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Dhanteras 2022: आज भी है धनतेरस, मनाएं धन्‍वंतरि जयंती और करें यमदीप दान

अलीगढ़ में धनतेरस के साथ दीपोत्सव शुरू हो गया। खास बात यह है कि इस बार धनतेरस दो दिन है। आज भी धनतेरस मनाई जाएगी। कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी रविवार को मनाया जा रहा है। धनतेरस के साथ धन्वंतरि जयंती व यमदीप दान आज ही होंगे।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Updated: Sun, 23 Oct 2022 10:24 AM (IST)
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धनतेरस इस बार धनतेरस दो दिन है। आज भी धनतेरस मनाई जा रही है।
अलीगढ़, संदीप सक्‍सेना। धनतेरस के साथ दीपोत्सव शुरू हो गया। खास बात यह है कि इस बार धनतेरस दो दिन है। आज भी धनतेरस मनाई जाएगी। कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी रविवार को मनाया जा रहा है। धनतेरस के साथ धन्वंतरि जयंती व यमदीप दान आज ही होंगे।

धनतेरस पर बाजारों में जमकर खरीदारी

धनतेरस के शुरू होते ही हर तरफ उल्लास है। बाजारों में उत्साह है। खरीददारी से दुकानदार भी उत्साहित हैं। धनतेरस इस बार दो दिन है। शनिवार को पहले दिन शोरूमों से लेकर दुकानों तक पर धनतेरस के चलते खरीद के लिए भीड़ रही। आटो मोबाइल्स बाजार उत्साहित है। दीपावली-महादेवी लक्ष्‍मी की पूजा तथा ज्‍योति का पांच दिवसीय पावन पर्व शनिवार से शुरू हो गए थे। आज Yamdeep यमदीप रोशन किया जाएगा। Dhanteras धनतेरस को लेकर सुबह से ही श्रद्धालुओं में उत्‍साह देखा गया। बाजार में खरीदारी शुरू हो गई। बाजार में ज्‍यादातर भीड़ बर्तनों की दुकानों पर देखी गई। सर्राफा बाजार में ज्‍वेलर्स व फर्नीचर आदि दुकानों पर भीड़भाड़ है।

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धनतेरस पर करें Yamdeep दान 

अवस्थी ज्योतिष संस्थान के प्रमुख आचार्य आदित्य नारायण अवस्थी ने बताया कि प्रदोष व्रत व धनतेरस कार्तिक कृष्ण पक्ष की प्रदोष व्यापिनी त्रयोदशी को प्रदोष व्रत एवं धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी दो दिन प्रदोष व्यापिनी है। इसके संबंध में शास्त्रीय व्यवस्था है कि त्रयोदशी दो दिन प्रदोष व्यापिनी हो तो द्वितीय दिन में प्रदोष व्रत करना चाहिए । इसी शास्त्रीय आधार पर धनतेरस का पर्व भी दूसरे दिन अर्थात कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी रविवार को मनाया जाएगा धनतेरस के साथ धन्वंतरि जयंती व यमदीप दान भी इसी दिन होंगे। नरक चतुर्दशी व रूप चतुर्दशी अरुणोदय व्यापिनी मनाई जाती है।

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सोमवार को मनाई जाएगी Deepawali

कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी सोमवार को नरक चतुर्दशी अरूणोदय व्यापिनी हैं अर्थात इसी दिन सूर्योदय के पूर्व अरुणोदय में चतुर्दशी होने से इसे दिन नरक चतुर्दशी व रूप चतुर्दशी मनाई जाएगी। कार्तिक कृष्ण पक्ष में प्रदोष व्यापिनी अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है। इस वर्ष प्रदोष व्यापिनी अमावस्या कार्तिक कृष्ण पक्ष सोमवार को होने से इसी दिन दीपावली मनाई जाएगी।Deepawali सोमवार 24 अक्टूबर को सायंकाल वृष लग्न में 6:50 से 8:46 बजे तक रहेगी लेकिन प्रदोष बेला में 5:14 बजे से 8:46 बजे के मध्य गणेश लक्ष्मी एवं कुबेर इंद्र आदि की पूजा का शुभ योग है।

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