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Govardhan Puja 2023: आज घर-घर विराजेंगे गोवर्धन महाराज, जगह-जगह बड़े स्तर पर होंगे कार्यक्रम

आज देशभर में गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाएगा। इस अवसर पर अन्नकूट का कई जगह आयोजन किया जाएगा। पूजन शाम साढ़े सात बजे से किया जाएगा। इसको लेकर लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। गोवर्धन की पूजा करने के लिए श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण की गोवर्धन उठाते हुए आकृति गोबर से बनाएंगे। इसे खील व सूखे रंगों का प्रयोग करके सजाया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Tue, 14 Nov 2023 06:30 AM (IST)
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आज घर-घर विराजेंगे गोवर्धन महाराज, जगह-जगह बड़े स्तर पर होंगे कार्यक्रम

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। देशभर में गोवर्धन पूजन मंगलवार को होगा। इस अवसर पर अन्नकूट का कई जगह आयोजन किया जाएगा। पूजन शाम साढ़े सात बजे से किया जाएगा। इसको लेकर लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। गोवर्धन की पूजा करने के लिए श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण की गोवर्धन उठाते हुए आकृति गोबर से बनाएंगे। इसे खील व सूखे रंगों का प्रयोग करके सजाया जाएगा।

घरों के अलावा स्कूल, कॉलेज व मंदिरों में कार्यक्रम होंगे। एसएमबी इंटर कालेज में बड़े स्तर पर गोवर्धन पूजा व प्रसाद वितरण कार्यक्रम होगा। इसके अलावा खैर रोड पर नगला मसानी स्थित गोशाला व नौरंगाबाद स्थित बीदास कंपाउड में महामंडलेश्वर डा. पूजा शकुन पांडेय के निवास और श्री वार्ष्णेय मंदिर आदि पर बड़े स्तर पर गोवर्धन महाराज सजाए जाएंगे। भैया दूज व चित्रगुप्त जयंती बुधवार को मनाया जाएगा।

यहां होगा कार्यक्रम

मुख्य कार्यक्रम केपी इंटर कॉलेज में होगा। भाजपा के महानगर अध्यक्ष ई.राजीव शर्मा ने बताया कि ब्रजस्थ मिथिलांचल परिषद वामिका वाहिनी द्वारा एसएमबी इंटर कालेज में गोवर्धन पूजा व अन्नकूट प्रसाद वितरण होगा। सुबह 11 बजे गोवर्धन पूजा के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। भजनों के साथ-साथ स्कूली बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करेंगे। इस दौरान कुछ मेधावी विद्याथियों को भी सम्मानित किया जाएगा।

सात कोस के बराबर सात परिक्रमा

श्रीगुरु ज्योतिष शोध संस्थान के अध्यक्ष पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया गोवर्धन पूजन का शाम 7:30 बजे से रात साढ़े नौ बजे तक किया जा सकता है। गोवर्धन की सात परिक्रमा लगाई जाती है, जिसे सात कोस की परिक्रमा का दर्जा प्राप्त है।

दीपावली के दूसरे दिन गोबर से गोवर्धन का स्वरूप बनाकर पूजा जाता है। अगले दिन गोबर को कंडों (उपलों) के रूप में प्रयोग होता है। जिन्हें धार्मिक कार्यों में उपयोग किया जाता है।-भावना शर्मा, अचलताल द्वारिकापुरी

ब्रज क्षेत्र में गोवर्धन पूजा को लेकर विशेष उत्साह रहता है। इसलिए गोवर्धन पूजा के अगले दिन गोबर को फेंका नहीं जाता। इसके कंडे पाथे जाते हैं। कंडों का प्रयोग शुभकार्य में होता है।अनीता, गांव कारेका

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