AMU News: बिहार में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के विरोध में एएमयू में प्रदर्शन
Demonstration in AMU बिहार के कटिहार जिले में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के विरोध में एएमयू छात्रों ने शुक्रवार की देरशाम कैंपस में प्रदर्शन किया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को डीएम के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया।
By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Updated: Fri, 27 May 2022 10:04 PM (IST)
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। बिहार के कटिहार जिले में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के विरोध में एएमयू छात्रों ने शुक्रवार की देरशाम कैंपस में प्रदर्शन किया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को डीएम के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया। जिसमें आरोपितों के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए।
सीएम को भेजा ज्ञापनदेरशाम कटिहार के अनेक छात्र एएमयू कैंपस स्थित लाइब्रेरी के सामने एकत्रित हुए। यहां से पैदल मार्च करते हुए बाबे सैयद पर पहुंचे। उन्होंने इस घटना पर गहरा दुख जताया। कहा, किशोरी के साथ इस तरह की घटना शर्मनाक है। इस मामले में सख्त विधिक कार्रवाई की जाए। इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाने चाहिए। अंत में प्रोक्टोरियल टीम को डीएम के लिए मुख्यमंत्री नितीश कुमार को संबोधित ज्ञापन दिया।
लैंगिक समानता बढ़ाने के लिए किया संवेदनशील अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय(एएमयू) के एडवांस्ड सेंटर फार वीमेन स्टडीज (सीडब्ल्यूएस) में लैंगिक संवेदीकरण: एक कदम समावेशिता की ओर विषय पर कार्यशाला हुई। जिसका उद्देश्य छात्रों के बीच लैंगिक समानता को बढ़ाना और सकारात्मक सामाजिक मानदंड तैयार करना है। इसमें छात्राओं और परिसर में उनके अधिकारों के महत्व के बारे में भी बताया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की जेंडर चैंपियन योजना के अंतर्गत आयोजित किया गया।
सीडब्ल्यूएस की निदेशक प्रो. अजरा मूसवी ने कहा कि हर साल छात्रों में जिम्मेदार किस्म के छात्रों को एक एकीकृत और अंत:विषयी ²ष्टिकोण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए जेंडर चैंपियन के रूप में चुना जाता है, जो महिलाओं और पुरुषों के अनुभव को आकार देने वाले लैंगिक सामाजिक-सांस्कृतिक ढांचे को समझते हैं। यूजीसी ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर इसे लागू करने के लिए सभी शिक्षण संस्थानों के साथ साझा किया है। समन्वयक व प्रशिक्षक डा तरुशिखा सर्वेश और शीराज अहमद ने बताया कि छात्र अपने स्वयं के पूर्वाग्रहों का सामना करते हैं, जो उन्हें अपने स्वयं के सीखने के पैटर्न पर सवाल उठाने के लिए मजबूर करते हैं। कार्यशाला में चर्चा के माध्यम से विश्वास निर्माण की आवश्यकता की पहचान की गई और विश्वविद्यालय परिसरों और समाज में एक सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण स्थापित करने के लिए सुरक्षा के विचारों पर •ाोर दिया गया।
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