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कोरोना से लड़ने के लिए तुलसी का पत्ता और अजवाइन है बड़े काम की चीज, जानिए इनके गुण Aligarh news

अलीगढ़ पहले दादी-नानी के नुक्शे भी बड़े काम के हुआ करते थे रसोई में रखी सामग्री की कभी-कभी ऐसी दवा बना दिया करती थीं जो लाख टके की होती थी जिसके सेवन से बुखार दर्द छूमंतर हो जाया करते थे।

By Anil KushwahaEdited By: Updated: Tue, 20 Apr 2021 09:46 AM (IST)
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सोंठ का काढ़ा व दशमूल क्वाथ दिन में दो बार लेने से इम्नयुटी बढ़ेगी।
राजनारायण सिंह, अलीगढ़ : पहले दादी-नानी के नुुुुुुस्‍खे भी बड़े काम के हुआ करते थे, रसोई में रखी सामग्री की कभी-कभी ऐसी दवा बना दिया करती थीं जो लाख टके की होती थी, जिसके सेवन से बुखार, दर्द छूमंतर हो जाया करते थे। आज के समय में उन्हें आयुर्वेद का नाम दे दिया गया है, जो हमारी प्राचीन ऋषि-मुनियों के समय की पद्धति है, जिनके नियमों के पालन से निराेगी काया रहती थी। आयुर्वेद में भी तमाम नुस्‍‍‍‍‍खे हैं, जो करोना से बचाव में मदद करेंगे। कोरोना के लक्षण मिलने पर आप गर्म पानी में तुलसी के पत्ते, आजवाइन और कपूर डालकर उसकी भांप ले सकते हैं, जो काफी फायदा करेगी। सोंठ का काढ़ा व दशमूल क्वाथ दिन में दो बार लेने से इम्नयुटी बढ़ेगी। 

पिछले साल कोरोना में लोगों ने लिया था आयुर्वेद का सहारा

पिछले साल इसी महीने में कोरोना के तेजी से फैलने पर तमाम लोगों ने आयुर्वेद का सहारा लिया था। रसोई में रखी तमाम चीजें उनके काम में आई थीं। इस बार भी कोरेाना तेजी फैल रहा है। ऐसे में आयुर्वेद में भी तमाम उपचार हैं, जो आपको स्वस्थ्य रख सकते हैं। आयुर्वेदाचार्यो का कहना है कि इस पद्धति में आहार-विहार को भी ठीक करना पड़ेगा। यदि आपने संयमित खान-पान नहीं किया तो फिर दवाओं का असर ठीक से नहीं होगा। आइए, आयुर्वेद में कोरेाना से बचने के क्या-क्या हैं उपाय, जानते हैं आयुर्वेदाचार्यों से... 

इनका करें प्रयोग 

बुखार-सुदर्शन वटी-2 गोली दिन में तीन बार 

खांसी-तालिसादि चूर्ण पांच से 10 ग्राम दिन में तीन बार शहद के साथ 

खराश-व्योषादी वटी दिन में पांच बार 

शरीर में दर्द-सोंठ का काढ़ा या दशमूल क्वाथ दिन में दो बार 

सांस लेने में दिक्कत-पानी में तुलसी के पत्ते, अजवाइन कपूर से भांप लें

इनका कहना है

आयुर्वेद चिकित्सा की सबसे प्राचीन पद्धति है। इसमें उपचार के इतने सरल और सहज तरीके हैं, जिससे व्यक्ति पूर्णत: स्वस्थ हो सकता है। सिर्फ दवा ही नहीं, बल्कि आयुर्वेद में नियमित दिनचर्या भी उपचार का बहुत बड़ा माध्यम है। घरेलू तमाम ऐसे नुक्शे हैं, जो हम वर्षों से प्रयोग करते आए हैं, यदि उसी का प्रयोग हम करने लगे तो उसका भी लाभ होगा। 

डा. उपेंद्र सिंह, आयुर्वेदाचार्य 

ये करें प्रयोग 

-गिलोय, अश्वगंधा टेबलेट का प्रयोग करें। 

-दूध में हल्दी का सुबह-शाम प्रयोग करें। 

-आयुष काढ़ा का सेवन करें

-आहार-विहार ठीक करें 

-गुनगुने पानी का प्रयोग करें 

इनका कहना है

आयुर्वेद प्रकृति का उपहार है। कोरोना से बचाव के इसमें तमाम रास्ते हैं। ऐसी दवाइयां हैं जो इम्नुयिटी को बढ़ाती हैं। बस आयुर्वेद में आहार-विहार को भी ठीक करना होगा। इस समय नियमित दूध में हल्दी जरूर लें, आपको एनर्जी मिलती रहेगी। 

डा. अंतरिक्ष शर्मा, आयुर्वेदाचार्य

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