Ghaziabad-Aligarh Expressway : टोल टैक्स भरपूर, यात्रियों से सुविधाएं कोसों दूर Aligarh News
गाजियाबाद- अलीगढ़ एक्सप्रेस वे पर गुजरने वाले वाहन चालकों से टोल टैक्स तो भरपूर वसूला जा रहा है लेकिन बदले में उन्हें अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है । टूटी सड़क और उनमें गहरे गड्ढे वाहन चालकों की परेशानी बन रही हैं।
By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Updated: Wed, 30 Dec 2020 07:22 AM (IST)
अलीगढ़, विवेक शर्मा। राष्ट्रीय राज्य मार्ग एनएच 91 पर गाजियाबाद- अलीगढ़ एक्सप्रेस वे पर गुजरने वाले वाहन चालकों से टोल टैक्स तो भरपूर वसूला जा रहा है, लेकिन बदले में उन्हें अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है । टूटी सड़क और उनमें गहरे गड्ढे वाहन चालकों की परेशानी बन रही हैं। तेज रफ्तार वाहन एवं चालकों में ट्रैफिक सेंस न होने से हाईवे की सड़क खूनी सड़क बन रही है । हाईवे पर न तो एनएचएआई कोई ध्यान दे रहा है और न ही टैक्स वसूलने वाली गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेस वे कंपनी कोई ध्यान दे रही है । हाईवे पर दुर्घटना से बचने के लिए इंडीकेटर, फ्लैक्स, साइन बोर्ड आदि भी नही लगे हुए हैं, इससे यहां हर रोज छोेटे व बड़े हादसे हाेते रहते हैं । हाईवे पर बने ब्लैक स्पॉट लगातार हादसों को दावत देते नजर आते हैं ।
हादसों को आमंत्रण दे रहीं ओवरब्रिज की टूटी रैलिंग
हाईवे ओवरब्रिज (पैराई पुल) पर लगी रैलिंग जगह-जगह से टूटी पड़ी हैं। इसके चलते पूर्व में भी कई हादसे घटित हो चुके हैं । फिर भी संबंधित विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है, जिससे हर समय यहां हादसों का खतरा मंडराता रहता है । अति व्यस्त रहने वाले नेशनल हाईवे-91 से दिन भर में सैकड़ों वीआईपी व प्रशासनिक अधिकारी गुजरते हैं, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता है। कई बार क्षेत्रीय लोग संबंधित विभाग से शिकायत कर चुके हैं। फिर भी रैलिंग को सही कराने व सड़क की जर्जर स्थिति में सुधार के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं ।
हादसों का सबब बन रहे गढ्ढे
हाईवे पर खैरेश्वर चौराहे से लेकर अलीगढ़-बुलंदशहर की सीमा तक सड़क जगह-जगह गढ्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। संबंधित विभाग ने सड़कों पर हो रहे गढ्ढों के नाम पर केवल पेचवर्क कर महज औपचारिकता निभा दी, लेकिन सड़क में गढ्ढे फिर से उभर आए हैं । हाईवे पर जगह-जगह हो रहे गढ्ढे लगातार हादसों का कारण बन रहे हैं । इन गढ्ढों को बचाने के प्रयास में वाहन चालक दूसरे वाहनों से टकरा जाते हैं या फिर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं । पिछले एक माह में हाईवे गढ्ढों के चलते दस से अधिक हादसे हो चुके हैं । जिसमें दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं वहीं दो लोग अपनी जान तक गवां चुके हैं। हाईवे पर लगी अधिकांश लाइटें रात्रि में बंद रहती हैं और सड़क पर अंधेरा छाया रहता है।
जानलेवा बन रहे अवैध कट
हाइवे पर होने वाले हादसों का कारण सड़क पर सुविधा के लिए छोड़े गए कट जानलेवा बने हुए हैं । इन्हें मौत के कट कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगा । हाईवे पर महरावल पुल, भरतरी, पचपेड़ा मोड़, बीधानागर कट, चूहरपुर तिराहा, बरौली मोड़, दौरऊ मोड़, पहावटी मोड़ पर बने अवैध कट पिछले एक साल में सैकड़ों लोगों की जान ले चुके हैं । खतनाक बन चुके इन कटों पर आसपास के लोगों को निकलने में भी डर लगता है ।
ग्रामीणों के बोल
जिस हिसाब से रोड से गुजरने वालों से अधिक टोल टैक्स वसूला जाता है, उस हिसाब से एनएचएआई को लागों को सुविधाएं देने में सुधार करना चाहिए।
- कुशाग्र गौड़
अब कोहरा पड़ने लगा है, सड़क पर सफेद पट्टी पूरी तरह से मिट चुकी हैं। ऐसे में हाईवे पर अंदाज से चलना पड़ता है। जिससे हर वक्त हादसे का डर सताता रहता है ।
- दिव्यांशु शर्मा
हाईवे पर हादसों को रोकने के लिए अवैध कटों पर संबंधित विभाग को संकेतक या साइन बोर्ड लगाने चाहिए । जिससे होने वाले हादसों को रोका जा सके ।
- सचिन सारस्वत
गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेस वे पर गढ्ढों को भरवाने का काम लगातार चल रहा है। हाईवे पर बने अवैध कटों को चिन्हित करके उन्हें बंद कराने का भी अभियान चलाया जा रहा है। जिन जगहों पर हादसे बढ़ गए हैं, वहां पर भी उनकी वजह तलाश कर उनमें सुधार कराया जाएगा ।
- पीपी सिंह, उप महाप्रबंधक, एनएचएआइ
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