निशानेबाजी : बेटियां भी 50 मीटर फ्री पिस्टल इवेंट में साधेंगी निशाना
नेशनल राइफल एसोसिएशन आफ इंडिया (एनआरएआइ) ने तीन दिसंबर को दिल्ली में हुई बैठक में इस पर मुहर लगा दी है। शूटिंग खेल के इतिहास में अभी तक इस इवेंट में केवल बालक व पुरुष निशानेबाज ही प्रतिभाग करते रहे हैं। निशानेबाज अब जूनियर वल्र्ड कप में भाग ले सकेंगी।
गौरव दुबे, अलीगढ़ । देशभर की बालिका व महिला निशानेबाजों के लिए एक नए इवेंट में अपनी प्रतिभा दिखाकर देश के लिए पदक जीतने का रास्ता खुल गया है। अब बेटियां भी 50 मीटर फ्री पिस्टल (फायर आम्र्स) इवेंट में प्रतिभाग कर सकेंगी। नेशनल राइफल एसोसिएशन आफ इंडिया (एनआरएआइ) ने तीन दिसंबर को दिल्ली में हुई बैठक में इस पर मुहर लगा दी है। शूटिंग खेल के इतिहास में अभी तक इस इवेंट में केवल बालक व पुरुष निशानेबाज ही प्रतिभाग करते रहे हैं। निशानेबाज अब जूनियर वल्र्ड कप में भाग ले सकेंगी।
नयी व्यवस्था से बेटियो में खुशी की लहर
अलीगढ़ समेत हर जिले में 50 मीटर फ्री पिस्टल (फायर आम्र्स) के गुर सीखने वाली तमाम बालिका व महिला निशानेबाज हैं। मगर इस इवेंट में प्रतिभाग करने के लिए उनको अनुमति नहीं थी। इस नई व्यवस्था से ऐसी शूटर बेटियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। नए इवेंट में पदक जीतने की उनकी उम्मीदें भी जाग गई हैं। अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेफरी व यूपी शूटिंग टीम मैनेजर वेदप्रकाश शर्मा ने बताया कि यह इवेंट लगभग 10 मीटर एयर पिस्टल की तरह ही होता है। मगर इसकी पिस्टल .22 बोर की होती है। इसको चलाना इसलिए भी कठिन है क्योंकि इसका ट्रिगर छूते ही फायर कर देता है। 50 मीटर फ्री पिस्टल इवेंट में निशानेबाज के लिए दूरी चुनौती बनती है। इस दूरी पर लक्ष्य को भेदना मुश्किल होता है।
इनका कहना है
बालिका व महिला शूटर्स भी 50 मीटर फ्री पिस्टल (फायर आम्र्स) में प्रतिभाग कर सकेंगी। इस इवेंट में बेटियों के प्रतिभाग करने की व्यवस्था लागू कर दी गई है।
राजीव भाटिया, सचिव, नेशनल राइफल एसोसिएशन आफ इंडिया
अभी तक बंद थे दरवाजे
अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेफरी व यूपी शूटिंग टीम मैनेजर वेदप्रकाश शर्मा ने बताया कि पिछले दो साल से शूटिंग के जूनियर वल्र्ड कप में इस इवेंट को शामिल किया जा रहा है। इसमें भारतीय बालिका निशानेबाजों की दावेदारी नहीं हो पाती है। क्योंकि भारत में बेटियों के लिए इसे खेलने की अनुमति नहीं थी। अब जूनियर वल्र्ड कप में भारतीय बालिका निशानेबाजों की भी दावेदारी होगी।
निशानेबाजों के बोल
50 मीटर फ्री पिस्टल इवेंट में भी प्रशिक्षण लिया है। अब खेलने का मौका मिलेगा। जूनियर वल्र्ड कप में दावेदारी होगी। ये शानदार फैसला है।
कनिका सिसोदिया, नेशनल शूटर, गाजियाबाद
पिछले छह महीनों से इस इवेंट की बारीकी भी सीखी हैं। मगर इसमें प्रतिभाग करने का मौका नहीं मिलता था। अब इस इवेंट में भी पदक जीतने का मौका मिलेगा।
सबा अली, नेशनल शूटर, मोदीनगर, गाजियाबाद
शूटिंग के प्रशिक्षण के साथ इस इवेंट को भी सीखा है। मगर खेलने को नहीं मिलता था। एनआरएआइ का ये अच्छा फैसला है। इसकी प्रैक्टिस जारी है।
दीया वशिष्ठ, नेशनल शूटर, सुरेंद्र नगर, अलीगढ़
नए इवेंट में बालिकाओं को मौका देना शानदार निर्णय है। प्रैक्टिस पहले से कर रहे हैं। इसका लाभ जरूर मिलेगा। बालिक शूटर्स के लिए शानदार कदम।
तनुश्री तोमर, नेशनल शूटर, एटा-क्वार्सी बाईपास अलीगढ़