CM Mamata Banerjee Beheading Case: भाजपा नेता को पकड़ने आई West Bengal की सीआइडी टीम को पीटा, रात भर चला हंगामा Aligarh News
CM Mamata Banerjee Beheading Case पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सिर कलम करने पर 11 लाख रुपये का इनाम देने का एलान करने वाले BJP युवा मोर्चा के पूर्व मंडल अध्यक्ष योगेश वाष्र्णेय की गिरफ्तारी के लिए आई पुलिस टीम को विरोध का सामना करना पड़ा।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सिर कलम करने पर 11 लाख रुपये का इनाम देने का एलान करने वाले भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व मंडल अध्यक्ष योगेश वाष्र्णेय की गिरफ्तारी के लिए शुक्रवार देर शाम आई पुलिस टीम को विरोध का सामना करना पड़ा। आरोप है कि सादा कपड़ों में घर में घुसे चार पुलिसकर्मियों ने महिलाओं से अभद्रता और मारपीट की। इससे गुस्साए भाजपाइयों और क्षेत्र के लोगों ने इन्हें घेर लिया। पास के ही एक मकान के कमरे में बंधक बना लिया। सांसद और विधायक भी पहुंच गए। करीब तीन घंटे तक हंगामा चला। इस दौरान पुलिस कर्मियों से धक्का-मुक्की के साथ ही मारपीट तक कर दी गई। बिगड़ते माहौल को देखते हुए स्थानीय पुलिस ने पश्चिम बंगाल के पुलिसकर्मियों को भीड़ से बचाकर थाने पहुंचाया। इन पर भाजयुमो नेता की मां और एक महिला पाषर्द ने छेड़छाड़, लूट व मारपीट का आरोप लगाते हुए पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए पुलिस को तहरीर दी है।
सीएम ममता बनर्जी का सिर कलम करने पर घोषित किया था इनाम
वर्ष 2017 में पश्चिम बंगाल के वीरभूमि जिले में जलूस निकाल रहे हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं व हनुमान भक्तों पर लाठीचार्ज हुआ था। इसके विरोध में गांधीपार्क क्षेत्र के गांधीनगर निवासी भाजपा युवा मोर्चा नेता योगेश वाष्र्णेय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सिर कलम करने वाले को 11 लाख का इनाम देने का एलान किया था। विवादित बयान को लेकर वीरभूमि जिले के बोधपुर थाने में टीएमसी के एक नेता ने वहां मुकदमा दर्ज कराया था। योगेश के खिलाफ कुल तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे। इस मामले में शुक्रवार की देर शाम पश्चिम बंगाल की सीआइडी के एसआइ सुवाशीष दत्त व सिपाही आलमगीर समेत चार पुलिसकर्मी कोर्ट से जारी कुर्की व गिरफ्तारी वारंट लेकर अलीगढ़ आए। पुलिसकर्मी पहले गांधीपार्क थाने पहुंचे। यहां गांधीपार्क चौकी प्रभारी संदीप कुमार व एक सिपाही के साथ टीम शाम करीब साढ़े सात बजे योगेश के घर पहुंच गई। चौकी प्रभारी व सिपाही बाहर दरवाजे पर ही रुक गए। पश्चिम बंगाल से आए सादा वर्दी में पुलिसकर्मी योगेश का नाम पुकारते हुए घर घुस गए। योगेश घर पर नहीं थे। आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने घर की तलाशी लेते हुए स्वजन के साथ धक्का मुक्की शुरू कर दी। चीख- पुकार पर पड़ोस में रहने वाली पार्षद आ गईं। इनसे भी पुलिस कर्मियों ने अभद्रता कर डाली। संदीप कुमार ने बीचबचाव का प्रयास किया। इसी बीच पश्चिम बंगाल की पुलिस की जानकारी होेने पर लोग भड़क गए। योगेश को घर पर पुलिस पहुंचने की जानकारी मिली तो उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को सूचना दे दी। बड़ी संख्या में भाजपाई पहुंच गए। उन्होंने दोनों पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट कर डाली। कुर्की वारंट, आई कार्ड आदि भी छीन लिए।
