Aligarh News: भूपेंद्र चौधरी के जरिए जाटलैंड पर निशाना साधेगी भाजपा
कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने उत्तर प्रदेश में जाट कार्ड खेल दिया है। इससे अलीगढ़ सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जाट बहुल्य सीटों पर जातीय समीकरण साधने की तैयारी है। अलीगढ़ में ही तीन विधानसभा सीटों पर चौधरियाें का दबदबा है।
By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Updated: Fri, 26 Aug 2022 11:36 AM (IST)
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर BJP ने उत्तर प्रदेश में जाट कार्ड खेल दिया है। इससे अलीगढ़ सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जाट बहुल्य सीटों पर जातीय समीकरण साधने की तैयारी है। अलीगढ़ में ही तीन विधानसभा सीटों पर चौधरियाें का दबदबा है। किसान आंदोलन और सपा-रालोद गठबंधन के चलते जाट भाजपा से अलग-थलग पड़ गए थे। हालांकि, विधानसभा चुनाव में अलीगढ़ की किसी सीट पर भाजपा काे नुकसान नहीं हुआ। लेकिन, वोट प्रतिशत जरूर घटा। 2017 के चुनाव की अपेक्षा प्रदेश में सीटें भी कम मिलीं। भूपेंद्र चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर रालोद को कमजोर करने की नीति है।
अलीगढ़ में RLD का वर्चस्वभूपेंद्र चौधरी प्रदेश सरकार में पंचायती राज्यमंत्री हैं। राजनीतिक जानकारों के अनुसार BJP ने 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए जाट समाज के भूपेंद्र सिंह को प्रदेश इकाई की कमान सौंपी है। अलीगढ़ का इगलास विधानसभा क्षेत्र जाटलैंड से चर्चित है। चौधरियों के दबदबे के चलते इसे मिनी छपरौली भी कहा जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह के प्रभाव में रही इस सीट पर जाट वोट निर्णायक भूमिका में रहा। यही कारण है कि अब तक हुए चुनावों में इस सीट से नौ बार चरण सिंह के परिवार, करीबी और पार्टी के नेता ही विधायक बने। 2008 में परिसीमन के बाद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर वर्तमान में भाजपा के राजकुमार सहयोगी विधायक हैं।
रालोद क्षेत्र में भाजपा का दबदबा21 साल बाद 2017 में BJP ने यहां जीत का परचम लहराया था। तब राजवीर दिलेर विधायक बने थे। 2019 में विधायकी छोड़ वे हाथरस से लोकसभा चुनाव लड़े और जीते। उपचुनाव हुए तो इगलास से राजकुमार सहयोगी ने जीत दर्ज कराई थी। यही स्थिति खैर विधानसभा क्षेत्र की है। आजादी के बाद 1957 में अस्तित्व में आई टप्पल और अब खैर विधानसभा सीट पर जाट बहुल्य होने के कारण चौधरियों का कब्जा रहा है। इसे दूसरा जाटलैंड भी कहा जाता है।
यह है BJP की रणनीतिवर्तमान में अनूप प्रधान यहां BJP से विधायक हैं। बरौली विधानसभा सीट पर रालोद का कब्जा रहा था। 2012 के चुनाव में रालाेद से ठा. दलवीर सिंह जीते थे। बाद में वे भाजपा के पाले में आ गए। अब यहां भाजपा ठा. जयवीर सिंह विधायक हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी को इन्हीं तीन सीटों पर जोर रहा था। उनकी चुनावी सभाओं में अपार भीड़ देख भाजपा नेता भी सोच में पड़ गए थे। प्रदेश इकाई की कमान जाट नेता को सौंपने के पीछे पार्टी नेतृत्व की रणनीति ही है।
भूपेंद्र चौधरी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे हैं। उनमें नेतृत्व करने की बेहतर क्षमता है। जाट नेता के रूप में नहीं, एक बेहतर रणनीतिकार के रूप में उनकी पहचान है। पार्टी नेतृत्व में सोच समझ कर अच्छा निर्णय लिया है। डा. विवेक सारस्वत, महानगर अध्यक्ष भाजपा
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।