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हाथरस में तीन तलाक का पहला मामला दर्ज, मीडिया के दखल से चेता प्रशासन Hathras News

तीन तलाक का मामला सामने आया है। महिला थाने पहुंची शमा परवीन ने बताया कि उसके पति ने दो बार मोबाइल पर तलाक का मैसेज भेजने के बाद फर्जी तलाकनामा भेजा है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Updated: Fri, 02 Aug 2019 09:36 AM (IST)
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हाथरस में तीन तलाक का पहला मामला दर्ज, मीडिया के दखल से चेता प्रशासन Hathras News
हाथरस (जेएनएन)। तीन तलाक का मामला सामने आया है। महिला थाने पहुंची शमा परवीन ने बताया कि उसके पति ने दो बार मोबाइल पर तलाक का मैसेज भेजने के बाद फर्जी तलाकनामा भेजा है। पति दो में से एक बेटे को चोरी छिपे लेकर भाग गया है। मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस ने तलाक के नए प्रावधान के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली।

2010 में हुआ था निकाह

शमा परवीन (28) निवासी कांशीराम कालोनी टाउनशिप, जलेसर रोड हाथरस का निकाह अप्रेल 2010 में एहसान मिस्त्री निवासी इस्लामनगर सादाबाद से हुआ था। आरोप है कि शादी के बाद एहसान मारपीट करता था। 15 जुलाई को पति छोड़कर गया। इसके दूसरे दिन उस पर फर्जी तलाकनामा पहुंचा। इससे पहले मोबाइल पर तलाक का मैसेज आ गया था। महिला ने अपने परिचितों से मदद मांगी तो उन्होंने महिला थाने जाने की सलाह दी। 27 जुलाई को पीडि़ता महिला थाने पहुंची थी। पुलिस ने इस मामले को आम पारिवारिक विवाद मानते हुए पति-पत्नी में सुलह के लिए काउंसङ्क्षलग शुरू की।

 सक्रिय हुए अधिकारी

 एक अगस्त को महिला को बुलाया था तथा पति पर भी खबर भेजी गई थी। गुरुवार को महिला पहुंची, लेकिन पति नहीं आया। इधर 30 जुलाई को तीन तलाक संबंधी विधेयक को मंजूरी मिल गई। महिला थाने पहुंची शमा परवीन ने मुकदमा दर्ज करने की मांग की। कोई सुनवाई न होने पर महिला ने रोना-बिलखना शुरू कर दिया। तीन तलाक यानी तत्काल तलाक संज्ञेय अपराध की श्रेणी में शामिल होने के कारण गुरुवार की शाम मामला हाईलाइट हो गया। उच्च अधिकारियों के फोन घनघनाने लगे। नए कानून के तहत मुकदमा दर्ज करने पर अधिकारियों में विचार-विमर्श भी हुआ। मीडिया में मामला आने पर रात शमां की तहरीर पर पति एहसान के खिलाफ दहेज उत्पीडऩ व मारपीट में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। तत्काल तीन तलाक संबंधी नए कानून को भी इसमें शामिल किया गया।

तलाक के नए प्रावधान के तहत पहला मामला

तत्काल तलाक के मामले पूर्व में सामने आते रहे हैं, लेकिन जिले में यह पहला मामला है जिसमें मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019 के अंतर्गत एफआइआर हुई है। यदि यह कानून पास नहीं होता तो अन्य महिलाओं की तरह शमां परवीन भी न्याय के लिए ठोकरें खाती रहती। इस नए कानून में बिना वारंट गिरफ्तारी का प्रावधान है। थाने से आरोपित पति को जमानत भी नहीं मिल सकती है। इसके अलावा दोनों बच्चे भी महिला के संरक्षण में रहेंगे। पुलिस एहसान की गिरफ्तारी के साथ-साथ आठ वर्षीय बिलाल को उससे बरामद कर महिला के सुपुर्द करेगी। दोष सिद्ध होने पर कानून में तीन साल की सजा व जुर्माने का प्रावधान है।

पति के नहीं पहुंचने पर रिपोर्ट दर्ज

एएसपी सिद्धार्थ वर्मा का कहना है कि महिला की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। महिला ने 27 जुलाई को महिला थाने में एप्लीकेशन दी थी। तब कानून पास नहीं हुआ था। आम पारिवारिक मामलों की तरह प्रकरण को लिया गया था तथा दोनों पक्षों को काउंसङ्क्षलग के लिए बुलाया गया था। गुरुवार को भी काउंसङ्क्षलग की डेट थी, लेकिन महिला का पति नहीं आया। कानून बनते ही मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। पीडि़ता को न्याय दिलाया जाएगा।

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