सांसद, विधायक व भाजपाई पहुंचे
सांसद सतीश गौतम, शहर विधायक संजीव राजा, कोल अनिल पाराशर, पूर्व मेयर शकुंतला भारती, महानगर अध्यक्ष डा. विवेक सारस्वत, पूर्व युवा जिलाध्यक्ष मुकेश लोधी, महानगर अध्यक्ष अमन गुप्ता, प्रतीक चौहान, संजू बजाज, वैभव गौतम समेत बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता व पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। इन नेताओं ने साफ कहा कि कोई योगेश को नहीं ले जाएगा। मामले की जानकारी होने पर सीओ द्वितीय मोहसिन खान, इंस्पेक्टर गांधीपार्क वंशीधर पांडे व कई थानों की पुलिस पहुंच गई। सांसद ने इस बात पर नाराजगी जताई कि बिना सूचना के गैर राज्य की पुलिस यहां कैसे दबिश देने पहुंच गई। किसी तरह पुलिस कर्मियों को थाने ले जाया गया।
थाने में रात भर चला हंगामा
पश्चिम बंगाल के दोनों पुलिसकर्मियों को स्थानीय पुलिस भीड़ से बचा थाने ले आई तो भाजपा कार्यकर्ता व क्षेत्र के लोग भी पहुंच गए। यहां रात भर हंगामा चला। पश्चिम बंगाल पुलिसकर्मियों ने बताया कि वे गिरफ्तारी के लिए नहीं आए थे। कुर्की वारंट तामिल कराने आए थे। इसके बाद स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने भाजपाइयों व अन्य लोगों को समझाकर भेज दिया।
पुलिसकर्मी को फिर पता चल जाता
भाजयुमो जिलाध्यक्ष मुकेश लोधी ने कहा कि जिस प्रकार से पश्चिम बंगाल में हिंदुओं के साथ अत्याचार किया जा रहा है, उससे खून खौल उठता है। यदि योगेश को ले जाने की कोशिश की होती तो दोनों पुलिस कर्मियों को उनकी हैसियत पता चल जाती। पश्चिम बंगाल में हिंदुओं के साथ अत्याचार देखकर दिल रो पड़ता है, हम अपने कार्यकर्ता का बाल भी बांका नहीं होने देंगे। सीएम से मामले की शिकायत करेंगे।
मैनेजमेंट खराब, दारोगा ने नहीं की सांसद से बात
पुलिस का मैनेजमेंट खराब होने के चलते मामले ने तूल पकड़ लिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बाहरी टीम सबसे पहले थाने पहुंची थी। यहां इंस्पेक्टर गश्त पर थे। टीम ने एसएसआइ एसपी सिंह को जानकारी। चूंकि अचल ताल चौकी इंचार्ज छुट्टी पर थे तो एसएसआइ ने गांधीपार्क चौकी इंचार्ज संदीप को भेज दिया, जबकि करीबी चौकी नौरंगाबाद भी थी। वहां जब भाजपाइयों ने सांसद को फोन लगाकर दारोगा संदीप से बात करने के लिए कहा तो दारोगा ने बात नहीं की। बस, इसी बाच पर सांसद का पारा चढ़ गया। उनकी पुलिस से तीखी नोकझोंक भी हुई।
देररात तक थाने में ही थी टीम
पश्चिम बंगाल की टीम देररात तक गांधीपार्क थाने में ही डटी थी। टीम ने अपने उच्चाधिकारियों को इस संबंध में सूचना दे दी थी। हालांकि उच्चाधिकारियों ने स्थानीय अधिकारियों से कोई संपर्क नहीं किया।
पश्चिम बंगाल की सीआइडी टीम कोर्ट का कुर्की नोटिस व वारंट लेकर अलीगढ़ पहुंची थी। सादा कपड़ों में गांधी नगर में योगेश के घर पहुंची थी। पुलिस का कुछ लोगों से विवाद हुआ था। उन्होंने बताया कि वे किसी को यहां से पकड़कर नहीं ले जा रहे हैं। कुर्की नोटिस लेकर आए थे। पुलिसककर्मियों ने यह तथ्य लिखित में दिया है। कोई तहरीर नहीं मिली है।
- मोहसिन खान, सीओ द्वितीय
पश्चिम बंगाल की टीम सुरक्षित है। सीओ द्वितीय को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी गई है। साथ ही जल्द से जल्द रिपोर्ट तलब की गई है।
कलानिधि नैथानी, एसएसपी