Breaking news : दैनिक जागरण में खबर छपते ही अतिक्रमण ढहाने लगा प्रशासन Aligarh news
चार दिन पहले जाम में फंसने से हुई 10 साल की बच्ची की मौत के बाद से दैनिक जागरण शहर में लुंज पड़ी ट्रैफिक व्यवस्था और अतिक्रमण को लेकर अभियान चलाए हुए है। बारी-बारी से शहर के प्रमुख बाजार व सड़कों के हाल पर खबर दी जा रही है।
अलीगढ़, जेएनएन : चार दिन पहले जाम में फंसने से हुई 10 साल की बच्ची की मौत के बाद से दैनिक जागरण शहर में लुंज पड़ी ट्रैफिक व्यवस्था और अतिक्रमण को लेकर अभियान चलाए हुए है। बारी-बारी से शहर के प्रमुख बाजार व सड़कों के हाल पर खबर दी जा रही है। ताकि प्रशासन जागे और समाधान के लिए ठोस रणनीति बनाए।
बुधवार को जागरण ने किया था प्रकाशित
बुधवार के अंक में जागरण ने दुबे के पड़ाव चौराहे पर लगने वाले जाम को लेकर प्रकाशित की थी। इसका असर ये हुआ है कि नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस ने अतिक्रमण को ध्वस्त करने के लिए अभियान शुरू कर दिया। महाबली यानि जेसीबी से अतिक्रमण को तोड़ा जा रहा है। शहर के लोग इससे खुश है। जागरण के अभियान की तारीफ भी कर रहे हैं।
जाम के चलते हालात हुए बदतर
शहर में दुबे का पड़ाव चौराहा गांधीपार्क बस स्टैंड को शहर से जोड़ता है। रामघाट रोड, आगरा रोड भी इससे जुड़े हैं। दुबे के पड़ाव की हालत जाम के चलते सबसे अधिक बदतर हो गई है। दोपहर करीब एक बजे कंपनी बाग पर वाहनों का दबाव अधिक होता है। दुबे के पड़ाव तक स्थित और खबरा हो जाती है। यहां अतिक्रमण तो है ही ट्रैफिक लाइट की टाइमिंग भी लोगों को परेशान करती है। दुबे के पड़ाव से मानिक चौक, हाथरस अड्डा, सासनी गेट तक ऐसे ही हालात हैं। यहां भी ट्रैफिक रैंग-रैंग कर चलता है।
ढकेलों ने घेर ली सड़कें
अचलताल की तरफ जाने वाले रास्ते पर कपड़ों, जूतों, कचौडिय़ों, फल आदि की ढकेलों ने सड़क घेर रखी हैं। नौरंगाबाद पर फल व सब्जियों की ढकेलों की लंबी लाइन दिखाई दे जाएगी। ज्वालापुरी, छावनी, फिर एटा चुंगी तक दोनों ओर हर दुकान ने अपने सामान को सड़क पर रखा था। एटा चुंगी चौराहे पर सड़क ध्वस्त थी। यहां चारों रास्ते पर अवैध कब्जे थे।
इनका कहना है
शहर में जाम की बुरी स्थित है। प्रशासन को इसका समाधान निकालाना होगा। कभी-कभी तो जाम इस तरह लग जाता है कि पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है7 जागरण का अभियान सराहनीय है। वाहन चालकों को भी सहयोग करना चाहिए।
- ललित, दुबे का पड़ाव
दुकानों के सामने अनावश्यक सामान रख दिया जाता है। इससे सड़कें नजर ही नहीं आतीं। व्यापारियों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। प्रशासन को भी इनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
- ज्ञानेंद्र चौहान, आइटीआइ रोड