पुलिस भी न ट्रेस कर पाए… कहां गया पैसा? 150 लोगों से छह करोड़ रुपये ऐंठने वाले तीन शातिर ठग गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में शातिर ठगों के एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने 150 से अधिक लोगों से तकरीबन छह करोड़ रुपये ठगी की है। पुलिस के अनुसार ये ठग लोगों को डबल का लालच देकर लोगों को ठगते थे। वहीं ठगी की रकम को डॉलर में बदलवा लेते थे।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। रुपये दोगुना करने का लालच देकर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन आरोपियों को सोमवार को पुलिस ने दबोच लिया। यह लोग जरूरतमंद व मजदूर वर्ग के लोगों को नौकरी का झांसा देकर उनके खातों में ठगी की रकम डलवाते थे।
फिर उन्हीं की मदद से नकदी निकालकर उसे क्रिप्टोकरंसी के खातों में स्थानांतरित कर लेते थे। आरोपियों 150 से अधिक लोगों से करीब छह करोड़ रुपये ठगी कर चुके हैं। इनका नेटवर्क दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना आदि राज्यों में फैला है। इनके पास से 19 लाख रुपये नकद व अन्य सामान बरामद हुआ है।
ऐसे खुली ठगों की पोल
नगला पटवारी गली नंबर सात के समीर उर्फ बाबू ने रविवार को सिविल लाइन थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया था। इसमें कहा था कि वे नौकरी की तलाश में थे, तभी केला नगर के अरशद से मुलाकात हुई। उसने नौकरी का झांसा देकर बैंक खाता संख्या व बायोडाटा ले लिया।
26 जुलाई को सुबह 11 बजे अरशद अपने साथियों दिल्ली के भारत नगर क्षेत्र के सावन पार्क अशोक विहार फेज 3 के कशिश खुराना व नासिक (महाराष्ट्र) के टैगोर नगर क्षेत्र के लवीना पार्क के मनीष पांडे के साथ घर आया। कहा कि तुम्हारे खाते से रुपये डलवाए हैं, उसे निकालकर दे दो।
समीर ने बिना पूछे रुपये डालने का विरोध किया तो आरोपियों ने गाली गलौज व हाथापाई कर दी। धमकाते हुए बलेनो कार में डालकर एफएम टावर के सामने आईसीआईसीआई बैंक ले गए। वहां से रुपये निकालने के बाद सेंटर प्वाइंट स्थित शाखा में आए। यहां से तीनों उसे कोटक महिंद्रा बैंक ले गए। जबरन चेक पर हस्ताक्षर कराए और तीन लाख 46 हजार रुपये निकाल लिए।
लॉटरी और इनाम निकालने का देते हैं झांसा
सीओ अमृत जैन ने बताया कि जांच में आरोप सही पाए गए। इसके बाद थाना बन्नादेवी, सिविल लाइन, सर्विलांस व स्वाट टीमों ने तीनों आरोपियों को जीटी रोड स्थित महरावल मंदिर के पास से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि लोगों को शेयर बाजार में निवेश करने व रुपये दोगुना करने के नाम पर ठगते हैं। साथ ही ऑनलाइन लिंक भेजकर लॉटरी व इनाम निकलने का झांसा देकर ओटीपी लेते हैं और उनके खातों से रुपये निकाल लेते हैं।
विदेश से जुड़े हो सकते हैं गिरोह के तार
जगह-जगह इस गिरोह के एजेंट हैं, जो मजदूर वर्ग के लोगों को नौकरी या 500-1000 रुपये का लालच देकर उनका बायोडाटा व बैंक खाते का विवरण ले लेते हैं। उन खातों में रुपये ट्रांसफर करते हैं और गिरोह के सदस्य तत्काल ही ट्रांसफर किए हुए धन को खाताधारकों को साथ ले जाकर बैंक से चेक के माध्यम से निकाल लेते हैं। यदि किसी कारण रुपये निकालने में विलंब होता है तो पुनः उन खातों से रुपये दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दी जाती है।
निकाले गई नकदी को दिल्ली ले जाकर मनी एक्सचेंज एजेंट के माध्यम से डॉलर में बदलते हैं। फिर गिरोह के अन्य सदस्यों के क्रिप्टो करंसी अकाउंट में रुपये ट्रांसफर कर उसे सुरक्षित कर लेते हैं, जिसे पुलिस भी ट्रेस नहीं कर पाती।
पूछताछ में हैदराबाद के एक आरोपी का नाम सामने आया है, जो क्रिप्टो खाता चलाता है। पुलिस के अनुसार इस गिरोह के तार विदेश से भी जुड़े हो सकते हैं।
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