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FDP cum Workshop : बालकाल में ही शिक्षा बालक को करेगी कौशल प्रदान Aligarh news

अलीगढ़ जेएनएन मंगलायतन विश्वविद्यालय में 10 दिवसीय एफडीपी कम वर्कशॉप के चतुर्थ दिवस पर निबंध प्रस्तुतिकरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। एफडीपी का विषय एनईपी-2020 एंड इट्स सिगिंफिकेन्स है। पैनल विशेषयज्ञ प्रो. जयंतीलाल जैन व प्रो. आरके शर्मा रहे।

By Anil KushwahaEdited By: Updated: Mon, 12 Apr 2021 11:15 AM (IST)
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मंगलायतन विश्वविद्यालय में 10 दिवसीय एफडीपी कम वर्कशॉप के चतुर्थ दिवस पर निबंध प्रस्तुतिकरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
अलीगढ़, जेएनएन : मंगलायतन विश्वविद्यालय में 10 दिवसीय एफडीपी कम वर्कशॉप के चतुर्थ दिवस पर निबंध प्रस्तुतिकरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। एफडीपी का विषय एनईपी-2020 एंड इट्स सिगिंफिकेन्स है। पैनल विशेषयज्ञ प्रो. जयंतीलाल जैन व प्रो. आरके शर्मा रहे।

कानूनी शिक्षा का प्रावधान प्रशंसनीय

डा. हैदर अली ने नीति के लाभ हानि पर विचार रखते हुए कहा कि इसमें कानूनी शिक्षा का प्रावधान प्रशंसनीय है। डा. शगुफ्ता परवीन ने फंड के विषय में तथ्य और सुझाव रखे। पिछली नीतियों से तुलना की। उन्होंने इस नीति की खासियत बताई। मयंक जैन ने कहा कि पाठ्यक्रम की संरचना सराहनीय है। विदेशी भाषा का ज्ञान कराना इस नीति की बहुत अच्छी बात है। डा. मंजरी ने शिक्षा नीति 2020 और 1986 के बीच तुलनात्मक अंतर बताए।

 

डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया गया

अंकिता शुक्ला ने कहा कि इसमें विषयों को एक साथ चुनने की स्वतंत्रता है। डा. सिद्धार्थ जैन ने बताया कि इसे बनाते समय सुझावों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया गया, 15 लाख लोगों के सुझाव लिए गए। जल्द ही मनु दर्पण एप लांच होगा। डा. आरके घोष ने कहा नीति में रचनात्मकता है। डा. सुकृत श्रीवास्तव ने व्यवसायिक शिक्षा के आधारभूत तत्वों को बताया।

 

संस्कृति से परिचय पर जोर 

डा. सुलभ चतुर्वेदी ने कहा भाषाओं का उन्मुखीकरण हुआ है। संस्कृति से परिचय पर जोर है। राजपाल सिंह ने बताया बालकाल में ही शिक्षा बालक को कौशल प्रदान करेगी। नई शिक्षा निति की सीमाओं और उसके प्रभावों के बारे में डा. निशा खान ने बताया। डा. तलत अंजुम ने नुकसान और फायदे बताए। संचालन डा. आकांक्षा ने किया।

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