पेट में घड़ी सेल-ब्लेड सहित 56 चीजें... किशोर की एक्सरे रिपोर्ट देखकर डॉक्टर के उड़े होश, कई दिन से था बीमार
हाथरस के 15 वर्षीय आदित्य शर्मा के पेट में 56 वस्तुएं मिलीं जिनमें घड़ी के सेल ब्लेड पेच और चेन का कुंदा शामिल था। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में आपरेशन के बाद भी उसकी जान नहीं बच सकी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले में कोई घाव नहीं मिला। यह मृत्यु स्वजन के लिए सवाल बनी हुई है। मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।
संवाद सहयोगी, हाथरस। किशोर की एक्सरे रिपोर्ट देखकर डाक्टर भी हैरत में पड़ गए। उसके पेट में घड़ी के सेल, पेच, ब्लेड, चेन का कुंदा समेत 56 चीजें मिली हैं। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में आपरेशन होने के बाद भी उसकी जान नहीं बच सकी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किशोर के गले में कोई घाव का निशान नहीं आया है। यह मृत्यु किशोर के स्वजन के लिए सवाल बनी हुई है।
मूलरूप से इगलास के गांव बेलौठ निवासी संचेत शर्मा हाथरस गेट क्षेत्र में इगलास रोड पर रत्नगर्भा कालोनी में रहते हैं। वह मेडिकल रिप्रजेंटेटिव हैं। उनका 15 वर्षीय बेटा आदित्य नौवीं का छात्र था। 13 अक्टूबर को उसके पेट में दर्द व श्वांस लेने में दिक्कत हुई। वह उसे लेकर शहर के एक निजी हास्पिटल पहुंचे। यहां से रेफर कर दिया गया तो वह बेटे को लेकर जयपुर पहुंचे।
वहां चार-पांच दिन उपचार होने के बाद उसे घर भेज दिया गया। घर आने के बाद उसे 19 अक्टूबर को सांस लेने में फिर दिक्कत बताई। स्वजन उसे अलीगढ़ में निजी हास्पिटल लेकर गए। यहां बेटे की जांच कराई गई। सभी जांच सही आने पर चिकित्सकों ने उसे घर भेज दिया, लेकिन सांस लेने में समस्या बरकरार रहने पर 25 अक्टूबर को चिकित्सक ने सीटी स्कैन कराया।
सिटी स्कैन में नाक में गांठ सामने आई तो 26 अक्टूबर को आपरेशन कर गांठ को निकाल दिया। जिससे सांस लेने आ रही दिक्कत दूर हो गई। मगर पेट में गैस की समस्या दूर न होने पर 26 अक्तूबर को दोपहर अल्ट्रासाउंड कराया गया तो तस्वीर को देख स्वजन के साथ-साथ लैब तकनीशियन हैरान रह गए। अल्ट्रासाउंड में पेट में 19 पदार्थ दिखाई दिए। चिकित्सक ने किशोर को नोएडा रेफर कर दिया।
अल्ट्रासाउंड में खुला भेद, दो बार आपरेशन
नोएडा के निजी अस्पताल में फिर अल्ट्रासाउंड कराया गया तो सेल, ब्लेड जैसी 42 चीजें पेट में दिखाई दीं। वहां से भी उसे रेफर कर दिया गया। स्वजन उसे सफदरजंग हास्पिटल लेकर पहुंचे। यहां अल्ट्रासाउंड कराने पर उसके पेट में 56 चीजें निकलीं। इनमें घड़ी के सेल, ब्लेड़ का टुकड़ा, पेच, चेन का कुंदा आदि थे। पिता के अनुसार, बच्चे की इस दौरान हार्टबीट 280 थी, इसे देख चिकित्सक भी हैरान थे कि बच्चा कैसे जीवित है।27 अक्टूबर की सुबह 11 से शाम चार बजे तक आपरेशन हुआ। आपरेशन कर सभी चीजें बाहर निकाली गईं। फिर से स्कैनिंग की गई, तब पेट बिल्कुल साफ था। कुछ देर बाद दर्द होने पर फिर से अल्ट्रासाउंड कराया गया तो उसके तीन सेल और निकले, उन्हें भी बाहर निकाला गया। 28 अक्टूबर की रात 10 बजे किशोर की मृत्यु हो गई। स्वजन ने बताया कि अल्ट्रासाउंड व पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके गले में घाव का कोई निशान नहीं मिला है। मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।
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