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Malkhan Singh Murder: 'दो मिनट में जो हुआ उसने सभी का दिल दहला दिया', घटना यादकर आज भी सिहर जाता है परिवार

Aligarh News विपक्ष को एकजुट कर मलखान सिंह ने भाजपा की पूर्व विधायक रामसखी कठेरिया को चुनावी समर में उतारा था। उस दौर में बसपा सपा कांग्रेस रालोद समेत सभी 42 सदस्यों में से सर्वाधिक मत पाकर कठेरिया ने 13 वोटों से जीत हासिल की थी।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sat, 28 Jan 2023 10:56 AM (IST)
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Aligarh News:20 मार्च 200 को हुई थी पूर्व विधायक मलखान सिंह की हत्या।

अलीगढ़, जागरण टीम। 20 मार्च 2006 की तिथि को याद करके पूर्व विधायक मलखान सिंह का परिवार आज भी सिहर उठता है। महज दो मिनट के अंदर जो भी हुआ, वो दिल दहलाने वाला था। शाम करीब साढ़े पांच बजे रहे थे। रोज की तरह पूर्व विधायक मलखान सिंह अपने घर के बाहर बैठकर अन्य लोगों से बातचीत कर रहे थे। गनर भी खड़े थे। किसी ने सोचा भी न था कि अगले पल क्या होने वाला है?

दो कार व बाइकों पर आए हमलावर

अचानक दो कार व बाइकों पर हमलावर आए और मलखान सिंह से गालीगलौज करते हुए कहा कि तुमने हमारे नेता तेजवीर सिंह गुड्डू को बर्बाद कर दिया और रामसखी कठेरिया को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवा दिया। कोई कुछ समझ पाता, इससे पहले ही अंधाधुंध फायरिंग कर दी। गोलियां की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका दहल गया। आसपास के लोग इतने दहशत में आ गए कि खुद को घरों में बंद कर लिया। गोली से मलखान सिंह व एटा के बकेवर निवासी गनर सुनील की मौत हो गई थी। दो लोग घायल भी हुए थे। मलखान को 14, जबकि सुनील को छह गोली लगी थीं। हमलावरों ने रिवाल्वर, पिस्टल, पौना व तमंचा का इस्तेमाल किया गया।

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चार भाइयों में सबसे छोटे थे पूर्व विधायक

गौंडा के गांव मजूपुर निवासी पूर्व विधायक चार भाइयों में सबसे छोटे थे। बड़े भाई बलवीर सिंह कासिमपुर पावर हाउस में इंजीनियर से रहे। दूसरे नंबर के भाई दलवीर सिंह फौज से सेवानिवृत्त हैं। उनसे छोटे यादराम सिंह गांव में रहते हैं। पूर्व विधायक यहां मानसरोवर कालोनी में परिवार के साथ रहते थे। हत्याकांड की रिपोर्ट क्वार्सी थाने में बड़े भाई दलवीर सिंह ने मुकदमा पंजीकृत कराया था। उन्होंने बताया कि वह निजी काम से उस दिन भाई मलखान के घर आए थे। घर के बाहर मलखान सिंह, उनके साले प्रेमपाल सिंह, सुखवीर सिंह पहले से बैठकर बातें कर रहे थे।

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मलखान के गनर सिपाही सुनील कुमार व सत्यवीर सिंह उनके पास खड़े थे। तभी एक बाइक, एक मारुति वैन व एक मारुति जेन से सोनू गौतम, अबोध, अजीत, व रौबी उर्फ संजू व आठ-नौ अज्ञात लोग आए और गोलियां बरसा दीं। किसी तरह बलवीर व सुखवीर ने अपनी जान बचाई। लेकिन, गोली लगने से मलखान सिंह, प्रेमपाल व दोनों गनर घायल हो गए। जेएन मेडिकल कालेज में मलखान व गनर सुनील की मौत हो गई थी। प्रेमपाल व सत्यवीर घायल हो गए थे।

मलखान सिंह की कोठी के पास हमारे क्षेत्र का एक युवक रहता था। जिस समय गोलियां बरसाई गईं थी, उसी समय सूचना आ गई थी। मैंने तल्काल डीएम राजेश कुमार सिंह व एसएसपी वीके मौर्या को सूचना दी। चौ. अजित सिंह को बताया। वे सुबह ही हेलीकाप्टर से अलीगढ़ आए थे। चौ. सत्यपाल सिंह, तत्कालीन रालोद पउप्र अध्यक्ष

जिस समय मुझे मलखान सिंह की हत्या की सूचना मिली थी, उस समय मैं लोधा विकास खंड के पालीरजापुर में कार्यक्रम में भाग लेने गई थी। उन्होंने अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ मुझे जिताने में सहयोग किया था। राम सखी कठेरिया, तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष

गुड्डू व उनकी पुत्र वधु चारु केन ने गत विस चुनाव में पार्टी की सदस्यता ली थी। चारु केन को खैर विधानसभा से क्षेत्र प्रत्याशी बनाया था। यह चुनाव हार गईं थी। इसके बाद तेजवीर गुड्डू पार्टी में निष्क्रिय हैं। सूरज सिंह, मंडल प्रभारी, बसपा 

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