Chandra Grahan 2022 : दो सौ साल बाद बना संयोग, घर में पूजा पाठ कर ग्रहण के दुष्प्रभाव को ऐसे करें कम
Chandra Grahan 2022 साल का अंतिम ग्रहण व पंद्रह दिन में दूसरा चंद्रग्रहण आज है। 15 दिनों में यह दूसरा ग्रहण है जो दृश्यमान होगा। सनातन धर्म के मान्यताओं के अनुसार ऐसे योग प्राकृतिक आपदाओं के साथ ही मौसम में बदलाव के संकेत भी लाते हैं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Chandra Grahan 2022 : 15 दिन के अंदर दूसरा व इस वर्ष का अंतिम ग्रहण मंगलवार को चंद्रग्रहण के रूप में होगा। 15 दिनों में यह दूसरा ग्रहण है जो दृश्यमान होगा। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि एक पक्ष में दो ग्रहण के प्रभाव नकारात्मक होते हैं। सनातक धर्म की मान्यताओं के अनुसार ऐसे योग प्राकृतिक आपदाओं के साथ ही मौसम में बदलाव के संकेत भी लाते हैं। घरों पर पूजा-पाठ कर ग्रहण के दुष्प्रभाव को व्यक्तिगत तौर पर कम कर सकते हैं। वहीं मंदिरों में भगवान के पट बंद रहेंगे।
सूतक से नौ घंटे पहले शुरू होगा ग्रहण
ज्योतिर्विद हिमांशु शास्त्री ने बताया कि चंद्रग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले ही आरंभ हो जाएगा। ग्रहण की शुरुआत दोपहर 2.41 बजे से होगी और शाम को 6.20 बजे तक रहेगा। भारत में चंद्रग्रहण चंद्रोदय के साथ शाम 5.20 बजे से दिखने लगेगा। यह चंद्रग्रहण मेष राशि में होगा और सूतक सुबह 8.20 से शुरू होगा, जो कि शाम 6.20 बजे समाप्त होगा।
दो सौ साल बाद बना संयोग
सूर्यग्रहण के बाद ग्रस्तोदित चंद्रग्रहण का संयोग दो सौ साल बाद बन रहा है। इसमें चार ग्रह वक्री हो रहे हैं। मंगल, शनि और सूर्य व राहु आमने-सामने आएंगे। भारतवर्ष की कुंडली में तुला राशि पर सूर्य, चंद्रमा, बुध और शुक्र की युति बन रही है। नीचराज भंग और प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। शनि-मंगल के आमने-सामने होने से षडाष्टक योग बन रहा है। बताया कि देव दीपावली के दिन चंद्रग्रहण लगने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।