Aligarh News: एएमयू के 104 साल के इतिहास में पहली बार बग्घी पर सवार हुईं महिला कुलपति
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सर सैयद अहमद खां की 207वीं जयंती मनाई गई। मुख्य अतिथि मुजफ्फर अली और कुलपति प्रो. नईमा खातून विक्टोरियन युग की घोड़ा बग्घी पर सवार होकर कार्यक्रम स्थल पर गए। यह एएमयू के इतिहास में पहला मौका था जब कोई महिला कुलपति मुख्य अतिथि के साथ बग्घी पर सवार हुई। कोलंबिया विश्वविद्यालय की प्रोफेसर फ्रांसिस प्रिटचेट और गालिब इंस्टीट्यूट को पुरस्कार दिए गए।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के संस्थापक सर सैयद अहमद खां की 207 वीं जयंती के अवसर पर गुरुवार को इतिहास बन गया।
समारोह के मुख्य अतिथि मशहूर फिल्मकार और लेखक मुजफ्फर अली जब कुलपति आवास से विक्टोरियन युग की चार पहियों की घोड़ा बग्घी पर सवार होकर कार्यक्रम स्थल पर गए तो उनके साथ कुलपति प्रो. नईमा खातून भी थीं।
एएमयू की स्थापना के 104 साल के इतिहास में यह पहला मौका था, जब कोई महिला कुलपति मुख्य अतिथि के साथ बग्घी पर सवार हुई हों। प्रो. नईमा खातून यूनिवर्सिटी की पहली महिला कुलपति हैं। इससे पहले पुरुष कुलपति ही मुख्य अतिथि के साथ जाते रहें हैं।
गुलिस्तान-ए-सैयद में सर सैयद डे समारोह
सर सैयद डे समारोह गुलिस्तान-ए-सैयद (पार्क) में आयोजित हो रहा है। मुख्य अतिथि कुलपति आवास से सुबह 11 बजे कार्यक्रम स्थल पर रवाना हुए। राइडिंग क्लब के सदस्य उनका स्वागत किया। कुलपति प्रो. खातून ने अध्यक्षीय भाषण दिया। इससे पहले एएमयू रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान स्वागत भाषण दिया।
प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की अध्यक्ष प्रो. जेहरा मोहसिन और सर सैयद अकादमी के निदेशक प्रो. शाफे किदवई सर सैयद अहमद खान के विजन, दर्शन और शैक्षिक मिशन पर भाषण दिया।
प्रो. प्रिचरेट को अंतरराष्ट्रीय और गालिब इंस्टीट्यूट को राष्ट्रीय पुरस्कार
कोलंबिया विश्वविद्यालय, न्यूयार्क के दक्षिण एशियाई, मध्य पूर्वी और अफ्रीकी अध्ययन विभाग की प्रोफेसर एमेरिट फ्रांसिस डब्ल्यू प्रिटचेट को अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में सर सैयद उत्कृष्टता पुरस्कार दिया गया।
उन्हें मुख्य अतिथि और कुलपति ने पुरस्कार बतौर दो लाख रुपये और प्रशस्ति पत्र दिया गया। उन्होंने ऑनलाइन पुरस्कार स्वीकार किया, जबकि राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नई दिल्ली के गालिब इंस्टीट्यूट के निदेशक ने प्राप्त किया। उन्हें एक लाख रुपये नकद पुरस्कार दिया गया।
एएमयू द्वारा सर सैयद अध्ययन, दक्षिण एशियाई अध्ययन, मुस्लिम मुद्दे, उर्दू साहित्य, मध्यकालीन इतिहास, सामाजिक सुधार, सांप्रदायिक सद्भाव, पत्रकारिता और अंतर-धार्मिक संवाद के क्षेत्रों में उत्कृष्ट और बौद्धिक रूप से उत्प्रेरक कार्य करने वाले विद्वानों या संगठनों को प्रतिवर्ष दिए जाते हैं।
प्रोफेसर प्रिटचेट को आधुनिक भारतीय भाषाओं और साहित्य का प्रखर विद्वान माना जाता है। उन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय से दक्षिण एशियाई भाषाओं और सभ्यताओं में पीएचडी पूरी की। नेट्स ऑफ अवेयरनेसः उर्दू पोएट्री एंड इट्स क्रिटिक्स; रोमांस ट्रेडिशन इन उर्दू और ए डेजर्टफुल आफ रोजेज; उर्दू गजल्स आफ मिर्जा गालिब समेत कई लेख, मोनोग्राफ और मौलिक पुस्तकें लिखीं हैं।
गालिब इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली, प्रतिष्ठित साहित्यिक और सांस्कृतिक संगठनों में शामिल है। संस्थान की स्थापना 1971 में की गई थी। गालिब इंस्टीट्यूट प्रति वर्ष सात प्रतिष्ठित उर्दू और फारसी विद्वानों को पुरस्कार प्रदान करता है।