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आंगनबाड़ी केंद्रों पर होगी प्री-प्राइमरी की पढ़ाई, कार्यकत्रियों को मिलेगा प्रशिक्षण Aligarh news

नई शिक्षा नीति के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को कक्षा तीन से पांच साल तक के बच्चों को प्री-प्राइमरी की पढ़ाई कराई जाएगी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों काे पुष्टाहार के साथ शिक्षा भी दी जाएगी। केंद्रों पर काम करने वाली कार्यकत्रियों व सहायिकाओं का शैक्षणिक डेटा तैयार किया जाएगा।

By Anil KushwahaEdited By: Updated: Mon, 28 Dec 2020 10:13 AM (IST)
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आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों काे पुष्टाहार के साथ शिक्षा भी दी जाएगी।
अलीगढ़, जेएनएन : नई शिक्षा नीति के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को कक्षा तीन से पांच साल तक के बच्चों को प्री-प्राइमरी की पढ़ाई कराई जाएगी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों काे पुष्टाहार के साथ शिक्षा भी दी जाएगी। इसके लिए इन केंद्रों पर काम करने वाली कार्यकत्रियों व सहायिकाओं का शैक्षणिक डेटा तैयार किया जाएगा। यही बच्चों को पढ़ाने का काम भी करेंगी। शैक्षणिक डेटा तैयार होने के बाद इनको ब्लॉक रिसोर्स सेंटर्स (बीआरसी) पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

 प्री-प्राइमरी की पढ़ाई कराने की योजना 

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में नई शिक्षा नीति के तहत प्री-प्राइमरी की पढ़ाई कराने की योजना है। प्री-प्राइमरी की पढ़ाई के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को उपयोग में लिया जाएगा। यहां तीन से पांच वर्ष उम्र के बच्चे पढ़ाई करेंगे। साथ ही इन केंद्रों पर बेसिक शिक्षा विभाग की निगरानी में गतिविधियां संचालित की जाएंगी। इससे विभागीय कर्मचारियों पर अतिरिक्त कार्य पड़ने की संभावना भी बन गई है। आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकत्रियों को प्रशिक्षण देने का काम शिक्षक या अकादमिक रिसोर्स पर्सन करेंगे। इससे उन पर भी अतिरिक्त काम आएगा। बीएसए डाॅ. लक्ष्मीकांत पांडेय ने कहा कि प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायिकाओं के प्रशिक्षण की व्यवस्था बीआरसी स्तर पर की जाएगी। कार्यकत्रियों का शैक्षणिक डेटा भी तैयार कराने का काम किया जाएगा। बताया कि अभी शासन की ओर से भी स्पष्ट कार्ययोजना आने का इंतजार है। स्पष्ट कार्ययोजना व आदेश आने के बाद व्यवस्थाओं को अमल में लाया जाएगा।

एमडीएम का भी होगा वितरण

आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों को एमडीएम यानी मिड-डे-मील योजना का लाभ भी दिया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के ऊपर रहेगा। प्राधिकरण की ओर से ही बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में एमडीएम का लाभ मुहैया कराया जाता है।

हफ्ते में एक दिन नो बैग डे

प्री-प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों के लिए हफ्ते में एक दिन नो बैग डे के तौर पर मनाया जाएगा। इस दिन बच्चों को बैग व किताबें लाने की जरूरत नहीं होगी। मगर बच्चों को कई गतिविधियां खेल-खेल में सिखाई जाएंगी।

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