Chitragupta Puja 2022: यम द्वितीया पर मंत्र से करें चित्रगुप्त पूजा, व्यापारियों केे लिए विशेष महत्व
Chitragupta Puja 2022 सभी मनुष्य के पाप और पुण्य का लेखा जोखा रखने वाले भगवान चित्रगुप्त महाराज की पूजा कायस्थ समाज के लोग खास मंत्र व प्रार्थना के साथ कर रहे हैं। चित्रगुप्त पूजा करने से बुद्धि विद्या और लेखन में महारत हासिल होती है।
By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Updated: Thu, 27 Oct 2022 11:13 AM (IST)
अलीगढ़, संदीप सक्सेना । देवी देवताओं और सभी मनुष्य के पाप और पुण्य का लेखा जोखा रखने वाले भगवान चित्रगुप्त महाराज की पूजा कायस्थ समाज के लोग खास मंत्र व प्रार्थना के साथ कर रहे हैं। चित्रगुप्त पूजा Chitragupta Puja करने से बुद्धि, विद्या और लेखन में महारत हासिल होती है। अहम बात यह है कि चित्रगुप्त पूजा व्यापारियों के लिए अहम है। इसमें कलम दवात के साथ खाताबही की पूजा की जाती है। अलीगढ़ शहर में मौजूद केपी इंटर में अहम कार्यक्रम हैं।
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यमराज के सचिव हैं Chitragupta Maharaj
चित्रगुप्त महाराज ब्रह्म देव की काया यानि शरीर से उत्पन्न हुए थे। हर साल भाई दूज के मौके पर Chitragupta Maharaj चित्रगुप्त पूजा Chitragupta Puja 2022की जाती है। सनातन धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार मृत्यु के देवता भगवान यम के सहयोगी चित्रगुप्त को सभी मनुष्यों के कर्मों के हिसाब के रक्षक के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि भगवान चित्रगुप्त मनुष्यों के सभी पापों और गुणों का लेखाजोख रखते हैं और पाप करने वालों को दंड भी देते हैं। चित्रगुप्त महाराज Chitragupta Maharaj को यमराज का सचिव भी कहा जाता है।
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Yama Dwitiya यम द्वितीया के नाम से भी है पहचान
हर साल भाई दूज के दिन ही चित्रगुप्त पूजा की जाती है। इस दिन को Yama Dwitiya यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने के शुक्लपक्ष के दूसरे दिन भी पूजा होती है। इस दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। इस बार चित्रगुप्त पूजा सुबह से ही की जा रही है।
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Chitragupta Pujaचित्रगुप्त पूजा का व्यापारी वर्ग के लोगों के लिए विशेष महत्व है। क्योंकि इस दिन नए बहीखातों पर श्री लिखकर कार्य आरंभ किया जाता है। इसके अतिरिक्त सभी आय− व्यय का ब्योरा Chitragupta Maharaj चित्रगुप्त महाराज जी के सामने रखा जाता है। कायस्थ समाज में चित्रगुप्त को आराध्य देव के रूप में पूजा जाता है। इस दिन लोग चित्रगुप्त जयंती के रूप में मनाते हैं। लेखनी− दवात का पूजन करते हैं। इसी के साथ लोग इस दिन लेखनी से संबंधित कार्यों को भी बंद रखते हैं। चित्रगुप्त पूजन को दवात पूजन के नाम से जाना जाता है।यह है Chitragupta Puja विधि
Chitragupta Puja Vidhi: आज कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को भाई दूज के साथ चित्रगुप्त पूजा भी की जाती है। कायस्थ समाज के लिए चित्रगुप्त पूजा एक विशेष अवसर है। इस दिन चित्रगुप्त महाराज के साथ नए खाताबही, कलम, दवात का पूजन करते होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चित्रगुप्त महाराज ब्रह्म देव की काया यानि शरीर से उत्पन्न हुए थे, इसलिए उनको कायस्थ कहा जाता है। ब्रह्म देव ने उनको सभी जीवों के कर्मों का लेखा जोखा रखने का उत्तरदायित्व दिया है। Chitragupta Puja चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर उनकी आराधना करने से बुद्धि, विद्या और लेखन में महारत हासिल होती है।Chitragupta Puja मुहूर्त 2022
सर्वार्थ सिद्धि योग: आज दोपहर, दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से कल सुबह 06 बजकर 30 मिनट तकआज का दिन भद्रा रहित है, इसलिए आप अपनी सुविधानुसार किसी भी समय में चित्रगुप्त पूजा कर सकते हैं।Chitragupta Puja चित्रगुप्त पूजा 2022 दिन-रात के शुभ समय
- लाभ-उन्नति: सुबह 06:29 बजे से सुबह 07:53 बजे तक
- अमृत-सर्वोत्तम: सुबह 07:53 बजे से सुबह 09:17 बजे तक
- शुभ-उत्तम: सुबह 10:41 बजे से दोपहर 12:05 बजे तक
- लाभ-उन्नति: शाम 04:17 बजे से शाम 05:41 बजे तक
- शुभ-उत्तम: शाम 07:17 बजे से रात 08:53 बजे तक
- अमृत-सर्वोत्तम: रात 08:53 बजे से रात 10:29 बजे तक
चित्रगुप्त प्रार्थना मंत्र
मसिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्तं च महाबलम्। लेखिनीपट्टिकाहस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्।।चित्रगुप्त पूजा मंत्र
ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमःऐसे करें चित्रगुप्त पूजा Chitragupta Puja
- 1. शुभ मुहूर्त में पूर्व दिशा में एक चौक बना लें और वहां पर एक चौकी रखें।
- 2. चौकी पर चित्रगुप्त महाराज की तस्वीर या मूर्ति, नई कलम, दवात और खाताबही रखें।
- 3. चित्रगुप्त महाराज को पंचामृत से स्नान कराएं। फिर चंदन, अक्षत्, फूल, फल, वस्त्र, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित कर पूजन करें।
- 4. पूजा के समय पूजा मंत्र का उच्चारण करते रहें। नई कलम, दवात व खाताबही का पूजन करें।