Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

सांसद सतीश गौतम ने फिर उठाया AMU के JN मेडिकल कालेज का मुद्दा, कहा- चार-छह डॉक्टर ही हिंदू, जाने से डरते हैं मरीज

जेएन मेडिकल कॉलेज में हिंदू डॉक्टरों की कमी पर सांसद सतीश गौतम ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि 215 से 220 चिकित्सकों में से केवल चार से छह ही हिंदू हैं। सांसद ने यह भी कहा कि हिंदू मरीज मेडिकल कॉलेज जाने से कतराते हैं। वहीं एएमयू के ईसी सदस्यों ने सांसद के बयान पर आपत्ति जताई है और लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।

By Santosh Sharma Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Fri, 16 Aug 2024 05:37 PM (IST)
Hero Image
सांसद सतीश गौतम (बाएं), जेएन मेडिकल कॉलेज (दाएं)। फोटो सोर्स- फेसबुक पेज

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। सांसद सतीश गौतम ने एक बार फिर एएमयू के जेएन मेडिकल कालेज की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कहा है, 215 से 220 चिकित्सकों में चार से छह चिकित्सक ही हिंदू हैं। मामला गंभीर है। इसे स्वास्थ्य मंत्री के सामने रखा जाएगा।

मीडिया से बातचीत में सांसद ने संसद में दिए अपने बयान को फिर दोहराया। कहा, मेडिकल कालेज में हिंदू जाने से कतराते हैं। यह भी कि कहा कि वे चिकित्सकों का बेहद सम्मान करते हैं। वह भगवान का रूप होते हैं, मगर जेएन मेडिकल कालेज के चिकित्सकों की वेशभूषा चिकित्सकों जैसी नहीं है।

सामान्य आपरेशन थिएटर में चिकित्सक सिर पर कैप इसलिए लगाते हैं कि मरीज के आपरेशन वाले स्थान पर बाल न चला जाए। मेडिकल कालेज के चिकित्सकों के लंबे-लंबे बाल देखे जा सकते हैं, उनका इशारा दाढ़ी की ओर था।

मेडिकल कालेज में हिंदू मरीजों को न तो बेड मिलते हैं, न ही आइसीयू में भर्ती की सुविधा। वेंटिलेटर की सुविधा भी नहीं मिलती। जो भी हिंदू मरीज भर्ती होने जाते हैं, उन्हें जमालपुर क्षेत्र के निजी हास्पिटल में रेफर किया जाता है। इनका संचालन मुस्लिम समाज के चिकित्सक करते हैं।

उन्होंने कहा, एएमयू में एससी-एसटी व ओबीसी को आरक्षण मिलना चाहिए। ईसी सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र सांसद के संसद में दिए बयान को लेकर एएमयू के ईसी सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है। जिसमें सांसद के बयान को कार्रवाई से हटाने की मांग की है।

सांसद ने कहा था कि जेएन मेडिकल कालेज में हिंदू मरीज जाने से कतराते हैं। उन्होंने मांग की थी कि दीनदयाल अस्पताल को मिनी एम्स का दर्जा दिया जाए। ईसी सदस्य डॉ. शमीम अहमद के अनुसार सांसद का बयान उचित नहीं है।

आरोप निराधार हैं

सांसद का बयान राजनीति प्रेरित है। पीएम ने एएमयू को मिनी इंडिया का बताया था। हाल की रिपोर्ट में एएमयू को आठवां स्थान मिला। ऐसे बयानों से गरीब मरीजों को नुकसान होता है। डॉ क्टर का कोई धर्म नहीं होता है।

प्रो. आसिम सिद्दीकी, प्रवक्ता एएमयू

यह भी पढ़ें: मेडिकल कॉलेज में हड़ताल से बिगड़े हालात, AMU छात्र और जूनियर डाक्टरों में मारपीट के बाद मरीज बेहाल