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बेटियों की शादी से लेकर बच्‍चों की शिक्षा व सेहत का ख्‍याल रखती है सरकार, जानिए क्‍या क्‍या हैं योजनाएं Aligarh news

श्रमिकिों के कल्याण के लिए योगी सरकार तेजी से काम कर रही है। इसे लेकर डीएम सेल्वा कुमारी जे ने श्रमिकों का आव्हान किया है कि वे श्रम विभाग में अपना पंजीकरण अवश्य कराएं ताकि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित श्रमिकों के कल्याणा की योजनाओं का लाभ मिल सके।

By Anil KushwahaEdited By: Updated: Wed, 22 Sep 2021 05:37 PM (IST)
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श्रमिकों के कल्याण के लिए योगी सरकार तेजी से काम कर रही है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता । श्रमिकों के कल्याण के लिए योगी सरकार तेजी से काम कर रही है। इसे लेकर डीएम सेल्वा कुमारी जे ने श्रमिकों का आव्हान किया है कि वे श्रम विभाग में अपना पंजीकरण अवश्य कराएं, ताकि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित श्रमिकों के कल्याण की योजनाओं का लाभ मिल सके। बेटियां की शादी से लेकर बच्चों को पढ़ाने व सेहत के लिए अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा अन्य मजदूरों की विभिन्न जनहितकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। बात चाहे बच्चों की पढ़ाई की हो या फिर उनके घर से स्कूल जाने की। पंजीयन के उपरांत जन्म से लेकर मृत्यु तक विभिन्न स्तरों पर सरकार द्वारा आर्थिक रूप से सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के कल्याणार्थ सरकार द्वारा बोर्ड का भी गठन किया गया है।

श्रमिकों का जीवन स्‍तर सुधारने को सरकार प्रयासरत

उन्होंने कहा कि भवन एवं अन्य सन्निर्माण कार्यों में संलग्न श्रमिकों के जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार लाते हुए उनकी सामाजिक सुरक्षा के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण (नियोजन तथा सेवाशर्त विनियमन) नियमावली प्रख्यापित की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का गठन भी किया गया है। प्रदेश के 18-60 आयु वर्ग के निर्माण श्रमिक जो निर्माण प्रक्रिया के कार्यों में एक वर्ष में 90 दिन से अधिक कार्य किए है, ऐसे सभी श्रमिक अधिनियम के अन्तर्गत पंजीयन हेतु पात्र हैं। इन निर्माण कार्यों में बेल्डिंग का कार्य, बढई कार्य, कुंआ खोदना, रोलर चलाना, छप्पर डालने का कार्य, राजमिस्त्री का कार्य, प्लंबरिंग , लोहार, मोजैक पालिश , सड़क निर्माण, मिक्सर चलाने का कार्य, पुताई, इलैक्ट्रिक वर्क, हथौड़ा चलाने का कार्य, सुरंग निर्माण, टाईल्स लगाने का कार्य, कुएं से गाद (तलछट हटाने का कार्य/डिविंग), चट्टान तोड़ने का कार्य, या खनिकर्म, स्प्रे वर्क या मिक्सिंग वर्क (सड़क निर्माण से संबद्ध ), मार्बल/स्टोन्स वर्क, चौकीदार (निर्माण स्थल पर सुरक्षा प्रदान करने के लिए), चूना बनाना, मिट्टी का काम, ( सीमेंट कंक्रीट, ईट आदि ढोने का कार्य), लिफ्ट एवं स्वचालित सीढ़ी की स्थापना का कार्य कर रहे हो।

ये सब भी हैं कर्मकार

इसी प्रकार सुरक्षा द्वार एवं अन्य उपकरणों की स्थापना का कार्य, मिट्टी, बालू व मौरंग के खनन का कार्य, ईट-भट्ठों पर ईट निर्माण का कार्य, सामुदायिक पार्क या फुटपाथ का निर्माण, रसोई में उपयोग हेतु माडूलर इकाईयों की स्थापना, खिड़की ग्रिल, दरवाजे आदि की गढ़ाई एवं स्थापना का कार्य, मकानों/भवनों की आन्तरिक सज्जा का कार्य, बड़े यांत्रिक कार्य, जैसे-मशीनरी, पुल निर्माण कार्य, अग्निशमन प्रणाली का स्थापना एवं मरम्मत का कार्य, ठंडे एवं गरम मशीनरी की स्थापना और मरम्मत का कार्य, बाढ़ प्रबन्धन व इसी प्रकार के अन्य कार्य से संबंधित सभी कार्य, बाँध, पुल, सड़़क का निर्माण या भवन निर्माण के अधीन कोई संक्रिया, स्विमिंग पूल, गोल्फ कोर्स आदि/सहित अन्य मनोरंजन सुविधाओं का निर्माण कार्य, लिपिकीय/लेखा-कर्म (किसी निर्माण अधिष्ठान लिपिक व लेखाकार के रूप में कार्यरत सभी प्रकार के कर्मकार के लिए), सभी प्रकार के पत्थर काटने, तोड़ने व पीसने का कार्य निर्माण कार्यों के तहत आते है।

एक बार में तीन वर्ष का अंशदान जमा कर सकते हैं

इस अधिनियम के अंतर्गत श्रमिकों के पंजीयन हेतु निर्धारित प्रारूप पर पूर्णतया भरे हुए हस्ताक्षरित आवेदन पत्र के साथ 20 रुपये -आवेदन शुल्क तथा 20 रुपये प्रथम वर्ष का अंशदान श्रमिक को देना होगा। एक बार में तीन वर्ष का अंशदान भी जमा किया जा सकता है और आवश्यक अभिलेख के रूप में दो पासपोर्ट आकार के फोटो, नियोजन प्रमाण पत्र, आधार कार्ड एवं बैंक पास बुक की प्रति प्रस्तुत करना अनिवार्य है। प्रदेश सरकार ने वर्तमान में श्रमिक पंजीयन एवं नवीनीकरण हेतु लिए जाने वाले शुल्क में छूट प्रदान करते हुए 30 सितंबर तक वे जमा कर सकते हैं। योगी सरकार के गठन के बाद दिनांक एक अप्रैल.2017 से 31जुलाई.2021 तक कुल 73,61,327 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। सभी पंजीकृत श्रमिकों को संबंधित अधिष्ठानों द्वारा रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी प्रकार निर्माण स्थल अधिष्ठानों, जहां वर्ष में किसी भी दिन 10 या इससे अधिक निर्माण श्रमिक नियोजित है निर्माण स्थलों/ऐसे अधिष्ठानों की पंजीयन भी अधिनियम के तहत अनिवार्य है। रिहायशी भवनों की स्थिति में 10 लाख से अधिक लागत के भवनों पर ही अधिनियम के प्राविधान लागू होते है। उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम 1996 की धारा-3 द्वारा अधिनियम से आवर्त सभी भवनों एवं सन्निर्माणों के लागत का एक फीसद धनराशि उपकर के रूप में लिए जाने का प्राविधान है। योगी सरकार के सरकार के गठन के दिनांकएक अप्रैल.2017 से 31 अप्रैल.2021 तक कुल 2966.18 करोड़ रूपये की धनराशि उपकर के रूप में सरकार को प्राप्त हुयी है। उपकर के रूप में प्राप्त धनराशि का उपयोग पंजीकृत निर्माण श्रमिकों हेतु संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर व्यय किया जाता है।

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