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नाराज अधिवक्ता ने इतिहासकार इरफान हबीब को भेजा नोटिस, एएमयू में चर्चाएं Aligarh News

एक वकील ने इतिहासकार इरफान हबीब को कल एएमयू में दिए गए भाषण के लिए नोटिस भेजा है। पत्र में कहा गया है मैं वहां नहीं था इसलिए मैं केवल अनुमान लगा सकता हूं।

By Sandeep SaxenaEdited By: Updated: Wed, 15 Jan 2020 08:51 AM (IST)
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नाराज अधिवक्ता ने इतिहासकार इरफान हबीब को भेजा नोटिस, एएमयू में चर्चाएं Aligarh News
अलीगढ़ [जेएनएन]। एक वकील ने इतिहासकार इरफान हबीब को कल एएमयू में दिए गए भाषण के लिए नोटिस भेजा है। पत्र में कहा गया है, मैं वहां नहीं था इसलिए मैं केवल अनुमान लगा सकता हूं, जो प्रमुख अखबार में आपके भाषण के अंश से जा रहा है, कि आपका पूरा भाषण कितना विषैला रहा होगा। इस नोटिस को लेकर एएमयू में तरह-तरह की चर्चाएं हैं।

यह सिर्फ मुस्लमानों पर नहीं गरीब पर हमला है

इतिहासकार प्रो. इरफान हबीब ने कहा कि इस सीएए से सबसे ज्यादा तकलीफ गरीब, बेमददगार और यतीम पर होगा। ङ्क्षहदुस्तान में 30 फीसदी लोग अनपढ़ है, जो कभी स्कूल नहीं गए। ऐसे लोगों पर ही सरकार इस बिल को लागू करेगी। उनका दोष बस इतना होगा कि वह यतीम मुस्लमान है। बंगाल में बीजेपी सरकार नहीं बनी क्योंकि नेपाल में ऐसी कम्यूनिटी है, जो यह जानती है कि हमारे पास कोई कागज नहीं है। यह लड़ाई सिर्फ मुस्लमान की नहीं हर उस शख्स के लिए जिसे ङ्क्षहदुस्तान से मोहब्बत है।

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