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Aligarh News : अलीगढ़ में महिलाओं के भी बनेंगे किसान उत्पादन संगठन, किसानों को बिचौलियों से मिलेगी मुक्‍ति

Aligarh News अलीगढ़ सहित प्रदेश के 36 जिलों में महिलाओं के भी किसान उत्‍पादन संगठन बनाए जा रहे हैं। इन संगठनों के माध्‍यम से किसानों को न सिर्फ अपनी उपज का बाजार मिलेगा बल्‍कि बिचौलियों से भी मुक्‍ति मिल जाएगी।

By Anil KushwahaEdited By: Updated: Sun, 06 Nov 2022 04:24 PM (IST)
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टप्पल ब्लाक सभागार में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में शामिल टप्पल समृद्धि महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी के निदेशक मंडल के सदस्य।
सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ Aligarh News : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम ) से जुड़ी महिलाओं को अभी तक पापड़, अचार तैयार करते देखा होगा। लघु एवं सूक्ष्म उद्योग से जुड़ी नजर आईं होंगी, लेकिन अब ये महिलाएं बड़ी जिम्मेदारी संभालने जा रही हैं। अलीगढ़ सहित प्रदेश के 36 जिलों में महिलाओं के भी किसान उत्पादन संगठन (एफपीओ) बनाए जा रहे हैं। प्राइवेट कंपनी की तर्ज पर काम करने वाले इन संगठनों के माध्यम से किसानों को न सिर्फ अपनी उपज का बाजार मिलेगा। बिचौलियों से मुक्ति मिल जाएगी। खाद, बीज, दवाइयों और कृषि उपकरण आदि खरीदना भी आसान होगा। सभी व्यवस्थाएं महिलाएं करेंगी। जिले में कुल तीन एफपीओ का गठन किया जाना है। इनमें से टप्पल का गठन हो चुका है। शनिवार को प्रशिक्षण दिया गया। धनीपुर व खैर ब्लाक में गठन की प्रक्रिया चल रही है। 

जिले में 14 हजार महिला समूह

अब तक पुरुष किसानों के ही एफपीओ गठित हो रहे थे, लेकिन अब राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को भी इसमें शामिल कर लिया गया है। इसके तहत एफपीओ बनाने के निर्देश मिशन के निदेशक भानुचंद गोस्वामी ने सीडीओ को सितंबर में निर्देश दिए थे। इसके बाद अधिकारियों ने प्रयास शुरू कर दिए। जिले में 14 हजार महिला समूह हैं। इनसे लगभग डेढ़ लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जो सरकार की सब्सिडी के सहयोग से लघु एवं सुक्ष्म उद्योग से आत्मनिर्भर हो रही हैं। इनमें से साढ़े चार हजार महिलाओं को जिले में बनाए जा रहे तीनों एफपीओ से जोड़ा जाएगा। प्रत्येक एफपीओ में एक से डेढ़ हजार तक महिलाएं शामिल होंगी। इनकी सफलता के बाद अन्य ब्लाक क्षेत्रों में काम शुरू होगा।

ये हैं जिले के तीन एफपीओ

टप्पल स्मृद्धि महिला किसान कंपनी लिमिटेड नाम के एफपीओ का गठन मिनिस्ट्री आफ कार्पोरेशन अफेयर में हो गया है। पहले चरण में इस एफपीओ में 10 लोगों को जिम्मेदारी मिली है। इसमें पांच बोर्ड आफ डायरेक्टर व पांच को प्रमोटर का पद मिला है। अब इसमें महिलाओं को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा दूसरा एफपीओ धनीपुर आजीविका स्मृद्धि फार्मर कंपनी लिमटेड के नाम से बन रहा है। कृषि विभाग ने इस समूह के लिए बोर्ड आफ डायरेक्टर व प्रमोटर के पद तय कर दिए हैं। खैर ब्लाक के एफपीओ के नाम पर अभी मुहर नहीं लगी है। एक एफपीओ के संचालन के लिए 15 लाख रुपये की सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाती है।

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इन जिलों में बनेंगे महिला एफपीओ

केंद्र सरकार ने देश भर में अगले कुछ सालों के लिए 10 हजार एफपीओ स्थापित करने का लक्ष्य तय किया है। पांच हजार करोड़ से अधिक की धनराशि इस पर खर्च हो रही है। प्रदेश के अलीगढ़, बहराइच, बांदा, हमीरपुर, गोरखपुर, खीरी,प्रयागराज, सुल्तानपुर, आगरा, चंदौली, देवरिया, सोनभद्र, जालौन, मिर्जापुर, वाराणसी, अंबेडकर नगर, औरेया, आजमगढ़, बाराबंकी, चित्रकूट, इटावा, फतेहपुर, हरदोई, झांसी, कन्नौज, लखनऊ, ललितपुर, महोबा, कौशांबी, मैनपुरी, प्रतापगढ़, शामली, श्रीवस्ती, उन्नाव एवं अयोध्या को एफपीओ के लिए चयनित किया गया है।

टप्पल में बना था रिकार्ड

2019 में पहला बिग मिलियन डे टप्पल में मनाया गया था। यहां एक दिन में 12.50 लाख के सामानों की बिक्री का रिकार्ड बना था। यह देश में महिला समूहों के तैयार उत्पाद की सबसे अधिक बिक्री थी। पूरे देश में इसकी चर्चा हुई थी। प्रदेश में एनआरएलएम के काम में जिले के नाम अन्य भी कई रिकार्ड है।

इनका कहना है

एनआरएलएम के तहत प्रदेश में पहली बार महिलाओं के किसान उत्पादन संगठन का गठन किया जा रहा है। जिले में महिलाओं के तीन एफपीओ का गठन हो रहा है। इसमें एक पंजीकरण हो चुका है। दो अन्य की प्रक्रिया चल रही है।

- अंकित खंडेलवाल, मुख्य विकास अधिकारी

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