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Diwali 2022: दीपोत्‍सव पर्व शुरू, त्‍योहारों का लें आनंद, मगर पटाखे चलाते समय रखें छह बातों का ध्‍यान

Diwali 2022 दीपोत्‍सव पर्व शुरू हो गया हैै। त्‍योहार का आनंद लें मगर सावधानी भी जरूरी है। दीपावली खुशियों को त्योहार है। यह अंधकार पर प्रकाश के विजय का प्रतीक है। एक लापरवाही त्योहार का मजा किरकिरा कर देती है। छोटी-छोटी गलतियों पर ध्‍यान देना जरूरी है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Updated: Sun, 23 Oct 2022 12:38 PM (IST)
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Diwali 2022 पटाखा फोड़ते समय लोग छोटी-छोटी गलतियों से हादसे का शिकार हो जाते हैं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  Diwali 2022 दीपावली खुशियों को त्योहार है। यह अंधकार पर प्रकाश के विजय का प्रतीक है। हर परिवार इसे खुशियों के साथ मनाना चाहता है, लेकिन कई बार एक लापरवाही त्योहार का मजा किरकिरा कर देती है। पटाखा फोड़ते समय लोग छोटी-छोटी गलतियों से हादसे का शिकार हो जाते हैं। इससे जिंदगी भर के लिए आंख-कान गवां देते हैं। प्रस्तुत है आतिशबाजी को लेकर सावधानियों से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट...

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ये है प्रमुख बिंदु

  •  22 अक्टूबर को धनतेरस से शुरू होने जा रहा है पांच दिवसीय त्योहार
  • 16 से 26 अक्टूबर तक नुमाइश मैदान में लग रहा है आतिशबाजी बाजार
  •  220 अस्थाई लाइसेंस प्रशासन की तरफ से किए गए हैं, अभी जारी है
  •  20 से अधिक दुकानदारों ने पहली बार आतिशबाजी बिक्री को लिया है लाइसेंस
  •  02 करोड़ से अधिक की हर बार आतिशबाजी का उड़ जाता है धुंआ
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Firecracker करते समय बरतें छह सावधानियां

  • 1 पटाखे खुले मैदान में ही छोड़ें ।
  • पटाखे चलाते समय सूती व चुस्त कपड़े पहने।
  • बड़ों की देखरेख में ही बच्चों को पटाखे चलाने दें ।
  • 4  पटाखे छोडऩे समय बालू, मिट्टी व पानी की भरी बाल्टी रखें।
  • 5 बहती हवा के विपरीत दिशा मेें पटाखे चलाएं, धुंआ ऊपर नहीं आना चाहिए।
  • 6 आतिशबाजी की चपेट में आने पर तत्काल नजदीकी चिकित्स को दिखाएं

अधिक आतिशबाजी Firecracker से नुकसान भी

पं. दीनदयाल अस्पताल के सीएमएस डा. अनुपम भाष्कर के अनुसार आतिशबाजी से कार्बन मोनो आक्साइड जैसी जहरीली गैस निकलती है, जो हृदय की मांस पेशियों तक पहुंचती है। इससे सांस की बीमारी का खतरा रहता है। बलगम व गले की बीमारियां भी होने लगती हैं। हाइड्रोजन सल्फाइड मस्तिष्क व दिल को नुकसान व बेरियम आक्साइड आंखों व त्वचा को नुकसान पहुंचाती है। पटाखा जलाते समय सावधानी जरूर रखें।

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ध्वनि के मानक

  •  रिहायशी क्षेत्र में दिन में 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल रहना चाहिए।
  • व्यावसायिक क्षेत्र में दिन में 65 डेसिबल और रात में 55 डेसिबल होना चाहिए।
  • औद्योगिक क्षेत्र में दिन में 75 डेसिबल और रात में 65 डेसिबल रहना चाहिए।
  • नोट : सुबह छह से रात 10 बजे तक दिन व रात 10 से सुबह छह बजे तक रात के आंकड़े हैं।

इसका भी रखें ध्यान

  • 95 डेसिबल से अधिक की आवाज कान को प्रभावित करती है।
  • 110 से से अधिक आवाज हो तो कान का पर्दा फट सकता है।
  • बाजार में बिकने वाले पटाखे 100 से अधिक डेसिबल के होते हैं।
कोई भी कंपनी बिना डेसिबल लिखे पटाखे नहीं बना सकती है, लेकिन स्थानीय स्तर पर इसका पालन नहीं हो रहा है। सभी लोगों से अपील है कि वह Firecracker आतिशबाजी चलाएं, लेकिन प्रदूषण का भी ध्यान रखें। बच्चों को बड़ाें की निगरानी में ही आतिशबाजी चलाने को दी जाए।

-जेपी सिंह, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी

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