्ञान के पाठ्यक्रम में प्रश्न पत्र-सेटिंग और माडरेशन में भयानक गलतियां सामने आईं। फिर भी अब तक परीक्षा को किसी अन्य प्रश्न पत्र के साथ पुनर्निर्धारित करने के लिए रद्द नहीं किया गया है। यह स्पष्ट होता जा रहा है कि एएमयू स्वतंत्र और निष्पक्ष परीक्षा आयोजित करने में बुरी तरह विफल हो रहा है। । जानबूझकर लंबे समय से थके हुए अधिकारियों को बदला नहीं जा रहा है।
कालीन के नीचे गंदगी को साफ नहीं करना चाहते : प्रो. नदीम रेजावी
एएमयू के इतिहास विभाग के प्रो सैयद अली नदीम रेजावी ने फेसबुक पर पोस्ट में लिखा है कि प्रो. मोम्मद सज्जाद सहित कई वरिष्ठ संकाय सदस्यों द्वारा व्यक्त की गई पीड़ा का समर्थन करता हूं। हम अपने अल्मा मेटर के शुभचिंतकों के रूप में कालीन के नीचे गंदगी को साफ नहीं करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारी संस्था को फिर से उसी रूप में लाया जाए।
इस मामले में प्राक्टर प्रो. एम वसीम अली द्वारा की गई टिप्पणी एएमयू में पिछले वर्षों में परीक्षाओं के दौरान की गई कथित अवैधताओं के खिलाफ लगाए गए कई आरोपों में निष्क्रियता का परिणाम थी। परिसर में चरमराती कानून व्यवस्था की स्थिति। क्या इसके लिए वह सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं हैं? 2019 या उसके बाद से परिसर कथित आपराधिक गतिविधियों के कारण कुख्यात प्रतीत होता है।डकैती, चेन चोरी, छात्रों के समूहों के बीच हिंसा, परिसर में असामाजिक लोगों की उपस्थिति, आग्नेयास्त्रों के उपयोग के मामले, छुरा घोंपना और न जाने क्या-क्या! ख़ुफ़िया एजेंसियों ने यह भी आरोप लगाया कि परिसर में कई राष्ट्र-विरोधी थे। कौन नहीं जानता कि कोविड के सीज़न के दौरान लाकडाउन के बाद से हाल सभी अवैध गतिविधियों के केंद्र के रूप में उभरे, जिसके परिसर में बाहुबलियों का निवास था और वे वहां से अपना शो चला रहे थे। सड़ांध गहरी है और इसकी गंध अब इतनी अधिक है कि यह वास्तव में दम घोंटने वाली हो गई है।
यह था मामला
28 मई को एएमयू के भौतिक विज्ञान विभाग में मास कम्युनिकेशन के मास्टर कोर्स की प्रवेश परीक्षा थी। इस परीक्षा में चेकिंग के दौरान दो परीक्षार्थियों से मोबाइल और ईयर बड्स बरामद किए थे। केंद्र अधीक्षक ने सामान और कापी सील कर रिपोर्ट के साथ कंट्रोलर भेज दिया था। केंद्र अधीक्षक प्रो. मो. सज्जाद अथहर का कहना है कि इस संबंध में प्रशासन और कंट्रोल आफिस से कोई वार्ता नहीं की गई है। जब सारा मामला प्राक्टर आफिस के संज्ञान में हैं। अब उन्हें कुछ और अधिक बताने की जरूरत नहीं है। रिपोर्ट भेजी जा चुकी है।
डिप्टी प्राक्टर किसी अन्य मामले में मौके पर गए थे। सूचना पर प्राक्टोरियल आफिस की टीम मौके पर पहुंची थी। जिस छात्र से मोबाइल और ईयर बड्स पकड़ी हैं। उन्हें कापी के साथ सील कर कंट्रोलर आफिस भेज दिया है। यह मामला कमेटी के समक्ष रखा जाएगा। जांच में सही पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाती है। पोस्ट पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। - प्रो. एम वसीम अली, प्राक्टर, एएमयू
इलेक्ट्रोनिक डिवाइस को देखते हुए केंद्रों पर मेटल डिटेक्टर की व्यवस्था की गई है। चेकिंग में यह डिवाइस पकड़ में नहीं आई। केंंद्र 255 में से पांच छात्र जो रहे गए थे। उन्हें अलग कमरे में बैठाया गया था। इसमें कोई गड़बड़ी नहीं की गई है। केंद्र अधीक्षक की रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। डिबार करने की कार्रवाई का भी प्रविधान है। औद्योगिक रसायन के पेपर में एक जैसे दो सवाल आने के मामले में कमेटी से रिपोर्ट मांगी गई है। - डा. मुजीहब उल्लाह जुबैरी, परीक्षा नियंत्रक, एएमयू
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