Aligarh Health Department : दीनदयाल अस्पताल में डाक्टरों का संकट, बंद हो सकते हैं चार विभाग
अलीगढ़ जिला चिकित्सालय में इन दिनों लगभग दो हजार मरीज प्रतिदिन ओपीडी में आ रहे हैं लेकिन यहां डाक्टरों की कमी के चलतेे मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। दरअसल प्रतीक्षारत रख गए स्थानांतरित डाकटरों को रिलीव करने का निर्देश जारी हो गया है।
By Anil KushwahaEdited By: Updated: Mon, 01 Aug 2022 06:43 AM (IST)
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Deendayal Hospital में मरीजों के लिए दिक्कतें हो सकती हैं। प्रतीक्षारत रखे गए स्थानांतरित आठ डाक्टरों को रिलीव होने के निर्देश जारी हो गए हैं। इनकी जगह प्रतिस्थानी डाक्टरों की तैनाती नहीं हुई है। अब शासनादेश में इन डाक्टरों को तत्काल चार्ज छोड़ने को कहा गया है। इसका असर ओपीडी पर पड़ेगा, साथ ही four important divisions ही बंद हो सकते हैं। इनमें कार्डियोलाजी, नेत्र, दंत व रेडियोलाजी विभाग हैं। स्थानांतरित डाक्टरों में इन चारों विभागों के विशेषज्ञ शामिल हैं। हर रोज लगभग 400 मरीज इन्हीं विभागों के होते हैं।
हर रोज औसतन two thousand patientsअस्पताल की ओपीडी में हर रोज औसतन दो हजार मरीज आते हैं। डाक्टरों का टोटा तो पहले से ही है। 16 डाक्टरों के पद लंबे समय से रिक्त हैं। कार्डियोलाजी, नेत्र, दंत व रेडियोलाजी विभाग के विशेषज्ञ के तबादले कुछ दिन पहले हो गए थे। इन्हें प्रबंधन ने करीब 20 दिनों से रोके रखा है। ताकि, संकट न आए। अब शासनादेश के अनुपालन में सभी को तत्काल चार्ज छोड़ने को कहा गया है।
खास बात
- -आठ डाक्टरों को तत्काल रिलीव करने के आदेश, मरीजों की बढ़ेंगी दिक्कतें
- - कार्डियोलाजी, नेत्र, दंत व रेडियोलाजी डिपार्टमेंट के विशेषज्ञ नहीं
- -तबादले के बाद भी डाक्टरों को प्रबंधन ने 20 दिन से रोके रखा था
- -2000 मरीज हर रोज आते हैं अस्पताल
- -32 पद डाक्टरों के हैं स्वीकृत
- -16 पद पहले से रिक्त हैं
- -8 डाक्टरों को अब किया जाएगा रिलीव
- -8 डाक्टर शेष बचेंगे
इन चिकित्सकों का हुआ स्थानांतरण
दीनदयाल अस्पताल से कार्डियोलाजिस्ट डा. एसके सिंघल, नेत्र सर्जन डा. ग्यास खान व डा. अमित, महिला चिकित्साधिकारी डा. रश्मि, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. वंदना, डेंटल सर्जन डा. श्वेता, रेडियोलाजिस्ट डा. जगमोहन शर्मा, आर्थोपेडिक सर्जन डा. एसके उपाध्याय का स्थानांतरण गैर जनपदों के लिए हो चुका है, शासन ने इनके सापेक्ष मात्र एक फिजीशियन डा. यतेंद्र को यहां भेजा है। चिकित्सालय प्रबंधन ने स्थानांतरित डाक्टरों को रोके रखा। शासन स्तर पर भी इस तरह के स्थानांतरणों को संशोधित करने की प्रक्रिया चल रही थी। इसी इंतजार में 20 दिन बीत गए।
डाक्टरों को रिलीव करने के आदेश शासनादेश की अवहेलना न हो, लिहाजा चिकित्सालय प्रबंधन ने सभी को रिलीव होने के आर्डर दिए हैं। सीएमएस का बताया कि जुलाई का वेतन नई तैनाती स्थल से ही जारी होगा, इसलिए रिलीव होकर वहां कार्य संभाल लें। यदि सोमवार तक रिलीव नहीं हुए तो प्रबंधन इन्हें इकतरफा रिलीव करने का निर्णय ले सकता है।इनका कहना हैशासन के आदेश का पालन करना है। सभी विशेषज्ञों को तत्काल रिलीव होने के निर्देश दिए हैं। शासन को स्थिति से अवगत करा दिया है। शीघ्र नए विशेषज्ञ मिलने का आश्वासन मिला है। - डा. अनुपम भास्कर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक।
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