AMU बिरादरी ने प्रस्तावित वक्फ विधेयक को बताया संविधान विरोधी, कहा- उद्देश्य भ्रष्टाचार रोकना नहीं, मुस्लिमों को टारगेट करना
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) की बिरादरी ने प्रस्तावित वक्फ विधेयक को संविधान विरोधी करार दिया है। उनका कहना है कि इस विधेयक का उद्देश्य भ्रष्टाचार रोकना नहीं बल्कि मुस्लिमों को टारगेट करना है। एएमयू टीचर्स एसोसिएशन की बैठक में सौ से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया और इस विधेयक पर चर्चा की। प्रो. आफताब आलम ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक में ऐसा कुछ नहीं दिख रहा जिससे भ्रष्टाचार रुक जाए।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़।अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) बिरादरी ने प्रस्तावित वक्फ विधेयक को संविधान विरोधी कराकर दिया है। कहा है, विधेयक का उद्देश्य भ्रष्टाचार रोकना नहीं है, बल्कि मुस्लिमों को टारगेट करना है। सरकार को इस बिल को वापस लेना चाहिए।
वक्फ को कानूनी इकाई तक सीमित करने से इसके आध्यात्मिक और धर्मार्थ आयाम कमजोर हो सकते हैं। एएमयू टीचर्स एसोसिएशन की शनिवार को स्टाफ क्लब में हुई बैठक में सौ से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया।
इस दौरान राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रो. आफताब आलम ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक में ऐसा कुछ नहीं दिख रहा जिससे भ्रष्टाचार रुक जाए। अभी तक ये व्यवस्था है कि कोई भी व्यक्ति अपनी संपत्ती को वक्फ कर सकता है।
नए विधेयक के तहत केवल मुस्लिम ही संपत्ति वक्फ कर सकते हैं। पहले किसी भी विवाद को सर्वे कमिश्नर की अगुवाई में तीन सदस्यीय कमेटी देखती थी, अब केवल डीएम को अधिकार दिया गया है। नए विधेयक में ट्रिब्यूनल को कमजोर किया गया है। अब जो भी वक्फ बोर्ड बनेंगे उसमें दो गैर मुस्लिम भी होंगे।
अमुटा सचिव डॉ. औवेद सिद्दीकी ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया कि एक प्रस्ताव का मसौदा तैयार करने के लिए एसोसिएशन के वरिष्ठ शिक्षकों की एक समिति बनाई जाएगी। इस प्रस्ताव का उद्देश्य आम जनता के बीच जागरूकता बढ़ाना होगा।
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