UP News: दारोगा के पेट को चीरकर निकली गोली, हेड कांस्टेबल की नाक में घुसी; छह जगह से फट गईं आंतें
अलीगढ़ में जरा सी लापरवाही के चलते बड़ा हादसा हुआ। दारोगा राजीव कुमार पिस्टल लेकर पेट से सटाकर अनलॉक कर रहे थे तभी अचानक ट्रिगर दब गया। गोली पेट को चीरते हुए पीठ की तरफ ऊपर की ओर निकली और पीछे खड़े एसओजी के सिपाही याकूब खान की नाक में लगी। इससे सिपाही की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। ऊपरकोट कोतवाली में सात माह पहले एक दारोगा की पिस्टल से चली गोली से महिला की मृत्यु के बावजूद पुलिस ने सबक नहीं लिया। बुधवार देर रात गभाना क्षेत्र में एक और दारोगा ने उसी लापरवाही को दोहराया, जिसने एक सिपाही की जान ले ली। गोकशों की तलाश में गई दो थानों व एसओजी की संयुक्त टीम की दबिश के दौरान साथी दारोगा की पिस्टल लोड करने के दौरान चैंबर बीच में फंस गया।
दारोगा राजीव कुमार पिस्टल लेकर पेट से सटाकर अनलाक कर रहे थे, तभी अचानक ट्रिगर दबने से गोली चल गई। पिस्टल की नाल दारोगा के पेट की ओर थी। गोली पेट को चीरते हुए पीठ की तरफ ऊपर की ओर पार निकली और पास में ही पीछे खड़े एसओजी के सिपाही याकूब खान की नाक में लगी। दिमाग की झिल्ली फटने से सिपाही की मौके पर ही मृत्यु हो गई। याकूब मैनपुरी के कुरावली के रहने वाले थे।
दारोगा को गंभीर हालत में जेएन मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है। उनकी छह जगह से आंते फट गई हैं। तीन घंटे चले आपरेशन के बाद पांच दिन की निगरानी में आइसीयू में रखा गया है। सिपाही याकूब के पिता व सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर वशीउल्ला ने घटना पर सवाल उठाते हुए कहा कि सिर में गोली तभी लग सकती है, जब कोई मारे। ऐसा कैसे हो सकता है? इसकी जांच होनी चाहिए।
क्या हुआ था?
नौ जुलाई की सुबह गभाना क्षेत्र के गांव सुमेरपुर के पास अमरौली मार्ग पर गोवंश के अवशेष मिले थे। मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस आरोपितों की तलाश कर रही थी। इसी बीच गांधीपार्क थाने की अचलताल चौकी प्रभारी राजीव कुमार को उनके मुखबिर ने सूचना दी कि गोकशी के आरोपित बुलंदशहर के हैं और वे फिर से गभाना क्षेत्र में घटना करने आ सकते हैं।
रात में थाना गभाना, गांधीपार्क व एसओजी की 15 लोगों की संयुक्त टीम मुखबिर को लेकर कलुवा चौकी पहुंचे। करीब डेढ़ बजे गांव सुमेरपुर के पास बंबा के किनारे जंगल में सभी गोकशों की तलाश कर रहे थे। एहतियातन सभी ने पिस्टल को लोड कर लिया। तभी भरतरी चौकी प्रभारी अजहर हसन की पिस्टल लाक हो गई।
दारोगा राजीव ने ये कहते हुए पिस्टल ले ली कि मैं ठीक कर देता हूं। तभी यह हादसा हुआ। गोली उनके पेट को चीरते हुए पीठ की तरफ से ऊपर की दिशा में निकली। उनके पीछे सिपाही याकूब खान खड़े थे। गोली ऊपर की दिशा में आते हुए याकूब के नाक में जा लगी। एकाएक फायरिंग की आवाज से सभी पुलिसकर्मी घबरा गए।
याकूब को वरुण ट्रामा सेंटर लाया गया, मगर रास्ते में उनकी मृत्यु हो गई। पोस्टमार्टम में सिपाही के दिमाग में गोली फंसी मिली। पुलिस लाइन में मृत शरीर को पुलिस सम्मान व सलामी के साथ विदाई दी गई। इसके बाद स्वजन शव को सिविल लाइन क्षेत्र के जमालपुर ले गए। याकूब वर्तमान में परिवार के साथ यहीं अपने मकान में रह रहे थे। पत्नी के अलावा दो बच्चे हैं।
पिस्टल को अनलाक करते समय दारोगा से गोली चली है। इससे सिपाही की मृत्यु हो गई। दारोगा भी घायल है। यह दुखद घटना है। इसमें प्रथम दृष्टया दारोगा की लापरवाही भी सामने आ रही है। सिपाही के स्वजन की तहरीर के आधार पर दारोगा के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा। तहरीर नहीं मिलती है तो पुलिस की ओर से मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा। आंतरिक जांच भी कराई जाएगी। - संजीव सुमन, एसएसपी
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